प्रेमी के घर के सामने धरना
अपने प्यार को पाने के लिए सुनीता ने किसी की परवाह नहीं की। परिवार ने साथ दिया तो समाज भी बेटी के साथ खड़ा दिखा। किसी और युवती से शादी करने जा रहे प्रेमी के घर के सामने धरना दिया और अब 12वें दिन उसी से शादी रचाई। इस मामले में अग्रवाल सभा ने 23 मई को वर पक्ष के साथ समझौते के तिथि तय की थी, लेकिन एक दिन पहले ही अग्रोहा धाम में नवदीप और सुनीता विवाह बंधन में बंध गए।
रतिया की गीता कॉलोनी की सुनीता रानी और मॉडल टाउन निवासी नवदीप कुमार जालंधर के निजी संस्थान में पिछले चार साल से एक साथ फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे थे। सुनीता ने बी फार्मेसी के अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है, जबकि नवदीप कुछ माह पहले ही एम फार्मा कर चुका है। दोनों की कॉलोनियां भी नजदीक हैं। पढ़ाई के दौरान उनमें प्यार हो गया और दोनों ने विवाह का फैसला कर साथ जीने मरने की कसमें खाई।
इस बीच 12 मई को नवदीप की शादी पंजाब के पातड़ा की मनीता के साथ तय हो गई। शादी को लेकर मैरिज पैलेस बुक हो चुका था। कार्ड बंट चुके थे और रिश्तेदार भी पहुंच गए। अग्रवाल सभा ने दोनों परिवारों से बात की। लड़की वाले तो शादी के लिए तैयार हो गए, लेकिन नवदीप ने सुनीता से शादी करने से मना कर दिया।
मामले को लेकर 13 मई को शहर के मौजिज लोगों की बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्व समाज और दोनों परिवार के लोग पहुंचे। नवदीप के पिता लीलाधर ने पंचायत में थोड़ा वक्त मांगा। पंचायत ने उन्हें 23 मई तक का समय दिया। इस मुद्दे पर 23 मई को पंचायत होनी थी, लेकिन इससे पहले नवदीप शादी के लिए राजी हो गया। रविवार रात लड़का और लड़की के परिवार वाले अग्रोहा धाम पहुंचे। वहां सुनीता और नवदीप ने एक-दूसरे को वरमाला डाली। बताया जा रहा है कि नवदीप की जिस लड़की से शादी होनी थी, उसकी भी कहीं दूसरी जगह शादी हो चुकी है।
सुनीता को पता चला कि उसका प्रेमी कहीं ओर शादी कर रहा है तो उसने अग्रवाल समाज को एक चिट्ठी लिखी। इसमें उसने अपने दर्द को बयान करते हुए लिखा कि वह नवदीप से प्यार करती है। नवदीप ने उससे शादी का वादा किया है। अगर नवदीप की शादी कहीं और हो गई तो उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। अग्रवाल समाज ने इसे गंभीरता से लेते हुए नवदीप की शादी रुकवा दी। पातड़ा में लड़की वालों को भी शादी रोकने के लिए कह दिया गया।
रतिया की गीता कॉलोनी की सुनीता रानी और मॉडल टाउन निवासी नवदीप कुमार जालंधर के निजी संस्थान में पिछले चार साल से एक साथ फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे थे। सुनीता ने बी फार्मेसी के अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है, जबकि नवदीप कुछ माह पहले ही एम फार्मा कर चुका है। दोनों की कॉलोनियां भी नजदीक हैं। पढ़ाई के दौरान उनमें प्यार हो गया और दोनों ने विवाह का फैसला कर साथ जीने मरने की कसमें खाई।
इस बीच 12 मई को नवदीप की शादी पंजाब के पातड़ा की मनीता के साथ तय हो गई। शादी को लेकर मैरिज पैलेस बुक हो चुका था। कार्ड बंट चुके थे और रिश्तेदार भी पहुंच गए। अग्रवाल सभा ने दोनों परिवारों से बात की। लड़की वाले तो शादी के लिए तैयार हो गए, लेकिन नवदीप ने सुनीता से शादी करने से मना कर दिया।
मामले को लेकर 13 मई को शहर के मौजिज लोगों की बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्व समाज और दोनों परिवार के लोग पहुंचे। नवदीप के पिता लीलाधर ने पंचायत में थोड़ा वक्त मांगा। पंचायत ने उन्हें 23 मई तक का समय दिया। इस मुद्दे पर 23 मई को पंचायत होनी थी, लेकिन इससे पहले नवदीप शादी के लिए राजी हो गया। रविवार रात लड़का और लड़की के परिवार वाले अग्रोहा धाम पहुंचे। वहां सुनीता और नवदीप ने एक-दूसरे को वरमाला डाली। बताया जा रहा है कि नवदीप की जिस लड़की से शादी होनी थी, उसकी भी कहीं दूसरी जगह शादी हो चुकी है।
सुनीता को पता चला कि उसका प्रेमी कहीं ओर शादी कर रहा है तो उसने अग्रवाल समाज को एक चिट्ठी लिखी। इसमें उसने अपने दर्द को बयान करते हुए लिखा कि वह नवदीप से प्यार करती है। नवदीप ने उससे शादी का वादा किया है। अगर नवदीप की शादी कहीं और हो गई तो उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा। अग्रवाल समाज ने इसे गंभीरता से लेते हुए नवदीप की शादी रुकवा दी। पातड़ा में लड़की वालों को भी शादी रोकने के लिए कह दिया गया।
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