गुरुवार, 4 मई 2017

फूलों वाला शहर क्योकेनहोफ स्प्रिंग गार्डन



फूलों वाला शहर क्योकेनहोफ स्प्रिंग गार्डन

अगर आप अपने काम के बोझ से थक चुके हैं और अपने सपनों के फूलों वाले शहर में जाना चाहते हैं तो चलिए हम आपको ले चलते हैं फूलों की वादियों के बीच जहां तरह-तरह के फूल आपका स्वागत करेंगे और आप अपने काम के बोझ से निजात पाएंगे। जी हां, हम बात कर रहे हैं हालैंड स्थित क्योकेनहोफ स्प्रिंग गार्डन की जो 160 साल पुराना है। क्योकेनहोफ स्प्रिंग गार्डन हालैंड में लिस्सी नामक कस्बे में बसा है।






एमस्टर्डम से यहां आने में एक घंटा लगता है। 32 हैक्टेयर वर्गक्षेत्र में फैले इस उद्यान में फूलों की कम से कम 7 मिलियन प्रजातियां हैं। यहां के 32 हैक्टेयर वर्गक्षेत्र में 10 मील का फुटपाथ भी शामिल है। यह खुली जगह पर बने फूलों के म्यूजियम जैसा है। यह मार्च से मई माह में लगभग 8 हफ्तों के लिए खुलता है। इस उद्यान में सात थीम पार्क हैं। यहां आप तरह-तरह के रंग, आकार और खुशबू वाले फूल देख सकते हैं। जैसे ट्यूलिप, बल्ब, हाईसिंय डैैफोडिल, लिली आदि। क्योकेनहोफ का शाब्दिक अर्थ है किचन गार्डन।

15वीं शताब्दी में इस जमीन पर जंगल तथा बालू के टीले थे। तब यह हालैंड की काउंटेस के किचन गार्डन का हिस्सा हुआ करता था जिस कारण इसका नाम क्योकेनहोफ यानी किचन गार्डन पड़ा। बाग को वसंत ऋतु के आठ हफ्ते हरा-भरा रखने के लिए वृक्षारोपण की त्रि-स्तरीय पद्धति अपनाई जाती है। नवअंकुरित फूलों को मिट्टी की सबसे गहरी परत में उगाया जाता है। फिर खिल रही पुष्प प्रजातियों को लगाया जाता है। सबसे ऊपर केसर का पौधा लगाया जाता है। हर वर्ष माली इन पौधों को नए तरह से व्यवस्थित करते हैं और लैंडस्केप विशेषज्ञ फूलों की क्यारियों को नया रूप देते हैं।

सभी फूलों की क्यारियों को इस तरह सजाया गया हैै कि इसके अंदर ट्यूलिप की किसी एक प्रजाति को एक ही समूह में रखा गया हैै और कान्ट्रास्ट पैदा करने के लिए ट्यूलिप की दूसरी प्रजाति को उसके पास समूह रूप में सजाया गया है। इस ट्यूलिप प्रेम की वजह यह हैै कि सर्वप्रथम हालैंड में ही ट्यूलिप फूल आए थे और तभी से हालैंडवासी इस पर मोहित हो गए।ट्यूलिप प्रेम इधर ही खत्म नहीं होता। गार्डन के आंतरिक हिस्से में भी ट्यूलिप का बड़ा मनमोहक प्रयोग किया गया है। रंग-बिरंगे ट्यूलिप की क्यारियों को काट-छांटकर जंगली बत्तखों, हंसों आदि का आकार दिया गया है जिसे देखकर मन खुशी से खिल जाता है। क्यारियों में जगह-जगह लिली, आर्किड, नारसिसस, हाइसिंथ जैसे फूलों का खूबसूरत प्रयोग गार्डन की शोभा में इजाफा करता है।

आप यहां पर काले, जामुनी जैसे रंगों के फूल देखकर निश्चित रूप से आश्चर्यचकित रह जाएंगे। आप इन क्यारियों पर चढ़ और उतर सकते हैं। ऐसा लगता हैै कि फूलों की क्यारियां एक पतले फीते की तरह क्षितिज तक फैली हुई हैं।

अनेक नहरें भी क्योकेनहोफ बाग से होकर गुजरती हैं। अनगिनत फव्वारों से निकलते हुए पानी की रिमझिम बौछार से बने तालाब इस बाग को एक उत्कृष्ट कृति बनाते हैं। इस बाग में कुछ सुंदर पुराने पेड़ हैं जो इसे नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान करते हैं। इन पेड़ों के झुंडों से छनकर सूर्य का प्रकाश जब तालाब और फव्वारों पर पड़ता हैै तो उसे देखकर मन रोमांचित हो उठता है। यहां की मखमली घास, फूलों की क्यारी और पुष्प प्रतिमाओं पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो उनका सौंदर्य और निखर जाता है।

इस उद्यान के एक कोने पर एक लकड़ी की वायु चक्की लगी हुई है जो प्राचीन डच परंपरा का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक बाग में यूरोप का सबसे विशाल झरना भी है। इसके अलावा यहां एक तालाब भी है जिसमें सफेद हंस तैरते हैं। क्योकेनहोफ स्पिंग गार्डन में हर साल अप्रैल में फूलों की परेड निकाली जाती है, जिसमें लगभग 20 झांकियां होती हैं और हर झांकी में लगभग एक लाख फूल होते हैं। यह परेड नोरविक से हारलेम तक का 24 मील का सफर तय करती है। बाग का लुत्फ उठाते हुए आप यहां सुंदर फूल और पौधे भी खरीद सकते हैंं जिनसे आपके घर की शोभा बढ़ जाएगी। सप्ताहांत में यहां संगीत-कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यहां अनेक रेस्तरां और बच्चों के खेलने के लिए अलग स्थान भी है। फूलों के इस स्वप्निल शहर में आकर किसी का भी दिल बाग-बाग हो जाएगा।

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