इस्लामाबाद. अमेरिका भी मान चुका है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन भारत सहित पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुके हैं लेकिन इसके उलट यहां का मीडिया भारतीय सुरक्षा बलों को पाकिस्तान के खिलाफ जंग के लिए तैयार मानता है। स्थानीय अखबार ‘द नेशन’ ने दावा किया है कि भारत की सेनाएं पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों के लिए हमेशा खतरा बनी हुई हैं। अखबार ने अपने दावे की पुष्टि के लिए पाकिस्तान के सरहदी इलाकों में भारतीय सेना की तैनाती का जिक्र किया है।
हालांकि पाकिस्तानी हुक्मरान ने सीधे तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन अखबार के ‘ऑपिनियन’ कॉलम के तहत छपी इस रिपोर्ट को प्रोपगैंडा कहा जा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया में इससे पहले विकीलीक्स के ‘फर्जी’ खुलासे के जरिये भारत के खिलाफ प्रोपगैंडा किया गया था।
‘द नेशन’ के मुताबिक कश्मीर में सेना की 5 इंफ्रैंट्री डिविजन, 1 इंफ्रैंट्री ब्रिगेड, 1 आर्मर ब्रिगेड और 1 आर्टिलरी ब्रिगेड तैनात हैं जिनका निशाना पाकिस्तान है। इसी तरह पाकिस्तान से लगते भारत के पंजाब और हरियाणा राज्यों में तैनात सेना की कई ब्रिगेड का जिक्र किया गया है। राजस्थान में सेना की 2 इंफ्रैंट्री डिविजनों, 1 आर्मर ब्रिगेड और 1 मैकेनाइज्ड इंफैंट्री ब्रिगेड की तैनाती को भी पाकिस्तान के खिलाफ जंग की तैनाती के तौर पर देखा जाता है।
अखबार सरहदी इलाकों में भारतीय फौज की तैनाती को पाकिस्तान के लिए ‘असली’ खतरा तो मानता ही है, इन फौजों को जरूरत पड़ने पर मदद पहुंचाने के लिए 24 घंटे तैयार सैनिकों का भी जिक्र किया है। अखबार के मुताबिक 70 फीसदी मारतीय फौज पाकिस्तान के खिलाफ तैनात हैं जबकि चीन और बांग्लादेश के खिलाफ सेना के तीन कोर की तैनाती है।
अखबार ने भारतीय सेना के उस ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ का भी जिक्र किया है जो विकीलीक्स के खुलासे में सामने आया था। हालांकि भारतीय सेना के प्रमुख जनरल वी के सिंह ने कहा था कि भारत के पास ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है। लेकिन पाकिस्तानी अखबार के दावे के मुताबिक इस तरह का सिद्धांत पूरी तरह पाकिस्तान को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। अखबार का दावा है कि इस अवधारणा को भारत की केंद्र सरकार और विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है। अखबार ने बीते साल के दौरान भारतीय थल सेना, नौ सेना और वायु सेना की ओर से किए गए 11 युद्धाभ्यासों का जिक्र किया है। इसमें हाल में राजस्थान के बीकानेर-सूरतगढ़ इलाके में संपन्न सैन्य अभ्यास ‘विजयी भव’ का भी हवाला दिया गया है।
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