नई दिल्ली. बाबा रामदेव को मनाने के लिए आज सरकार ने पूरी ताकत लगा दी (विस्तार से पढ़ने के लिए रिलेटेड आर्टिकल लिंक www.bmrnewstrack.blogspot.com पर क्लिक करें), पर बाबा ने ऐलान कर दिया कि वह 4 जून से अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार के साथ सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन जाती तब तक सत्याग्रह तोड़ने का सवाल ही नहीं है।
उन्हें मनाने के लिए गए केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ एयरपोर्ट पर हुई बातचीत पर रामदेव ने कहा, 'मुझे सरकार की तरफ से आंशिक सहमति मिली है। लेकिन इस देश को व्यवस्था में निर्णायक बदलाव का इंतजार है और जब तक सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बनेगी, हमारा सत्याग्रह जारी रहेगा।' एयरपोर्ट पर बाबा को मनाने के लिए प्रणव मुखर्जी सहित सरकार के कई मंत्री पहुंचे थे। करीब दो से ढाई घंटे तक चली बातचीत के बाद भी सरकार बाबा को अनशन टालने के लिए राजी नहीं करा सकी।
शाम को बाबा ने दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर वह अन्ना हजारे के साथ हैं और सत्याग्रह के दौरान अन्ना हजारे भी उनके साथ होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को लाए जाने का उन्होंने विरोध नहीं किया था, बल्कि इस पर बहस की जरूरत बताई थी।
योग गुरु ने कहा कि उनकी लड़ाई ऐसे भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ है जो काला धन पैदा कर रहा है। भोपाल से दिल्ली पहुंचे बाबा ने पत्रकारों से कहा, 'चार जून से होने वाला अनशन और सत्याग्रह दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में शुरू होगा। यह देश के सभी 624 जिलों में होगा और पहले ही दिन करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग इस अनशन का हिस्सा बनेंगे। करोड़ों लोग जो इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्त देखना चाहते हैं। व्यवस्था में पक्षपात और अन्याय के खिलाफ हैं, सभी लोग इस सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे।'
बाबा ने भ्रष्टाचार और काला धन के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ' अब केंद्र सरकार के ऊपर है कि वो भ्रष्टाचार, काले धन को लेकर जल्द से जल्द कोई कदम उठाए। सिस्टम में सुधार को लेकर सरकार की गंभीरता सभी को दिखनी चाहिए। हालांकि वर्षों से चले आ रहे मौजूदा सिस्टम में सुधार का काम आसान नहीं है लेकिन हम ऐसा सुधार कराएंगे।'
प्रधानमंत्री ने भी बाबा से अनशन तोड़ने की अपील की थी, इस सवाल पर रामदेव ने कहा, 'सरकार को डराना हमारा मकसद नहीं है। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं बल्कि हम राष्ट्रहित और जनहित की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी की आलोचना हमारा मकसद नहीं है।' उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार गंभीरता से बात की है लेकिन जब तक निर्णायक बात नहीं होगी तब तक हम नहीं मानेंगे। राष्ट्रहित और जनहित से जुड़े सभी मुद्दों पर पहली बार व्यापक चर्चा हुई है। पहले से भी आधिकारिक बातचीत होती रही है, प्रणव मुखर्जी हमारे संपर्क में थे। आगे भी बातचीत होती रहेगी।'
लोकपाल के मुद्दे पर रामदेव ने कहा, 'मंगलवार को मीडिया ने मेरी बात को तोड़मरोड़ करके पेश किया था। मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि मैं जो कहता हूं, वही छापें। मैंने लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका और प्रधानमंत्री को लाने की बात पर यह कहा था कि इस मुद्दे पर देश में बहस होनी चाहिए। लेकिन मीडिया ने मुझे लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना का विरोधी बता दिया।'
बाबा रामदेव की मांगें
काले धन की वापसी
रामदेव ने कहा कि मुख्य मुद्दा विदेशी बैंकों में जमा देश का काला धन है जिसे सरकार वापस लाकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करे। उन्होंने कहा, 'सरकार हर हालत में काले धन को वापस लाए। योग गुरु ने कहा कि अगर सरकार काले धन को देश में लाने में कामयाब हो जाती है तो एक रुपये की कीमत 50 डॉलर के बराबर होगी।
भ्रष्टाचार
बाबा रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार का मसला प्रमुख है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह इस देश को खत्म कर रहा है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सशक्त और समर्थ लोकपाल बिल पास हो और दूसरा पब्लिक सर्विस डिलिवरी गारंटी एक्ट पूरे देश में लागू हो। भ्रष्टाचारियों को साधारण सजा से लेकर मृत्युदंड का प्रावधान होना चाहिए। हर राज्य में ऐसी अदालतें गठित की जाएं जो सिर्फ भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई करें। रामदेव के मुताबिक ऐसा करने से भ्रष्टाचार पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।
किसानों को न्यूनतम नहीं लागत का दाम मिले
योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को यह मांग भी उठाई कि किसानों को सरकार न्यूनतम मूल्य नहीं बल्कि लागत मूल्य दे। रामदेव ने किसानों को कुशल मजदूर (स्किल्ड लेबर) की श्रेणी में रखने की मांग करते हुए कहा कि किसान विश्वविद्यालयों में तैयार नहीं होते बल्कि कई सालों की मेहनत के बाद वह खेती का काम सीखता है। उन्होंने कहा कि किसान इस देश का पेट भरता है।
हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं में हो पढ़ाई
योग गुरु ने शिक्षा व्यवस्था में अंग्रेजी के बोलबाले पर कहा कि देश के सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में संबंधित प्रदेश की भाषा और संस्कृति के आधार पर शिक्षा दी जाए ताकि भारत में गरीब, किसान, मजदूर के बेटे-बेटियां ऊंचे ओहदों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि इससे अवसर की समानता बढ़ेगी।
सुधरे चुनावी तंत्र
बाबा रामदेव ने देश के चुनावी तंत्र में आमूलचूल बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि चुनाव सुधार के जरिए कई मुश्किलों को हल किया जा सकता है।
उन्हें मनाने के लिए गए केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ एयरपोर्ट पर हुई बातचीत पर रामदेव ने कहा, 'मुझे सरकार की तरफ से आंशिक सहमति मिली है। लेकिन इस देश को व्यवस्था में निर्णायक बदलाव का इंतजार है और जब तक सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बनेगी, हमारा सत्याग्रह जारी रहेगा।' एयरपोर्ट पर बाबा को मनाने के लिए प्रणव मुखर्जी सहित सरकार के कई मंत्री पहुंचे थे। करीब दो से ढाई घंटे तक चली बातचीत के बाद भी सरकार बाबा को अनशन टालने के लिए राजी नहीं करा सकी।
शाम को बाबा ने दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर वह अन्ना हजारे के साथ हैं और सत्याग्रह के दौरान अन्ना हजारे भी उनके साथ होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को लाए जाने का उन्होंने विरोध नहीं किया था, बल्कि इस पर बहस की जरूरत बताई थी।
योग गुरु ने कहा कि उनकी लड़ाई ऐसे भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ है जो काला धन पैदा कर रहा है। भोपाल से दिल्ली पहुंचे बाबा ने पत्रकारों से कहा, 'चार जून से होने वाला अनशन और सत्याग्रह दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में शुरू होगा। यह देश के सभी 624 जिलों में होगा और पहले ही दिन करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग इस अनशन का हिस्सा बनेंगे। करोड़ों लोग जो इस देश को भ्रष्टाचार से मुक्त देखना चाहते हैं। व्यवस्था में पक्षपात और अन्याय के खिलाफ हैं, सभी लोग इस सत्याग्रह में हिस्सा लेंगे।'
बाबा ने भ्रष्टाचार और काला धन के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ' अब केंद्र सरकार के ऊपर है कि वो भ्रष्टाचार, काले धन को लेकर जल्द से जल्द कोई कदम उठाए। सिस्टम में सुधार को लेकर सरकार की गंभीरता सभी को दिखनी चाहिए। हालांकि वर्षों से चले आ रहे मौजूदा सिस्टम में सुधार का काम आसान नहीं है लेकिन हम ऐसा सुधार कराएंगे।'
प्रधानमंत्री ने भी बाबा से अनशन तोड़ने की अपील की थी, इस सवाल पर रामदेव ने कहा, 'सरकार को डराना हमारा मकसद नहीं है। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति या पार्टी से नहीं बल्कि हम राष्ट्रहित और जनहित की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी की आलोचना हमारा मकसद नहीं है।' उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार गंभीरता से बात की है लेकिन जब तक निर्णायक बात नहीं होगी तब तक हम नहीं मानेंगे। राष्ट्रहित और जनहित से जुड़े सभी मुद्दों पर पहली बार व्यापक चर्चा हुई है। पहले से भी आधिकारिक बातचीत होती रही है, प्रणव मुखर्जी हमारे संपर्क में थे। आगे भी बातचीत होती रहेगी।'
लोकपाल के मुद्दे पर रामदेव ने कहा, 'मंगलवार को मीडिया ने मेरी बात को तोड़मरोड़ करके पेश किया था। मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि मैं जो कहता हूं, वही छापें। मैंने लोकपाल के दायरे में न्यायपालिका और प्रधानमंत्री को लाने की बात पर यह कहा था कि इस मुद्दे पर देश में बहस होनी चाहिए। लेकिन मीडिया ने मुझे लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना का विरोधी बता दिया।'
बाबा रामदेव की मांगें
काले धन की वापसी
रामदेव ने कहा कि मुख्य मुद्दा विदेशी बैंकों में जमा देश का काला धन है जिसे सरकार वापस लाकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करे। उन्होंने कहा, 'सरकार हर हालत में काले धन को वापस लाए। योग गुरु ने कहा कि अगर सरकार काले धन को देश में लाने में कामयाब हो जाती है तो एक रुपये की कीमत 50 डॉलर के बराबर होगी।
भ्रष्टाचार
बाबा रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार का मसला प्रमुख है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह इस देश को खत्म कर रहा है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सशक्त और समर्थ लोकपाल बिल पास हो और दूसरा पब्लिक सर्विस डिलिवरी गारंटी एक्ट पूरे देश में लागू हो। भ्रष्टाचारियों को साधारण सजा से लेकर मृत्युदंड का प्रावधान होना चाहिए। हर राज्य में ऐसी अदालतें गठित की जाएं जो सिर्फ भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई करें। रामदेव के मुताबिक ऐसा करने से भ्रष्टाचार पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा।
किसानों को न्यूनतम नहीं लागत का दाम मिले
योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को यह मांग भी उठाई कि किसानों को सरकार न्यूनतम मूल्य नहीं बल्कि लागत मूल्य दे। रामदेव ने किसानों को कुशल मजदूर (स्किल्ड लेबर) की श्रेणी में रखने की मांग करते हुए कहा कि किसान विश्वविद्यालयों में तैयार नहीं होते बल्कि कई सालों की मेहनत के बाद वह खेती का काम सीखता है। उन्होंने कहा कि किसान इस देश का पेट भरता है।
हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं में हो पढ़ाई
योग गुरु ने शिक्षा व्यवस्था में अंग्रेजी के बोलबाले पर कहा कि देश के सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में संबंधित प्रदेश की भाषा और संस्कृति के आधार पर शिक्षा दी जाए ताकि भारत में गरीब, किसान, मजदूर के बेटे-बेटियां ऊंचे ओहदों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि इससे अवसर की समानता बढ़ेगी।
सुधरे चुनावी तंत्र
बाबा रामदेव ने देश के चुनावी तंत्र में आमूलचूल बदलाव की वकालत करते हुए कहा कि चुनाव सुधार के जरिए कई मुश्किलों को हल किया जा सकता है।
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