शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

योगी के शहर में 30 बच्चों की दर्दनाक मौत, आखिर जिम्मेदार कौन?

योगी के शहर में 30 बच्चों की दर्दनाक मौत, आखिर जिम्मेदार कौन?

योगी के शहर में 30 बच्चों की दर्दनाक मौत, आखिर जिम्मेदार कौन?
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में 30 बच्चों की मौत से कोहराम मच गया है। यहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से 30 मासूम मौत की आगोश में समा गए। बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपए का भुगतान नहीं करने पर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई ठप कर दी। इसके बाद इंफलाईटिस बुखार से पीड़ित 30 बच्चों की मौत हो गई।




सरकार के दावे की खुली पोल

इस घटना से बड़बोली बीजेपी और योगी आदित्यनाथ की पोल खुल गई है। साफ है कि योगी सरकार के दावे तो बड़े-बड़े हैं लेकिन इस सरकार और इसके अमलों के पास ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के 69 लाख रुपए सही वक्त पर चुकाने का वक्त नहीं है। सबसे खास बात दो दिन पहले ही इस अस्पताल में सीएम योगी जी पधारे थे और बड़े-बड़े ऐलान भी किए थे। लेकिन क्या योगी जी ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के लिए 69 लाख रुपए के भुगतान का इंतजाम नहीं कर पाए? क्या योगी आदित्यनाथ ये भूल गए कि ऐसा करके उन्होंने इंसानी जानों को खतरे में डाल दिया था? योगी सरकार और अस्पताल प्रशासन की भारी लापरवाही की कीमत उन परिवारों को चुकानी पड़ी है जिनके बच्चे ऑक्सीजन बंद होने से छटपटा कर काल के गाल में समा गए। इस दुखद घटना के बाद पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।




ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी ने कॉलेज प्रिंसिपल को ठहराया दोषी

हॉस्पिटल को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के यूपी डीलर मनीष भंडारी ने ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज पर हमारा 83 लाख रुपए ड्यू है। आज (शुक्रवार) 22 लाख का पेमेंट मिला। कल (शनिवार को) 40 लाख और मिलेगा। राजस्थान से एक ट्रक लिक्विड ऑक्सीजन भेजा गया है। ये आज रात पहुंच जाएगा। मामले में कॉलेज प्रिंसिपल राजीव मिश्रा दोषी हैं। उन्होंने पेमेंट रोक रखा था।’ ‘6 महीने से पेमेंट नहीं मिला था। लड़के जाते थे तो दिन भर खड़े रहते थे लेकिन प्रिंसिपल उनसे नहीं मिलते थे। 3 साल पहले कांट्रैक्ट हुआ था, लेकिन कभी पेमेंट नहीं रुका। इस बार 6 महीने से भुगतान रुका हुआ है।’




बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन?

हो सकता है कि योगी सरकार और उसके बड़बोले मंत्री अपनी इमेज बचाने के लिए कुतर्क करें लेकिन उन परिवारों को चैन कैसे मिलेगा जिनके घर के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए हैं। इस हादसे ने योगी सरकार की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। लगता है योगी सरकार का इकबाल खत्म होता जा रहा है। अब एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर इस बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है?

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