रामदेव के समर्थन में धरने पर बैठे डीएफओ
कोरबा। बाबा रामदेव के सत्याग्रह आंदोलन के समर्थन में शनिवार को कोरबा डीएफओ खुलकर सामने आए। उन्होंनेे आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अनशनकारियों की हौसला आफजाई की।
बाबा रामदेव के अनशन के समर्थन में पतंजलि योग समिति और भारत स्वाभिमान न्यास के स्थानीय कार्यकर्ता सुभाष चौक पर धरने पर बैठे हैं। इस आंदोलन में विभिन्न राजनैतिक दल और सामाजिक संस्थानों के लोग शामिल हुए। डीएफओ हेमंत पांडेय ने भी सरकारी मर्यादा को लांघते हुए आंदोलन में शिरकत की। वे घंटों आंदोलन स्थल पर बैठे रहे।
इस दौरान शिवसेना, भाजपा और विभिन्न सामाजिक संस्थानों के लोगों से डीएफओ घिरे रहे। भारतीय वन सेवा का सरकारी अफसर होने के बावजूद केंद्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन में शामिल होने के सवाल पर पांडेय ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। मीडिया के सवालों से घिरते देख बाद में वे आंदोलन स्थल से चले गए। जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष धरम निर्मले ने केंद्र सरकार से डीएफओ के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने बताया कि किसी अफसर का सरकार विरोधी आंदोलन में शामिल होना और खिलाफत करना गंभीर मुद्दा है। भारतीय जनता पार्टी के शासन में सरकारी अफसर बेलगाम होकर ऎसे आंदोलनोें में न सिर्फ शामिल हो रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचाने में भरपूर सहयोग कर रहे हैं।
कोरबा। बाबा रामदेव के सत्याग्रह आंदोलन के समर्थन में शनिवार को कोरबा डीएफओ खुलकर सामने आए। उन्होंनेे आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अनशनकारियों की हौसला आफजाई की।
बाबा रामदेव के अनशन के समर्थन में पतंजलि योग समिति और भारत स्वाभिमान न्यास के स्थानीय कार्यकर्ता सुभाष चौक पर धरने पर बैठे हैं। इस आंदोलन में विभिन्न राजनैतिक दल और सामाजिक संस्थानों के लोग शामिल हुए। डीएफओ हेमंत पांडेय ने भी सरकारी मर्यादा को लांघते हुए आंदोलन में शिरकत की। वे घंटों आंदोलन स्थल पर बैठे रहे।
इस दौरान शिवसेना, भाजपा और विभिन्न सामाजिक संस्थानों के लोगों से डीएफओ घिरे रहे। भारतीय वन सेवा का सरकारी अफसर होने के बावजूद केंद्र सरकार के विरूद्ध आंदोलन में शामिल होने के सवाल पर पांडेय ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। मीडिया के सवालों से घिरते देख बाद में वे आंदोलन स्थल से चले गए। जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष धरम निर्मले ने केंद्र सरकार से डीएफओ के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने बताया कि किसी अफसर का सरकार विरोधी आंदोलन में शामिल होना और खिलाफत करना गंभीर मुद्दा है। भारतीय जनता पार्टी के शासन में सरकारी अफसर बेलगाम होकर ऎसे आंदोलनोें में न सिर्फ शामिल हो रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचाने में भरपूर सहयोग कर रहे हैं।
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