पुणे। महाराष्ट्र में पुणे की 33 वर्षीय सुचेता 1623 किलोमीटर में फैले गोबी रेगिस्तान पार करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। गोबी रेगिस्तान एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का पांचवा बड़ा रेगिस्तान है।
रिपले डेवनपोर्ट की अगुवाई में गए 13 सदस्यीय अभियान में शामिल सुचेता ने अपना अभियान 15 जुलाई को पूरा किया। तब 60 दिवसीय इस अभियान के खत्म होने में नौ दिन बाकी थे।
मंगोलिया की रेत की गर्मी में यह साहसिक कारनामा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बन गई हैं। इस अभियान के लिए गए 13 सदस्यीय दल में से केवल सात ही मंजिल तक पहुंच पाए। सुचेता कदेथांकर के साथ साथ ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की एक एक महिला को भी गोबी रेगिस्तान पार करने में सफलता मिली। शेष छह सदस्य घायल होने या किसी अन्य कारण के चलते अभियान से अलग हो गए थे।
शहर वापस लौटने के बाद सुचेता ने कहा कि गोबी को पार करते समय सबसे बड़ी चुनौती मिशन पूरा करने को हौसला बनाए रखने की थी। पर्वतारोहण के दौरान जहां हर कदम पर परिदृश्य बदलता रहता है वहीं रेगिस्तान में दूर दूर तक केवल रेत ही नजर आती है।
अभियान के दौरान सुचेता हर दिन औसतन 32 किमी चलती थीं। 25 मई को उनका अभियान मंगोलिया के खोंगोर्न के उत्तर से शुरू हुआ था
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