खाकी का खौफ, युवक ने दी जान
नागौर। पहले बस में सहयात्री की जेब काटने के आरोप और बाद में खाकी के खौफ से पीडित होकर जायल के रोल गांव निवासी मोहम्मद रफीक (25) ने रविवार सुबह तालाब में कूदकर जान दे दी। घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया। आक्रोशित लोगों ने रोल-मांगलोद मार्ग जाम कर दिया। बाद में पहुंचे कलक्टर और एसपी ने जाम हटवाया। सम्बंधित थानाधिकारी रामजीलाल मीणा और हैड कांस्टेबल रणजीत सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार मृतक रफीक की दाहिनी आंख के ऊपर तथा बायीं आंख के नीचे खरोंच व ठोड़ी के नीचे रगड़ के निशान हैं।
रफीक और हलकाराराम साटिया शनिवार शाम बस में एक सीट पर नागौर से रोल आए। सफर के दौरान हलकाराराम की जेब से कुछ रूपए गायब हो गए। इस पर हलकाराराम ने मोहम्मद रफीक पर शक जाहिर करते हुए रोल थाने में उसकी शिकायत कर दी। इस पर पुलिस ने रफीक को पूछताछ के लिए थाने बुलवाया।
कुछ देर बाद उसके परिजन भी आ गए तथा दोनों पक्षों में रात करीब 10 बजे सुलह वार्ता चली। इस दौरान तय हुआ कि टोंक के एक भोपा को पूछ लिया जाए। यदि हलकाराराम का आरोप सही हुआ तो रफीक उसे 25 हजार रूपए और टोंक आने का खर्चा देगा। यदि आरोप गलत निकला तो हलकाराराम को 11 हजार रूपए गौशाला में देने होंगे।
इसके बाद रफीक व हलकाराराम समेत सभी लोग घर चले गए। रविवार सुबह सवा छह बजे पुलिस को रफीक के तालाब में कूदने की सूचना मिली। इस बीच लोगों ने रफीक को तालाब से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। मृतक के बड़े भाई मोहम्मद सलीम ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि पुलिस ने रविवार शाम रफीक को थाने बुलाकर प्रताडित किया। सुबह फिर पुलिस उसके घर आई।
नागौर। पहले बस में सहयात्री की जेब काटने के आरोप और बाद में खाकी के खौफ से पीडित होकर जायल के रोल गांव निवासी मोहम्मद रफीक (25) ने रविवार सुबह तालाब में कूदकर जान दे दी। घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया। आक्रोशित लोगों ने रोल-मांगलोद मार्ग जाम कर दिया। बाद में पहुंचे कलक्टर और एसपी ने जाम हटवाया। सम्बंधित थानाधिकारी रामजीलाल मीणा और हैड कांस्टेबल रणजीत सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार मृतक रफीक की दाहिनी आंख के ऊपर तथा बायीं आंख के नीचे खरोंच व ठोड़ी के नीचे रगड़ के निशान हैं।
रफीक और हलकाराराम साटिया शनिवार शाम बस में एक सीट पर नागौर से रोल आए। सफर के दौरान हलकाराराम की जेब से कुछ रूपए गायब हो गए। इस पर हलकाराराम ने मोहम्मद रफीक पर शक जाहिर करते हुए रोल थाने में उसकी शिकायत कर दी। इस पर पुलिस ने रफीक को पूछताछ के लिए थाने बुलवाया।
कुछ देर बाद उसके परिजन भी आ गए तथा दोनों पक्षों में रात करीब 10 बजे सुलह वार्ता चली। इस दौरान तय हुआ कि टोंक के एक भोपा को पूछ लिया जाए। यदि हलकाराराम का आरोप सही हुआ तो रफीक उसे 25 हजार रूपए और टोंक आने का खर्चा देगा। यदि आरोप गलत निकला तो हलकाराराम को 11 हजार रूपए गौशाला में देने होंगे।
इसके बाद रफीक व हलकाराराम समेत सभी लोग घर चले गए। रविवार सुबह सवा छह बजे पुलिस को रफीक के तालाब में कूदने की सूचना मिली। इस बीच लोगों ने रफीक को तालाब से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। मृतक के बड़े भाई मोहम्मद सलीम ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि पुलिस ने रविवार शाम रफीक को थाने बुलाकर प्रताडित किया। सुबह फिर पुलिस उसके घर आई।
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