पुष्कर भक्ति उत्सव संगीत, योग और ध्यान का पर्व
पहले दिन जोशीले दर्शकोें को थिरकाने वाली एवं ‘आत्मिक पवित्रता‘ जागृत करने के लिए बनाई गतिविधियों की प्रस्तुति
अजमेर, 10 दिसम्बर। दि सैकरेड पुष्कर भक्ति उत्सव के अन्तर्गत पहले दिन मन और आत्मा को थिरकाने वाली पवित्रा आत्मिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मोहित कर दिया। इस रंगारंग शाम का समापन सूफी और लोक संगीत फ्यूजन के दिग्गज दलेर मेहंदी के गायन से हुआ उन्होंने नूर-ए-इलाही, नमो-नमो, बिसमिल्लाह, अल्ला हू, राजन का राजा और राम नाम जैसी रचानएं सुना कर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। संध्याकाल के अवसर पर पुष्कर सरोवर में दीपदान का भव्य आयोजन किया गया।
फेस्टिवल की शुरूआत, शनिवार 10 दिसम्बर, को अलसुबह पुष्कर के खूबसूरत पृष्ठभूमि वाले जयपुर घाट पर तिबतियन हार्ट योगा के साथ हुई, जिसमें जाचोकजी रिंपोचे ने उपस्थित दर्शकों को शरीर के पांच चक्रों को परिचित कराया। उन्होंने मुख्यतः हृदय चक्र के बारे में बताया हृदय चक्र मानव शरीर के जन्म पर शरीर का पहला चक्र होता है। उन्होंने दर्शकों को इस योग की विभिन्न तकनीकों जिनमें स्वांस लेने का वह तरीका जो हृदय के लिए लाभकारी होता है बताया।
इस सत्रा के बाद प्रातःकालीन रागों का गायन हुआ जिसमें पवित्राता के भाव निहित थे। शास्त्राीय संगीत में पारंगत पंडित मधुप मुदगल की शिष्या गायक श्रुति सेन की मधुर और सम्मोहक आवाज में दर्शकों के लिए भजन प्रस्तुत किए गए जिनमें गुरू बिन कौन बनाए, चल मन गंगा जमुना के तीर, जमुना किनारे मोरा गांव प्रमुख थे।
इसके बाद बाबा बुल्ले शाह से प्रेरित सूफी गीतों का भावपूर्ण गायन दिल्ली के कलाकार हरप्रीत सिंह ने पेश किया जिससे दर्शक प्रफुल्लित हो गए। इनमें माटी, आ मिल यार और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की झूम झूम मृदू गरज-गरज घनघोर जैसी रचनाए शामिल थी।
गायन के बाद, दर्शकों को जैविक विधि से तैयार भोज्य सामग्री के बारे में जानने का अवसर मिला इस सत्र को नवदन्या के शैफ राजीव पायल ने पेश किया। शैफ राजीव ने जैविक भोजन से स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभों की चर्चा की और सुस्वादु व्यन्जनों के बनाने का तरीका समझाया जिनमे कुट्टू की चाट और अमरंथ कटलेट्स प्रमुख रहे।
पुष्कर की गलियों, घाटों और मंदिरों से होकर हैरिटेज वाॅक आयोजित की गई। इस हैरिटेज वाॅक में स्थानीय कलाकार रवि शर्मा दर्शकों को प्राचीन रंगजी मंदिर, वारह मंदिर, अमृतेश्वर महादेव, बाई जी का मंदिर, मान महल और जहांगीर महल संगीतमय प्रस्तुतिं के साथ ले गए।
जयपुर घाट पर शाम को पारम्परिक आरती शंख नाद और करतल ध्वनि वोकल रास्ता ने प्रस्तुत की।
आरती के पश्चात भारत के ताल वादक एवं पखावज विशेषज्ञ पंडित भवानी शंकर ने अपने ग्रुप साउंड आॅफ एशिया के साथ प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में पखावज, सांरगी, दिजांबे, कीबोर्ड और तबले के साथ गायक उमाशंकर ने गायकी प्रस्तुत की।
इसी कड़ी में कबीर विशेषज्ञ शबनम विरमानी ने कबीर की प्रख्यात रचनाआंे में से माला रो मणियो साथ ही भक्ति, सूफी और बाउल परम्परा के गीतों की प्रस्तुति दी।
गायन प्रस्तुतियों के बाद दक्षिण अफ्रीका से आए द साॅइल चार सदस्यीय ‘ अ कैपेला’ ंिसंगिग ग्रुप ने अपनी प्रस्तुतियां दीण् कासी सोल के नाम से परिचित संगीतबद्ध एक्लेक्टिक मिक्स जैसे जैज, हिप होप, अफ्रो पाॅप, एवं अफ्रो-सोल पेश किए।
पुष्कर सरोवर पर सांयकाल को समस्त 52 घाटों पर दीपदान का आयोजन किया गया। इसमें यूआरएम स्कूल द्वारा बावरी घाट पर आयोजित दीपदान प्रथम रहा। द्वितीय स्थान पर नगर पालिका पुष्कर द्वारा नगर पालिका घाट पर आयोजित दीपदान तथा तृतीय स्थान पर गायत्राी महाविद्यालय द्वारा वराह घाट पर आयोजित दीपदान रहा। रंगोली प्रतियोगिता के अन्तर्गत बावरी घाट पर यूआरएम स्कूल की रंगोली प्रथम, किशनगढ़ घाट पर राजकीय अभियांत्राकी महाविद्यालय की रंगोली द्वितीय तथा यज्ञ घाट पर जेएमएम स्कूल पुष्कर और ग्वालियर घाट पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रहे। इन विजेताओं को नगर पालिका पुष्कर के द्वारा पारीतोषिक तथा गायत्राी शक्तिपीठ पुष्कर द्वारा रविवार के कार्यक्रम में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा।
जयपुर घाट पर आयोजित सांयकालीन कार्यक्रम में संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत, अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शिव शंकर हेड़ा, पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष श्री कमल पाठक, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता, संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल, जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल, पुलिस अधीक्षक डाॅ. नितीनदीप ब्ल्लग्गन, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमशीलता केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी.सारस्वत, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार, अबु सूफियान चैहान उपस्थित थे।
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