हॉलैंड में पशुओं को "हलाल" करने पर बैन
एम्स्टर्डम। हॉलैंड की संसद ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पशुओं के हलाल किए जाने या कोशर किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। संसद के इस फैसले से इस्लामी और यहूदी समुदाय में काफी नाराजगी है।
हॉलैंड की सबसे छोटी "एनिमल राइट पार्टी" ने यह बिल संसद में रखा जिस पर मंगलवार को वोटिंग की गई। निचले सदन में इसे बहुमत से पारित कर दिया गया लेकिन कानून बनने से पहले अभी इस विधेयक को उच्च सदन में पास होना जरूरी है।
बिल में कहा गया है कि किसी भी बूचड़खाने में पशु को मारने से पहले उसे अचेत किया जाना चाहिए। जबकि इस्लामी परंपरा में प्रयोग किए जाने वाली हलाल प्रथा व यहूदी रस्मों की कोशर प्रथा में पशुओं को तड़पा-तड़पा कर मारा जाता है। इन तरीकों से पशुओं को बेहद दर्द होता है। बिल में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता को असीमित नहीं रखना चाहिए। जब किसी मनुष्य या जीव पर अत्याचार हो रहा हो वहां पर सभी धार्मिक स्वतंत्रता और भावनाएं रोक देनी चाहिए।
डच संसद के फैसले पर यहूदी समुदाय व इस्लामी समुदाय में काफी रोष है। गौरतलब है कि हॉलैंड में करीब 10 लाख मुस्लिम और 40 हजार यहूदी लोग रहते हैं।
एम्स्टर्डम। हॉलैंड की संसद ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पशुओं के हलाल किए जाने या कोशर किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। संसद के इस फैसले से इस्लामी और यहूदी समुदाय में काफी नाराजगी है।
हॉलैंड की सबसे छोटी "एनिमल राइट पार्टी" ने यह बिल संसद में रखा जिस पर मंगलवार को वोटिंग की गई। निचले सदन में इसे बहुमत से पारित कर दिया गया लेकिन कानून बनने से पहले अभी इस विधेयक को उच्च सदन में पास होना जरूरी है।
बिल में कहा गया है कि किसी भी बूचड़खाने में पशु को मारने से पहले उसे अचेत किया जाना चाहिए। जबकि इस्लामी परंपरा में प्रयोग किए जाने वाली हलाल प्रथा व यहूदी रस्मों की कोशर प्रथा में पशुओं को तड़पा-तड़पा कर मारा जाता है। इन तरीकों से पशुओं को बेहद दर्द होता है। बिल में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता को असीमित नहीं रखना चाहिए। जब किसी मनुष्य या जीव पर अत्याचार हो रहा हो वहां पर सभी धार्मिक स्वतंत्रता और भावनाएं रोक देनी चाहिए।
डच संसद के फैसले पर यहूदी समुदाय व इस्लामी समुदाय में काफी रोष है। गौरतलब है कि हॉलैंड में करीब 10 लाख मुस्लिम और 40 हजार यहूदी लोग रहते हैं।
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