शुक्रवार, 22 मई 2015

भरतपुर।गुर्जर नेता सरकार से वार्ता को राजी, लेकिन रखी ये खास शर्त



भरतपुर।गुर्जर नेता सरकार से वार्ता को राजी, लेकिन रखी ये खास शर्त
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आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रेक पर आरक्षण की मांग को लेकर डटे गुर्जर समाज के प्रमुख प्रमुख पदाधिकारी शुक्रवार सुबह सरकार की ओर से वार्ता के लिए भेजे गए आमंत्रण पर शाम तक मंथन करते रहे।

उसके बाद गुर्जर नेता सरकार से वार्ता के लिए राजी हो गए। लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि सरकार को उनसे बात के लिए बयाना, भरतपुर या रेलवे टै्रक पर आना होगा। गुर्जरों की ओर 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सरकार से वार्ता करेगा।

इससे पूर्व आंदोलन में शामिल अधिकांश युवा रेलवे ट्रैक पर सरकार से वार्ता करने के लिए अड़े रहे। शाम को आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इसी मुद्दे पर समाज के लोगों से चर्चा करने के लिए पीलूपुरा गांव पहुंचे।

सरकार की ओर से सुबह भरतपुर के एडीएम सिटी विशम्भरलाल ने पीलूपुरा दिल्ली-मुम्बई रेलवे ट्रेक पर पहुंच गुर्जर नेताओं को सरकार की चिट्ठी का बंद लिफाफा सौंपा था। कर्नल बैंसला ने एडीएम को दो-तीन घंटे के बाद जवाब देने की बात कही थी, लेकिन शाम तक आंदोलन समिति के पदाधिकारी एक राय नहीं बना पाए।

दिनभर रुक-रुककर चर्चाओं के दौर चलते रहे। दोपहर करीब दो बजे कर्नल बैसला अन्य पदाधिकरियों के साथ पटरी से उठकर एक किनारे गए, वहां कुछ देर तक आपसी चर्चा करने के बाद वे पीलूपुरा गांव की ओर चले गए। बयाना कस्बे के डाक बंगले के कैम्प में प्रशासनिक अधिकारी शाम पांच बजे तक आमंत्रण के जवाब का इन्तजार करते रहे। फिर गुर्जरों की ओर से वार्ता के लिए राजी होने का संदेशा आया।

ये लिखा है चिट्ठी में

सरकार की ओर से कर्नल बैसला को भेजी चिट्ठी में वार्ता के लिए राज्य मंत्रिमण्डल के तीन सदस्यों की समिति गठित होने की जानकारी दी है।

इनमें चिकित्सा मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़, सामाजिक न्याय मंत्री अरूण चतुर्वेदी तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हेम सिंह भडाना शामिल हैं।

चिट्ठी में लिखा है कि सरकार की ओर से बातचीत के द्वार सदैव खुले हैं। सरकार को विश्वास है कि आंदोलन के वर्तमान स्वरूप को छोड़कर शीघ्र बातचीत के माध्यम से मुद्दों को न्यायपूर्ण तरीके से निष्कर्ष तक पहुंचाने में सहायता करेंगे।



गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार रात को अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने और इस आंदोलन को समाप्त कराने के प्रयासों पर चर्चा हुई।

राज्य गृहमंत्री ने कहा था कि गुर्जर आंदोलन पर पूरी नजर है। सकारात्मक प्रयास किए जा रहे है। बातचीत के रास्ते हमेशा खुले हैं। गुर्जर समाज के लोग समझदार हैं। वह जानते हैं कि बातचीत व न्यायिक रास्ते से ही समस्या का हल निकलेगा।

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