बाबा रामदेव पर चलेगा डंडा, छिन सकती है पतंजलि योगपीठ की जमीन?
इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में मामला विचाराधीन है। जमीन मूल रूप से महंत राजेंद्र दास की अगुआई वाले उदासीन अखाड़ा की थी। नियम के मुताबिक वह जमीन किसी को नहीं बेची जा सकती और न ही किसी के नाम ट्रांसफर या रजिस्टर्ड की जा सकती है। उनकी मौत के बाद जमीन राजेंद्र दास के उत्तराधिकारी महंत महेंद्र पास को मिलनी चाहिए थी, लेकिन इसे बाबा रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के नाम बेच दी गई। इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
पेच और भी है। बालकृष्ण नेपाल के नागरिक बताए जाते हैं। अगर यह साबित हो गया तो बाबा की मुसीबत और बढ़ सकती है। हालांकि उन्हें भारतीय पासपोर्ट हासिल हो गया है। अब यह मांग भी उठ रही है कि इसकी जांच हो कि उन्हें कैसे भारतीय पासपोर्ट मिल गया।
सरकार ने बाबा रामदेव के ट्रस्ट के नाम की जमीन-जायदाद के कागज खंगालने शुरू कर दिए हैं। बाबा रामदेव ने सोमवार की शाम हरिद्वार में पत्रकारों से कहा भी कि केंद्र सरकार ने अपनी तमाम एजेंसियों को पतंजलि योगपीठ के पीछे लगा रखा है।
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