शनिवार, 26 मार्च 2011

थार महोत्सव समापन दे गया अपनापन






थार महोत्सव समापन दे गया अपनापन
थार महोत्सव के समापन पर निकली शोभायात्रा, भगतसिंह सभा स्थल पर हुआ प्रतियोगिताओं का आयोजन
बाड़मेर थार महोत्सव 2011 का समापन समोराह शुक्रवार को उपखंड मुख्यालय बालोतरा पर आयोजित हुआ। समारोह का आगाज शोभायात्रा से किया गया। शोभयात्रा में प्रशासनिक अधिकारियों सहित शहर के सैकड़ों लोगों तथा लोक कलाकारों ने भाग लिया। शोभायात्रा पंचायत समिति से रवाना होकर भगतसिंह सभा स्थल में जाकर विसर्जित हुई। शोभायात्रा का रास्ते में जगह-जगह शहरवासियों ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया। इसके बाद भगतसिंह सभा स्थल पर आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। । शोभयात्रा में आगे शहनाईवादक, उसके बाद बालिकाएं व महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थी। सजे-धजे ऊंट व घोड़ों पर सवार ध्वज पताका लिए चल रहे थे। इस दौरान कीटनोद व स्थानीय गेर दल के कलाकार गेर नृत्य करते हुए शोभायात्रा में चल रहे थे। शोभायात्रा में गुजरात के लोक कलाकार, कालबेलिया नृतक व स्थानीय कलाकारों ने नाचते-गाते हुए शहर का भ्रमण किया।
देर रात तक चलती रही मीठी राग और सधे कदमों की ताल
बाड़मेर थार महोत्सव के समापन समारोह में बालोतरा के भगतसिंह सभा स्थल पर देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का रंगारंग आयोजन शुरू हुआ। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने दर्शकों व अतिथियों का मन मोह लिया। कालबेलिया बालाओं के नृत्य पर दर्शक भी झूमने लगे। वहीं गुजरात से आए कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। लंगा गायकों ने कार्यक्रम में समां बांध दिया। वहीं अन्य कलाकारों ने देर रात तक लोगों को बांधे रखा।
46 सुरों में भीग नृत्य पर झूमते रहे दर्शक

बालोतरा औद्योगिक नगरी के भगतसिंह सभा स्थल पर शुक्रवार को थार महोत्सव का रंगारंग समापन हुआ। दर्शक देर रात तक टकटकी लगाए लोक संगीत व लोक कला से रूबरू हुए। कलाकारों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। शुक्रवार देर शाम शुरू हुईसांस्कृतिक संध्या का आगाज गफूरखां झांपली के केसरिया बालम से हुआ। इसके बाद धोधेखां व खीमाराम ने अलगोजे पर पणिहारी की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। वहीं पाली की धर्मीबाई एंड पार्टीकी तेरह ताली व कालूखां जोधपुर का ढोल-थाली अग्नि नृत्य भी दर्शकों को खूब भाया। इसके बाद बडऩांवा के मिट्ठूखां लंगा एंड पार्टी ने गोरबंद की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। अलवर के बन्नेसिंह ने रिम भवाईकी आकर्षक प्रस्तुति दी। रमेश चौहान एंड पार्टी, मेहबूबअली व जमालखां की हिचकी व गौतम परमार के चरी नृत्य पर दर्शक झूम उठे। इसके बाद गौतम परमार ने भपंग वादन प्रस्तुत किया। बच्चूभाईव साथियों ने होली नृत्य, स्वरूप पंवार ने धरती धोरां री पर नृत्य तथा पुष्कर प्रदीप व जानकी गोस्वामी के भवाईनृत्य ने अतिथियों को भी तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा अनु सोलंकी व उदाराम के घुटना चकरी व अग्नि तराजू नृत्य तथा पारसनाथ जोगी एंड पार्टीकी ओर से प्रस्तुत कालबेलिया नृत्य ने दर्शकों को देर रात तक बैठे रहने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक समारोह का मनमोहक संचालन हिंदी में जफरखां सिंधी व अंग्रेजी में दुर्गा आर्य ने किया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी सचिव मनोहर कांत, विधायक मदन प्रजापत, पूर्वगृह राज्य मंत्री अमराराम चौधरी, जिला एवं सेशन न्यायाधीश के अलावा सैकड़ों लोग उपस्थित थे।




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