शनिवार, 10 दिसंबर 2016

इस IPS ने किए हैं 50 एनकाउंटर, इनके नाम से कांपते हैं क्रिमिनल

इस IPS ने किए हैं 50 एनकाउंटर, इनके नाम से कांपते हैं क्रिमिनल
ips officer

लखनऊ. यूपी में 9 से 11 दिसंबर तक पुलिस वीक मनाया जा रहा है। ऐसे में हम आपको एक पुलिस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके नाम से ही बदमाश कांपते हैं। इस अफसर ने अपने करियर में 50 एनकाउंटर किए हैं। इनकी बहादुरी के लिए इन्‍हें 4 बार गेलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है। यूपी के अलीगढ़ जिले के एसएसपी की कमान संभाल रहे आईपीएस राजेश पाण्‍डेय ने dainikbhaskar.com से बातचीत में कई इंटरेस्टिंग बातें शेयर की।




माफिया को ट्रेस करने के लिए पहली बार किया था टेक्नोलॉजी का यूज




- राजेश पाण्डेय ने कहा, मैंने 23 सितंबर 1998 को पहला एनकाउंटर किया था।

- कुख्यात माफिया श्री प्रकाश शुक्ल ने एक्स सीएम कल्याण सिंह की सुपारी ले ली थी।

- उसके बाद STF का गठन किया गया। टीम में मुझे भी शामिल किया गया था।

- 90 के दशक में श्री प्रकाश का टेरर लगातार बढ़ता जा रहा था।

- रेलवे के ठेकों को लेकर हत्याओं का दौर शुरू था। पूर्वांचल में भी उसका आतंक था।

- एसटीएफ टीम में अरुण कुमार के नेतृत्‍व में मैंने का किया।

- उस समय पहली बार किसी माफिया को ट्रेस करने के लिए टेक्नोलॉजी का यूज किया गया था।

- क्योंकि सबसे ज्यादा मुश्किल श्रीप्रकाश को ढूंढ़ने में हो रही थी। उस समय सर्विलांस का भी सिस्टम नहीं था।

- हमने स्‍पेशली सर्विलांस इक्विपमेंट बनवाया था, तब जाकर श्रीप्रकाश शुक्ल को ट्रेस कर पाए थे।

- उसकी लोकेशन गाजियाबाद जिले में मिली थी, जिसके बाद हमारी टीम ने उसका पीछा किया। जब उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग शुरू कर दी।

- कविनगर थाना क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई मैंने उसका एनकाउंटर कर दिया।

आतंकी का किया था आखिरी एनकाउंटर




- राजेश पांडेय ने कहा, कुख्यात लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी सलार जंग बनारस में हुए बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी था।

- सलार जंग, एक बार आर्मी और एक बार दिल्ली पुलिस की कस्टडी से भाग चुका था।

- देश की सभी इंटेलीजेंस एजेंसी उसे ढूंढ़ रही थीं।

- साल 2007 में मुझे खबर मिली थी कि सलार जंग लखनऊ में है। उसकी लोकेशन मोहनलालगंज में थी।

- जब टीम के साथ उसे गिरफ्तार करने गया तो उसने उल्‍टा फायर करते हुए भागने की कोशिश की।

- जवाबी कार्रवाई के दौरान मैंने उसका एनकाउंटर कर दिया। वो मेरा आखिरी एनकाउंटर था।

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