गुरुवार, 4 मई 2017

दमदम बाला जी मंदिर जिनकी महिमा है अपरम्पार

दमदम बाला जी मंदिर जिनकी महिमा है अपरम्पार


ऋषि-मुनियों और पीर-पैगम्बरों की शरणस्थली के रूप में विख्यात भारतवर्ष में आस्था और श्रद्धा के बहुत सारे स्थान हैं। इन्हीं में से एक है कोलकाता का दमदम बालाजी मंदिर। इस मंदिर की महिमा अपरम्पार है। कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। यह मंदिर लगभग दो सौ साल प्राचीन है, जो अध्यात्म एवं श्रद्धा का केंद्र है।




कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट और मैट्रो रेलवे स्टेशन से बिल्कुल नजदीक स्थित इस मंदिर में यूं तो सालों भर श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है लेकिन मंगलवार और शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है। यह मंदिर दमदम हनुमान जी का बागीचा के नाम से भी विख्यात है। दमदम बालाजी मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा देखते ही चित्त को असीम शांति मिलती है। मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते ही दाईं तरफ एक और द्वार मिलता है। इस द्वार से अंदर प्रवेश करते ही बालाजी के दर्शन होते हैं।




लाल सिंदूर से सुशोभित हनुमान जी की लगभग साढ़े छह फुट की प्रतिमा सहज ही आकर्षित करती है। सिया-राम के भक्त हनुमान की नयनाभिराम प्रतिमा के एक हाथ में पर्वत और एक हाथ में गदा है। ऊपर छत्र है। अगर आप एकाग्रचित मन से हनुमान की इस प्रतिमा को देखेंगे तो ऐसा प्रतीत होगा मानो वह आपको ही निहार रहे हैं। पूजा-अर्चना के लिए यहां आने वाले भक्तगण हनुमान मंदिर की विधिवत परिक्रमा करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं। मंदिर परिसर में अक्सर लोग ध्यानमग्न मिलेंगे।




यह मंदिर हर रोज सुबह साढ़े पांच बजे खुल जाता है। मंदिर के घंटों की आवाज आस-पास के लोगों को असीम आनंद से भर देती है। लोग रोमांचित हो उठते हैं और बालाजी के स्मरण के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। मंगला आरती के साथ सुबह आठ बजे आरती होती है और फिर पौने बारह बजे बाबा को भोजन कराया जाता है। इसके बाद दोपहर बारह बजे मंदिर का पट बंद हो जाता है। संध्या 3:30 बजे पुन: मंदिर का पट भक्तों के लिए खोल दिया जाता है। रात को 9 बजे पुन: आरती होती है और 10 हनुमान जी को भोग लगाया जाता है। इसके बाद नियमानुसार मंदिर का पट बंद हो जाता है। इस मंदिर तक आने के लिए कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा मैट्रो रेलवे स्टेशन से टैक्सी तथा बसें उपलब्ध हैं, जिनके जरिये बहुत आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। आसपास होटल की भी व्यवस्था है, जहां रुककर मंदिर तथा आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण किया जा सकता है।

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