दारिया उर्फ दारा सिंह एनकाउंटर प्रकरण
चार्जशीट में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम शामिल
जयपुर. दारिया उर्फ दारा सिंह एनकाउंटर प्रकरण में सीबीआई ने शुक्रवार को जिले की अदालत में एडीजी एके जैन, आईजी ए पोन्नूचामी, एएसपी अरशद अली समेत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी। चार्जशीट में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम शामिल है, पर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलने के कारण सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत जांच लंबित रखी है।
सीबीआई ने जयपुर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपचंद जोशी की कोर्ट में चालान पेश किया। मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी। सीबीआई की टीम शुक्रवार सवेरे 10 बजे अचानक कोर्ट पहुंची और मजिस्ट्रेट से अनुमति मांगने के बाद 146 पन्नों की चार्जशीट पेश की। सीबीआई ने तय समय से चार दिन पहले चालान पेश किया। कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ सबूत के तौर पर एक बक्सा भरकर दस्तावेज पेश किए हैं।
फर्जी मुठभेड़ का आरोप: मानसरोवर थाना क्षेत्र में 23 जून 06 को दारा सिंह उर्फ दारिया को एसओजी ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसकी पत्नी सुशीला ने एसओजी पर एक भाजपा नेता और पूर्व मंत्री के दबाव में पति की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में मुठभेड़ को सही मानते हुए अंतिम रिपोर्ट (एफआर) पेश कर दी थी। मामला हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 23 अप्रैल 2010 से इस मामले की जांच शुरू की थी।
बस से उतारने की कहानी झूठी: चार्जशीट के मुताबिक 21 अक्टूबर की रात को विजय कुमार दारा सिंह को अपने साथ लेकर जयपुर एयरपोर्ट ले आया और एसओजी को सौंप दिया। अगले दिन से 24 घंटे तक एसओजी ने दारा सिंह को आमेर में लालवास के पास गुप्त स्थान रखा और 23 अक्टूबर को सवेरे अजमेर रोड ले जाकर मार दिया। अभी तक यह कहानी सामने आ रही थी कि दारा सिंह 23 अक्टूबर को जयपुर के सिंधी कैंप से बस में अजमेर जा रहा था। राजेन्द्र नगर में जब उसे बस से उतारा गया तो वह भागने लगा। एसओजी की टीम ने उसका तीन किमी. तक पीछा किया, जहां एक जगह वह मुठभेड़ में मारा गया।
चार्जशीट में ये बताया: 21 अक्टूबर 2006 की रात विजय कुमार दारा सिंह को अपने साथ लेकर जयपुर एयरपोर्ट गया और एसओजी को सौंप दिया। अगले दिन से 24 घंटे तक एसओजी ने दारा को लालवास (आमेर) के पास गुप्त स्थान रखा, 23 अक्टूबर को सवेरे अजमेर रोड ले जाकर मार दिया
एडीजी ए.के. जैन निलंबित: राज्य सरकार ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी एडीजी ए.के. जैन को निलंबित कर दिया है। दारिया एनकाउंटर में आरोपी जैन काफी समय से भूमिगत हैं। दो दिन पहले ही उन्हें एपीओ किया गया था।
चार्जशीट में पूर्व मंत्री के बारे में क्या?
पेज नंबर 45: एडीजी एके जैन के कहने पर 23 अक्टूबर, 06 को एनकाउंटर किया गया। जांच में पता चला है कि दारा सिंह को मरवाने के लिए राजेंद्र राठौड़ पुत्र उत्तम सिंह राठौड निवासी 802, डायमंड टावर्स सोमदत्तस अपार्टमेंट, सिविल लाइन्स जयपुर का निहित स्वार्थ व पुख्ता वजह थी। हत्या के षड्यंत्र में राजेंद्र राठौड़ की भूमिका एवं भागीदारी के बारे में अन्वेषण धारा 173(8)सीआरपीसी के अंर्तगत जारी है।
पेज नंबर 23: शराब के अवैध कारोबार में लिप्त वीरेंद्र सिंह न्यागली के ग्रुप को कथित तौर पर विधायक राजेंद्र राठौड़ का संरक्षण प्राप्त था।
पेज नंबर 35: राजेंद्र राठौड़ तथा एडीजी एके जैन के बीच 4 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2006 के बीच छह बार टेलीफोन से संपर्क हुआ था।
इन्हें बनाया आरोपी: एडीजी एके जैन, एएसपी अरशद अली, पुलिस निरीक्षक जुल्फिकार अली, राजेश चौधरी, सुभाष गोदारा, एएसआई अरविन्द भारद्वाज, हेड कांस्टेबल बद्री प्रसाद, कांस्टेबल जगराम और सरदार सिंह, ठेकेदार विजय कुमार (सभी फरार)। आईजी ए.पोन्नूचामी, पुलिस निरीक्षक निसार खान, नरेश शर्मा, एसआई सत्यनारायण गोदारा, मुंशीलाल, सुरेंद्र सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके खिलाफ धारा 120(बी), 302, 364, 346, 201, 204 में चालान पेश किया है।
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