टै्रक्टर-कार भिड़े, बालक की मौत
जोधपुर सीमा पर हुआ सड़क हादसा
रोहट (पाली) नेशनल हाइवे 65 पर रोहट के निकट जोधपुर-पाली सीमा में रविवार को दिन में कार व ट्रैक्टर की भिड़ंत में दस साल के बालक की मौत हो गई, जबकि कार चालक समेत परिवार के चार लोग घायल हो गए। पाली के सोजतिया बास में रहने वाले एक ही परिवार के ये लोग कार से जोधपुर जा रहे थे। हादसे में घायल सभी लोगों का जोधपुर में उपचार चल रहा है।
पुलिस के अनुसार पाली के सोजतिया बास निवासी प्रदीप कवाड़ (42) पुत्र विजयराज अपनी पत्नी राजकुमारी, पुत्री डोली (18), आशु (16) तथा पुत्र उदित (10) के साथ रविवार दोपहर को कार से जोधपुर जा रहे थे। रोहट से कुछ दूरी पर जोधपुर सीमा में उधर से गुजर रहे ट्रैक्टर चालक ने कार को टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी जोर से थी कि चालक का संतुलन खो गया और कार पलटी खाते हुए बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे में बालक उदित की मौत हो गई, जबकि चालक समेत पांचों लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद जोधपुर से इमरजेंसी एंबुलेंस 108 तथा बासनी के दुर्घटना थाना प्रभारी पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को जोधपुर के अस्पताल में पहुंचाया। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पाली से समाजसेवी सोहन कवाड़, राजेंद्र भंडारी समेत काफी संख्या में लोग मौके पर और बाद में अस्पताल में पहुंचे। घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। पुलिस ने बालक का शव परिजनों को सौंप दिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर छोड़ मौके से फरार हुए चालक की तलाश की जा रही है।
पोल टूटा, बड़ा हादसा टला
पुलिस का कहना है कि सड़क पर अचानक आए ट्रैक्टर से टकरा कर कार दो-तीन बार पलटी और सड़क के पास खड़े बिजली के पोल से टकरा गया। इससे बिजली का पोल टूट गया, लेकिन तार सलामत रहने से बड़ा हादसा टल गया।
रोहट (पाली) नेशनल हाइवे 65 पर रोहट के निकट जोधपुर-पाली सीमा में रविवार को दिन में कार व ट्रैक्टर की भिड़ंत में दस साल के बालक की मौत हो गई, जबकि कार चालक समेत परिवार के चार लोग घायल हो गए। पाली के सोजतिया बास में रहने वाले एक ही परिवार के ये लोग कार से जोधपुर जा रहे थे। हादसे में घायल सभी लोगों का जोधपुर में उपचार चल रहा है।
पुलिस के अनुसार पाली के सोजतिया बास निवासी प्रदीप कवाड़ (42) पुत्र विजयराज अपनी पत्नी राजकुमारी, पुत्री डोली (18), आशु (16) तथा पुत्र उदित (10) के साथ रविवार दोपहर को कार से जोधपुर जा रहे थे। रोहट से कुछ दूरी पर जोधपुर सीमा में उधर से गुजर रहे ट्रैक्टर चालक ने कार को टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी जोर से थी कि चालक का संतुलन खो गया और कार पलटी खाते हुए बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे में बालक उदित की मौत हो गई, जबकि चालक समेत पांचों लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलने के बाद जोधपुर से इमरजेंसी एंबुलेंस 108 तथा बासनी के दुर्घटना थाना प्रभारी पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को जोधपुर के अस्पताल में पहुंचाया। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पाली से समाजसेवी सोहन कवाड़, राजेंद्र भंडारी समेत काफी संख्या में लोग मौके पर और बाद में अस्पताल में पहुंचे। घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। पुलिस ने बालक का शव परिजनों को सौंप दिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर छोड़ मौके से फरार हुए चालक की तलाश की जा रही है।
पोल टूटा, बड़ा हादसा टला
पुलिस का कहना है कि सड़क पर अचानक आए ट्रैक्टर से टकरा कर कार दो-तीन बार पलटी और सड़क के पास खड़े बिजली के पोल से टकरा गया। इससे बिजली का पोल टूट गया, लेकिन तार सलामत रहने से बड़ा हादसा टल गया।
सार-संभाल नहीं होने से पौधे सूखे
कहीं पानी के अभाव में नष्ट होते हैं तो कहीं मवेशी चट कर जाते हैं पौधे, इस बार क्षेत्र की किसी भी स्कूल में नहीं हुआ पौधरोपण
करड़ा सरकार की ओर से हरियाली बढ़ाने व राजस्थान को हरा भरा बनाने के लिए हर साल बारिश के मौसम में स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों समेत नरेगा योजना के तहत पौधरोपण के लक्ष्य आवंटित कर लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कई स्कूलों में पिछले साल लगाए गए पौधे ही नहीं पनपे हैं। कुछ जगहों पर पानी के अभाव में तो कुछ जगहों पर चारदीवारी के अभाव में पौधे खत्म हो गए। वहीं चौकाने वाली बात तो यह है कि हर साल स्कूलों में लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को यह पता नहीं होता कि पिछले साल कितने पौधे लगाए गए थे। साथ ही उनमें से कितने पनपे। इधर, पौधों के नहीं पनपने का जब उनसे कारण पूछा जाता है तो जवाब यही मिलता है कि पानी की कमी और चारदीवारी ऊंची नहीं होने से पौधे नष्ट हो जाते हैं। ऐसे ही पिछले वर्ष कस्बे के बालिका विद्यालय में लगाए गए करीब 50 पौधे चारदीवारी के अभाव में मवेशी चट कर गए।
इस बार यहां नहीं हुआ पौधरोपण :जहां सोमवार को पूरे राजस्थान में एक साथ 11 हजार स्कू लों में सवेरे 11 बजे 11 लाख पौधे लगाने का दावा किया जा रहा था, वहीं कस्बे समेत क्षेत्र के गांवों में संचालित किसी भी विद्यालय में पौधरोपण हुआ ही नहीं। शिक्षा विभाग की ओर से न तो इन विद्यालयों में पौधे पहुंचाए गए और न ही विद्यालय प्रशासन ने स्वयं के स्तर पर पौधों की व्यवस्था की।
पिछली साल कहां कितने लगे पौधे : पिछली साल भी सरकार की ओर से पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करड़ा में 100 पौधे लगाए गए। पर इनमें से मात्र 10 पौधे ही पनप पाए। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कोड़का में लगाए गए 50 में से 12, राउमावि कोड़का में लगे 50 में से 15, रामावि दांतवाड़ा में लगे 40 में से 20, रामावि चाटवाड़ा में लगे 70 में से 10, रामावि करवाड़ा बी ढाणी में लगे 60 में से 15 पौधे ही पनप पाए। इसी तरह कस्बे के बालिका विद्यालय व राउप्रावि पाल वाली नाड़ी भाटीप में 50-50 पौधे लगाए गए, लेकिन इनमें से एक भी नहीं पनपा। इस तरह क्षेत्र के प्रत्येक सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में पौधे लगाए गए, लेकिन इतने पौधे क्यों नष्ट हुए? इसका जवाब अध्यापकों के पास भी नहीं है।
पानी के लिए सीमित बजट :हरित राजस्थान के तहत सरकारी स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण तो कर दिया जाता है, लेकिन इन पौधों को पानी देने के लिए खुद सरकार ही पर्याप्त बजट आवंटित नहीं कर पाती है। अभावग्रस्त इलाकों में पानी की भयंकर समस्या के चलते स्कूली बच्चों को भी बड़ी मुश्किल से पानी नसीब हो पाता है। ऐसे में भला पौधों के लिए पानी की व्यवस्था नाम मात्र के बजट में कैसे की जा सकती है। क्षेत्र में कई स्थानों पर विद्यालय आज भी ऐसे हैं, जहां आज तक चारदीवारी का निर्माण नहीं हो पाया है। अगर हुआ भी है तो उसकी ऊंचाई कम होने से मवेशी विद्यालय परिसर में लगे पौधों को चट कर जाते हैं। ऐसे में पौधरोपण से पहले चारदीवारी की समस्या पर अधिकारियों का कतई ध्यान नहीं जा पाता है और पौधरोपण को लेकर लक्ष्य पर लक्ष्य आवंटित कर दिए जाते हैं।
लौटकर नहीं आते जनप्रतिनिधि
हर साल विद्यालयों में पौधरोपण कार्यक्रम के तहत मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के तौर पर जनप्रतिनिधि व समाजसेवी पहुंचते हैं। पर खास बात तो यह है कि ये लोग एक दिन स्कूलों में जाकर पौधरोपण के बाद फोटो खिंचवाकर इतिश्री कर लेते हैं, लेकिन इसके बाद कभी स्कूलों व रोपे गए पौधों की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते हैं। अगर समय-समय पर उनके द्वारा भी पौधों की सुध ली जाए तो राजस्थान हरा भरा जरूर हो सकता है।
करड़ा सरकार की ओर से हरियाली बढ़ाने व राजस्थान को हरा भरा बनाने के लिए हर साल बारिश के मौसम में स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों समेत नरेगा योजना के तहत पौधरोपण के लक्ष्य आवंटित कर लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कई स्कूलों में पिछले साल लगाए गए पौधे ही नहीं पनपे हैं। कुछ जगहों पर पानी के अभाव में तो कुछ जगहों पर चारदीवारी के अभाव में पौधे खत्म हो गए। वहीं चौकाने वाली बात तो यह है कि हर साल स्कूलों में लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को यह पता नहीं होता कि पिछले साल कितने पौधे लगाए गए थे। साथ ही उनमें से कितने पनपे। इधर, पौधों के नहीं पनपने का जब उनसे कारण पूछा जाता है तो जवाब यही मिलता है कि पानी की कमी और चारदीवारी ऊंची नहीं होने से पौधे नष्ट हो जाते हैं। ऐसे ही पिछले वर्ष कस्बे के बालिका विद्यालय में लगाए गए करीब 50 पौधे चारदीवारी के अभाव में मवेशी चट कर गए।
इस बार यहां नहीं हुआ पौधरोपण :जहां सोमवार को पूरे राजस्थान में एक साथ 11 हजार स्कू लों में सवेरे 11 बजे 11 लाख पौधे लगाने का दावा किया जा रहा था, वहीं कस्बे समेत क्षेत्र के गांवों में संचालित किसी भी विद्यालय में पौधरोपण हुआ ही नहीं। शिक्षा विभाग की ओर से न तो इन विद्यालयों में पौधे पहुंचाए गए और न ही विद्यालय प्रशासन ने स्वयं के स्तर पर पौधों की व्यवस्था की।
पिछली साल कहां कितने लगे पौधे : पिछली साल भी सरकार की ओर से पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय करड़ा में 100 पौधे लगाए गए। पर इनमें से मात्र 10 पौधे ही पनप पाए। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कोड़का में लगाए गए 50 में से 12, राउमावि कोड़का में लगे 50 में से 15, रामावि दांतवाड़ा में लगे 40 में से 20, रामावि चाटवाड़ा में लगे 70 में से 10, रामावि करवाड़ा बी ढाणी में लगे 60 में से 15 पौधे ही पनप पाए। इसी तरह कस्बे के बालिका विद्यालय व राउप्रावि पाल वाली नाड़ी भाटीप में 50-50 पौधे लगाए गए, लेकिन इनमें से एक भी नहीं पनपा। इस तरह क्षेत्र के प्रत्येक सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में पौधे लगाए गए, लेकिन इतने पौधे क्यों नष्ट हुए? इसका जवाब अध्यापकों के पास भी नहीं है।
पानी के लिए सीमित बजट :हरित राजस्थान के तहत सरकारी स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों पर पौधरोपण तो कर दिया जाता है, लेकिन इन पौधों को पानी देने के लिए खुद सरकार ही पर्याप्त बजट आवंटित नहीं कर पाती है। अभावग्रस्त इलाकों में पानी की भयंकर समस्या के चलते स्कूली बच्चों को भी बड़ी मुश्किल से पानी नसीब हो पाता है। ऐसे में भला पौधों के लिए पानी की व्यवस्था नाम मात्र के बजट में कैसे की जा सकती है। क्षेत्र में कई स्थानों पर विद्यालय आज भी ऐसे हैं, जहां आज तक चारदीवारी का निर्माण नहीं हो पाया है। अगर हुआ भी है तो उसकी ऊंचाई कम होने से मवेशी विद्यालय परिसर में लगे पौधों को चट कर जाते हैं। ऐसे में पौधरोपण से पहले चारदीवारी की समस्या पर अधिकारियों का कतई ध्यान नहीं जा पाता है और पौधरोपण को लेकर लक्ष्य पर लक्ष्य आवंटित कर दिए जाते हैं।
लौटकर नहीं आते जनप्रतिनिधि
हर साल विद्यालयों में पौधरोपण कार्यक्रम के तहत मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के तौर पर जनप्रतिनिधि व समाजसेवी पहुंचते हैं। पर खास बात तो यह है कि ये लोग एक दिन स्कूलों में जाकर पौधरोपण के बाद फोटो खिंचवाकर इतिश्री कर लेते हैं, लेकिन इसके बाद कभी स्कूलों व रोपे गए पौधों की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते हैं। अगर समय-समय पर उनके द्वारा भी पौधों की सुध ली जाए तो राजस्थान हरा भरा जरूर हो सकता है।
झूमकर बरसीं काली घटाएं |
माउंट आबू जिलेभर में रविवार को कई स्थानों पर बारिश हुई। माउंट आबू में रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे से दो घंटे तेज बारिश हुई।इससे मौसम खुशनुमा हो गया। संडे के दिन हुई बारिश ने पिकनिक स्पॉट पर गए लोगों का मजा दुगुना कर दिया। सिरोही में रविवार सुबह पहाड़ों की ओट से सूर्य देवता बाहर आए तो तीखे तेवर दिखाए। तीखी धूप शरीर में चुभन पैदा कर रही थी। वहीं उमस ने घर में भी बेचैन कर रखा था। दोपहर 2 बजे बाद आसमान को काले बादलों ने घेर लिया। इसके साथ तेज हवा चलने लगी तो लगा कि बादल बिखर जाएंगे, किंतु हवा के साथ बारिश बढ़ती गई। पौन घंटे तक शहर व आसपास क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई। इससे माहौल खुशनुमा हो गया। वातावरण में घुली ठंडक शहरवासियों को स्वत: ही पर्यटक स्थलों की ओर खींच रही थी। रविवार छुट्टी के दिन मौसम सुहाना होने से पिकनिक के इरादे से निकले लोगों का मजा दुगुना हो गया। शहरवासियों ने पिकनिक स्पॉट पर ही भीगने का आनंद लिया |
सीमा पर सघन तलाशी |
गुजरात पुलिस ने अत्याधुनिक उपकरणों से की जांच, यात्रियों की भी सघन तलाशी आबूरोड मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के बाद से पुलिस ने चौकसी तेज कर दी है।रविवार को गुजरात पुलिस ने सीमा पर वाहनों की सघन तलाशी ली।राजस्थान सीमा के निकट स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, बम निरोधक दस्ता व गुजरात पुलिस ने संयुक्त रूप से सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने गुजरात में प्रवेश करने वाली रोडवेज व प्राइवेट बस, सभी छोटे व बड़े वाहन, ट्रक आदि की सघन तलाशी ली। इस दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया गया। इसमें अंडर व्हील सर्च, टाइमर डिटेक्टर, हेल्थ मेटल डिटेक्टर तथा क्रॉन्डर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से वाहन तथा यात्रियों की सघन तलाशी ली गई। इस तलाशी अभियान में थानाधिकारी मयूर पटेल, एसओजी ग्रुप प्रभारी सहित अन्य पुलिस जाब्ता तैनात था। अभियान के दौरान गुजरात पुलिस ने दोपहिया वाहन चालकों की भी मेटल डिटेक्टर से जांच की। |
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