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बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिला मुख्यालय स्थान पुलिस कन्ट्रोल रूम समय रात सो बारह बजे, कन्ट्रोल रूम स्थ्ति टेलिफोन की धण्टी बजती हैं। कन्ट्रोलर हैलो पुलिस कन्ट्रोल रूम, सामने से आवाज आती है एक औरत की आपके साथ कौन है,जी मेरे अधिकारी, कन्ट्रोलर जवाब देता हें,औरत बोलती हैं कि आपकी औरत तो पास में नही हैं,आप मुझसे दोस्ती करोगे।मरी सगाई हो रखी हैं,धर वाले शादी नही कर रहे।आप मेरी शादी कराओ।नही तो आप ही आ जाओ। कन्ट्रोलर जवाब दे उससे पहले फोन कट जाता हैं।
मुल्क भर में किसी भी अप्रिय घटना की जानकारी कर लिए आपातकालीन डायल 100 की सुविधा आम आवम को मुहेया करवाई गई हें लेकिन अब ये सुविधा पुलिस के लिए ही दुविधा बन रही हें . राजस्थान पुलिस ईन दिनों डायल 100 पर आने वाले फोन के आगे बेबस नजर आ रही हें . एक तरफ जहा ईन नम्बरों पर राहत के लिए आने वाले फोन काल की तादात बेहद कम हें हें वही अशलील बाते और धमकिय देने वालो की तादात बेहद ज्यादा बढ़ गई हें .
भारत और पाकिस्तान की सीमा से सटा जिला बाड़मेर , सरहद पर बसे इस जिले में जहा सामरिक ठिकानो की भरमार हें वही किसी भी अप्रिय घटना से दो दो हाथ करने के लिए पुलिस को हर वक्त मुस्तेद रहना पड़ता हें लेकिन पुलिस का किसी भी घटना तक पहुचने का आधार ही ईन दिनों पुलिस के लिए सर दर्द बना हुआ हें . यह हें बाड़मेर का सबसे बड़ा पुलिस कंट्रोल रूम जहा पर हर दिन 2000-3000 फोन आते हें लेकिन ईन फ़ोनों के कारण यहा तेनात हर कोई बेबस हें . यहा किसी काम से आने वाले फोन की तादात बेहद कम हें जनकी ईन लोगो से अशलील बाते और धमकिया देने वाले लोगो की तादात बेहद ज्यादा हें
बीते कई दिनों से चल रहे इस सिलसिले से जहा कई पुलिस वाले कंट्रोल रूम से अपनी ड्युटी केंसिल करवा चुके हें और कई अपनी बेबसी पर आसू बहाने के आलावा कुछ भी नही कर पा रहे हें . यहा तेनात 55 साल के के एक कानिस्टेबल के मुताबित यहा फोन पर मिल रही गलिया असहनीय हें . ईन के लिए जहा हर किसी का फोन उठाना जरूरी हें वही ईन फोन करने वालो की बात इनके लिए किसी सजा से कम नही हें .
लीला धर ,पुलिस कानिस्टेबल बाड़मेर ने बताया कि यहा फोन पर मिल रही गलिया असहनीय हें . ईन के लिए जहा हर किसी का फोन उठाना जरूरी हें वही ईन फोन करने वालो की बात इनके लिए किसी सजा से कम नही हें .
पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि बाड़मेर पुलिस ने पिछले 2 सालो में हमने 500 से जायदा नम्बरों के खिलाफ क़ानूनी करवाई की गई है हम 10 फीसदी ही इन मामलो में करवाई कर पाते है क्योकि हर दिन एसे फर्जी कॉल सकडो की तादाद में आते है जिसके चलते हर एक के खिलफ करवाई करना संभव नहीं होता है इस मामले में तो पुलिस खुद बेबस हो गयी है ये समस्या राजस्थान के हर एक कंट्रोल रूम में है
राजस्थान पुलिस का अपना नारा हें अपराधियों में डर, आम जन में विश्वास लेकिन राजस्थान के डायल 100 के हालात देख कर लगता हें की यहा पुलिस के पास हें बेबसी और आम जन हें बिंदास
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