कसने लगा 'रावण' पर शिकंजा, 32 मामलों में दाखिल हुई चार्जशीट
सहारनपुरः यूपी की सियासत में भूचाल लाने वाले शब्बीरपुर जातीय हिंसा के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा है। एसआइटी ने हिंसा के दौरान दर्ज हुए 32 मुकदमों में चंद्रशेखर उर्फ रावण व शब्बीरपुर के ग्राम प्रधान शिव कुमार समेत 111 आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि 5 मई को शब्बीरपुर में दलितों व ठाकुरों के बीच जमकर खूनी संघर्ष हुआ था। संघर्ष में दोनों पक्षों में न सिर्फ लाठी डंडे, बंदूकें चली थीं, बल्कि कई दर्जन घरों में आगजनी कर दी गई थी। जिसमें राजपूत पक्ष के युवक सुमित की मौत हो गई थी। इस दौरान 50 से ज्यादा दलितों के मकान में लूटपाट व आगजनी हुई थी।
इसके बाद 9 मई को रामनगर, हलालपुर, बेहट रोड, रामपुर मनिहारान और सरसावा क्षेत्र में जगह-जगह भीम आर्मी ने जमकर उपद्रव किया था। इस दौरान आगजनी के अलावा पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। मीडियाकर्मियों व अन्य लोगों के वाहनों में आग लगाई गई थी।
तीसरी हिंसा 23 मई को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शब्बीरपुर दौरे के बाद हुई थी। इसमें भी ठाकुर पक्ष ने दलित युवक आशीष कुमार की हत्या कर आगजनी की थी। पुलिस ने तीनों घटनाओं में करीब चार सौ लोगों को आरोपी बनाया था।
एसपी सिटी व एसआइटी प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि जातीय हिंसा के मुख्य आरोपी चंद्रशेखर उर्फ रावण, शब्बीरपुर के प्रधान शिव कुमार तथा शब्बीरपुर के ही रहने वाले राजपूत समाज के पप्पू व सोनू समेत 111आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। 32 मुकदमों के ये सभी आरोपित जिला जेल में हैं। भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण, भीम आर्मी जिला अध्यक्ष कमल वालिया आदि के खिलाफ चार्जशीट है।
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