रविवार, 10 जुलाई 2011

शहीद सैनिक ने लड़की के रूप में लिया जन्म

 

कैथल। दावा किया जा रहा है कि दुश्मनों की गोली का शिकार होकर वीरगति को प्राप्त कैथल के गांव बात्ता के सैनिक मुकेश का पुनर्जन्म हुआ है, लेकिन इस बार लड़की के रूप में जो चार साल की हो गई है।
सोनम नाम की यह लड़की सोनीपत के गांव बरौदा में पैदा हुई थी। बात्ता पहुंच कर जब उसने अपने पुनर्जन्म बात कही तो गांव वासी सुखद आश्चर्य में डूब गए।
सोनम ने पिछले जन्म की बहुत सी बातें बताईं हैं। उसके मुताबिक पिछले जन्म में उसका नाम मुकेश था। वह सैनिक था और जम्मू में दुश्मनों से लड़ते हुए उसे गोली लग गई थी और बाद में उसे ट्रेन के नीचे फेंक दिया गया था।
शनिवार देर शाम सोनम अपने माता-पिता के साथ बात्ता आई और मुकेश के घर खुद ही पहुंच गई। धीरे-धीरे सोनम ने मां-बाप, भाई-भाभी, चाचा-चाची, सहपाठियों के नाम गिनाना और उन्हें पहचानना शुरू किया तो लोगों को उसका भरोसा करना ही पड़ा।
ऐसे याद आया पहला जन्म
कुछ दिन पहले गांव बात्ता निवासी मास्टर अमृत की पत्नी बीरमति अपने मायके बरौदा गई हुई थी। वहां सोनम ने उसे पहचान लिया और गांव बात्ता की बातें बताने लगी। यह सुनकर बीरमति हैरान रह गई। बात्ता लौटकर उसने सारी कहानी धर्म सिंह और उसकी पत्नी उर्मिला को बताई। सैनिक मुकेश इन्हीं का पुत्र था।
सोनम के बारे में सुनकर उनसे रहा नहीं गया और शनिवार को मुकेश के चाचा-चाची और बड़ा भाई विनोद गांव बरौदा पहुंच गए। वहां जाते ही सोनम ने तीनों को नाम के साथ पहचान लिया। वे सोनम को उसकी मां शीला व ताई के साथ बात्ता ले कर आए।
गांव बात्ता में उसके घर से दूर ही उसे गाड़ी से उतार दिया। सोनम गाड़ी से उतरते ही अपने घर पहुंच सबके नाम गिनाने लगी।
पहली मां से चिपक गई सोनम
घर पहुंचते ही सोनम अपने पिछले जन्म की मां उर्मिला से चिपक गई और वह अपनी इस जन्म की मां शीला के पास नहीं आई। शीला ने बताया कि सोनम सुबह से ही उन्हें कह रही थी कि आज गांव बात्ता से उसके पूर्व जन्म के मां बाप उसे लेने आएंगे।
वह प्रार्थना कर रही थी कि बारिश न हो। बात्ता पहुंचकर उसने अपने सहपाठी विजेंद्र को भी पहचान लिया और बताया कि वह नौवीं कक्षा तक साथ पढ़े थे। उसने गांव के डेरा बाबा बीरपुरी को भी पहचान लिया।
मुझे गोली मारी थी
सोनम का कहना है कि पिछले जन्म में जब वह मुकेश था तब 29 जुलाई 2002 को जम्मू में वह अपनी ड्यूटी पर था। उसे एक गोली लगी और उसके बाद उसे ट्रेन के नीचे फेंक दिया गया। उसने फौज के कई किस्से भी बताए। उसने पेट पर लगी गोली का निशान दिखाने के लिए भी इशारा किया, जहां अभी भी हलका सा निशान नजर आ रहा था।
भीड़ देख सहम गई सोनम
नन्ही सी सोनम ने अपने पूर्व जन्म के गांव, गली, परिवार व सहपाठियों को तो पहचान लिया, लेकिन वह गांव में उसे देखने के लिए लगी लोगों की भीड़ देखकर सहम गई। समाचार लिखे जाने तक सोनम अपनी पूर्व जन्म की मां उर्मिला की गोद में थी और गांव में उसे देखने वालों का तांता लगा था।

 

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