नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज 30 साल के हो गए हैं। उन्होंने सिर्फ 6 साल में जो कामयाबी पाई है, वह दुनिया के किसी भी क्रिकेटर के लिए सपना ही है। उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देते हुए हम याद कर रहे हैं उनकी 15 कामयाबी।
विश्व कप 2011 में जीत:यह धोनी के लिए अब तक की सबसे बड़ी और पूरे भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में जैसा नेतृत्व दिया और फाइनल मुकाबले में जैसा खेल दिखाया, उसे देख कर ही उनके साथी खिलाड़ी युवराज सिंह ने उन्हें 'फटने के लिए तैयार एक बम' कहा था।
विश्व कप फाइनल की शानदार पारी: श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप के फाइनल मैच में कई बार ऐसा लगने लगा था कि कप विरोधी टीम ही ले जाएगी। लेकिन धोनी ने अपना रूप दिखाया और कप भारत को ही दिलवाया। 79 गेंद में 91 रन की नाबाद पारी खेल कर धोनी टीम इंडिया को जीत दिला गए थे। उनसे पहले वर्ल्ड कप में ऐसी तूफानी पारी केवल दो कप्तान ही खेल पाए थे और भारतीय खिलाड़ी द्वारा ऐसी पारी खेले जाने का यह पहला उदाहरण था।
टी20वर्ल्ड कप में जीत: 2007 में पहली बार धोनी ने कोई विश्व खिताब जीता। यह वही साल था जब 50 ओवर के वर्ल्ड कप से भारत को बाहर होना पड़ा था। टी20 फॉरमैट से राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली जैसे सीनियर के बाहर रहने के बाद कमान धोनी को सौंपी गई थी और उन्होंने विश्व खिताब दिलवा कर न केवल खुद को, बल्कि बोर्ड के निर्णय को भी सही साबित कर दिया और करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों को 50 ओवर के वर्ल्ड कप से भारत के बाहर होने का गम भुला कर खुशी मनाने का सबब भी दिया।
आईपीएल 2010 में जीत:जब इंडियन प्रीमियर लीग वजूद में आया तो धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी थे। उन पर चेन्नई सुपर किंग्स ने दांव लगाया था। उन्होंने फ्रेंचाइजी को उनके पैसे की पूरी कीमत लौटाई। पहले दो सीजन में टीम को सेमीफाइनल तक ले गए और 2010 में तो खिताब ही दिला दिया।
चैंपियंस लीग 2010 में जीत:चैंपियंस लीग टी20 में भी धोनी ने विश्व स्तर पर अपनी टीम की मौजूदगी का अहसास कराया और चेन्नई सुपर किंग्स ने चैंपियंस लीग टी20 ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया।
विश्व कप 2011 में जीत:यह धोनी के लिए अब तक की सबसे बड़ी और पूरे भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में जैसा नेतृत्व दिया और फाइनल मुकाबले में जैसा खेल दिखाया, उसे देख कर ही उनके साथी खिलाड़ी युवराज सिंह ने उन्हें 'फटने के लिए तैयार एक बम' कहा था।
विश्व कप फाइनल की शानदार पारी: श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप के फाइनल मैच में कई बार ऐसा लगने लगा था कि कप विरोधी टीम ही ले जाएगी। लेकिन धोनी ने अपना रूप दिखाया और कप भारत को ही दिलवाया। 79 गेंद में 91 रन की नाबाद पारी खेल कर धोनी टीम इंडिया को जीत दिला गए थे। उनसे पहले वर्ल्ड कप में ऐसी तूफानी पारी केवल दो कप्तान ही खेल पाए थे और भारतीय खिलाड़ी द्वारा ऐसी पारी खेले जाने का यह पहला उदाहरण था।
टी20वर्ल्ड कप में जीत: 2007 में पहली बार धोनी ने कोई विश्व खिताब जीता। यह वही साल था जब 50 ओवर के वर्ल्ड कप से भारत को बाहर होना पड़ा था। टी20 फॉरमैट से राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली जैसे सीनियर के बाहर रहने के बाद कमान धोनी को सौंपी गई थी और उन्होंने विश्व खिताब दिलवा कर न केवल खुद को, बल्कि बोर्ड के निर्णय को भी सही साबित कर दिया और करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों को 50 ओवर के वर्ल्ड कप से भारत के बाहर होने का गम भुला कर खुशी मनाने का सबब भी दिया।
आईपीएल 2010 में जीत:जब इंडियन प्रीमियर लीग वजूद में आया तो धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी थे। उन पर चेन्नई सुपर किंग्स ने दांव लगाया था। उन्होंने फ्रेंचाइजी को उनके पैसे की पूरी कीमत लौटाई। पहले दो सीजन में टीम को सेमीफाइनल तक ले गए और 2010 में तो खिताब ही दिला दिया।
चैंपियंस लीग 2010 में जीत:चैंपियंस लीग टी20 में भी धोनी ने विश्व स्तर पर अपनी टीम की मौजूदगी का अहसास कराया और चेन्नई सुपर किंग्स ने चैंपियंस लीग टी20 ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया।
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