बुधवार, 22 जून 2011

ठाकुरजी के विवाह में देवताओं ने की पुष्पवर्षा




ठाकुरजी के विवाह में देवताओं ने की पुष्पवर्षा
भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु, भक्तिमय हुआ माहौल 
श्री गोपाल गोवद्र्धन गौशाला आनंदवन पथमेड़ा के निर्देशानुसार गौ भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में खेड़ रोड स्थित जैसमल भीमराज गोलेच्छा विद्यालय में भागवत कथा का आयोजन हो रहा है।कथा आयोजन के छठे दिन कथावाचक राधाकृष्ण महाराज ने राधा-कृष्ण विवाह के प्रसंग पर प्रवचन दिया।

राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि कृष्ण के विवाह को लेकर पूरा नंद गांव उत्साहित था।सखियों की ओर से मंगल गीत गाए जा रहे थे।भगवान श्री कृष्ण ने रूकमणि के गले में वरमाला डालकर उसे जीवन संगिनी के रूप में स्वीकार किया।भगवान कृष्ण के रूकमणि के साथ विवाह करने के अवसर पर आसमान से देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा कर खुशी जताई।उन्होंने प्रसंग के दौरान बताया कि कृष्ण का बचपन साधारण बच्चों की तरह बृज में बीता।उन्होंने बाल्यकाल में गांव के अन्य बच्चों के साथ खेलकूद कर व्यतीत किया।इस दौरान उन्होंने कई बाल लीलाओं का भी प्रदर्शन किया जिसके चलते बृजवासियों को भी अहसास हो गया कि ये कोई दिव्य शक्ति है जो मानवीय रूप में बृज में अवतरित हुई है।
कथावाचक ने कहा कि बृजवासियों ने भगवान से निस्वार्थ भाव से प्रेम किया।जो भक्त भगवान को बिना किसी स्वार्थ के जपता हैभगवान उसकी अवश्य सुनते हैं।बृजवासियों की रूचि सदैव कृष्ण दर्शन में रहती थी।

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