तिरुवनंतपुरम. केरल में 18 वीं सदी में बने पद्मनाभा स्वामी मंदिर के तहखाने के एक कमरे से एक टन सोना निकला है। इसमें हजारों साल पुराने सोने के सिक्के और 9 फुट लंबी सोने की चेन शामिल है। साथ ही बड़ी मात्रा में हीरे जवाहरात भी इसमें पाया गया है।
एक अनुमान के मुताबिक मंदिर के एक ही तहखाने से करीब 50 हजार करोड़ रुपये मूल्य का खजाना मिला है। अभी मंदिर का दूसरा तहखाना खोला जाना बाकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस दौलत के दम पर पद्मनाभा स्वामी मंदिर ट्रस्ट तिरुपति बालाजी ट्रस्ट को दौलत के मामले में पीछे छोड़कर देश का सबसे धनवान ट्रस्ट का खिताब हासिल कर सकता है। गौरतलब है कि तिरुपति बालाजी ट्रस्ट के पास करीब 50 हजार करोड़ की संपत्ति बताई जाती है।
अग्निशमन विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की मदद से एक टीम ने पद्मनाभा स्वामी मंदिर के नीचे एक तहखाना खोला। तहखाना खोलने पर टीम ने देखा कि सीढ़ियां ग्रेनाइट के कमरे तक नीचे जा रही हैं। इस बीच ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए बाहर से ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही थी। साथ ही चैंबर में रोशनी की व्यवस्था भी गई थी ताकि टीम को काम करने में सहूलियत हो सके। तहखाने में टीम को 2.5 किलो वजन की नौ फुट लंबी सोने की चेन, सोने की रस्सियां, हीरे और नीलम से भरे घड़े मिले। हीरे और नीलम जड़े हुए हजारों साल पुराने प्राचीन आभूषण, महंगे रत्नों से सजे मुकुट भी तहखाने से बरामद हुए हैं। शुक्रवार को 17 किलोग्राम ऐसे सोने के सिक्के भी मिले हैं, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के समय के बताए जाते हैं। वहीं, 18 सिक्के नेपोलियन के समय के बताए जा रहे हैं। सोने से बना एक छोटा हाथी भी मिला है।
मंदिर के नीचे छह तहखाने हैं। इन्हें ‘ए’ से लेकर ‘एफ’ तक नाम दिया गया है। अभी सिर्फ ‘ए’ तहखाने को खोला गया है। 1872 के बाद से अब तक ‘ए’ और ‘बी’ तहखाने को कभी नहीं खोला गया है। कहा जा रहा है कि सिर्फ ‘ए’ तहखाने से अब तक मिले खजाने की कीमत ही 50 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा है। अभी ‘बी’ तहखाने को खोला जाना बाकी है। हालांकि, पद्मनाभा स्वामी मंदिर के ए तहखाने से मिले खजाने की कीमत का अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के नीचे तहखाने में मौजूद खजाने को हाई कोर्ट के दो रिटायर जजों की निगरानी में खोलने का काम मंगलवार को शुरू हुआ था।
एक अनुमान के मुताबिक मंदिर के एक ही तहखाने से करीब 50 हजार करोड़ रुपये मूल्य का खजाना मिला है। अभी मंदिर का दूसरा तहखाना खोला जाना बाकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस दौलत के दम पर पद्मनाभा स्वामी मंदिर ट्रस्ट तिरुपति बालाजी ट्रस्ट को दौलत के मामले में पीछे छोड़कर देश का सबसे धनवान ट्रस्ट का खिताब हासिल कर सकता है। गौरतलब है कि तिरुपति बालाजी ट्रस्ट के पास करीब 50 हजार करोड़ की संपत्ति बताई जाती है।
अग्निशमन विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की मदद से एक टीम ने पद्मनाभा स्वामी मंदिर के नीचे एक तहखाना खोला। तहखाना खोलने पर टीम ने देखा कि सीढ़ियां ग्रेनाइट के कमरे तक नीचे जा रही हैं। इस बीच ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए बाहर से ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही थी। साथ ही चैंबर में रोशनी की व्यवस्था भी गई थी ताकि टीम को काम करने में सहूलियत हो सके। तहखाने में टीम को 2.5 किलो वजन की नौ फुट लंबी सोने की चेन, सोने की रस्सियां, हीरे और नीलम से भरे घड़े मिले। हीरे और नीलम जड़े हुए हजारों साल पुराने प्राचीन आभूषण, महंगे रत्नों से सजे मुकुट भी तहखाने से बरामद हुए हैं। शुक्रवार को 17 किलोग्राम ऐसे सोने के सिक्के भी मिले हैं, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के समय के बताए जाते हैं। वहीं, 18 सिक्के नेपोलियन के समय के बताए जा रहे हैं। सोने से बना एक छोटा हाथी भी मिला है।
मंदिर के नीचे छह तहखाने हैं। इन्हें ‘ए’ से लेकर ‘एफ’ तक नाम दिया गया है। अभी सिर्फ ‘ए’ तहखाने को खोला गया है। 1872 के बाद से अब तक ‘ए’ और ‘बी’ तहखाने को कभी नहीं खोला गया है। कहा जा रहा है कि सिर्फ ‘ए’ तहखाने से अब तक मिले खजाने की कीमत ही 50 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा है। अभी ‘बी’ तहखाने को खोला जाना बाकी है। हालांकि, पद्मनाभा स्वामी मंदिर के ए तहखाने से मिले खजाने की कीमत का अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के नीचे तहखाने में मौजूद खजाने को हाई कोर्ट के दो रिटायर जजों की निगरानी में खोलने का काम मंगलवार को शुरू हुआ था।
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