मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

रिव्यू के नाम पर पेयजल योजनाओं को बंद करना गलत : कर्नल

रिव्यू के नाम पर पेयजल योजनाओं को बंद करना गलत : कर्नल

 
प्रेसवार्ता | राज्य सरकार की रिव्यू कमेटी पर ही सवाल, केयर्न पर अनदेखी का आरोप 
बाड़मेर
बाड़मेरसांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने सोमवार को सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम छह माह में हुए कार्यों के रिव्यू के लिए वर्तमान सरकार की ओर से बनाई गई रिव्यू कमेटी पर ही सवाल खड़े करते कहा कि कमेटी ने बाड़मेर जिले की पेयजल योजनाओं को रिव्यू के नाम पर बंद करने का गलत कार्य किया है। कर्नल ने तेल उत्पादन के कार्य में लगी केयर्न इंडिया कंपनी पर भी स्थानीय लोगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते कहा कि यहां के लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने केयर्न के सीएसआर फंड के भी दुरुपयोग का आरोप लगाया। सांसद ने नगर परिषद आयुक्त के निलंबन मामले में आरोप लगाया कि इसमें बाड़मेर विधायक की भूमिका है।
पानीके लिए बजट मिलेगा :जिले की 5 पेयजल योजनाओं को सरकार की रिव्यू कमेटी ने रिव्यू के बाद बंद कर दिया था। इसको लेकर गत 22 मार्च को मुख्यमंत्री से मुलाकात की है, उन्होंने सरकार के फंड नाबार्ड से पेयजल योजनाओं के लिए बजट जारी करने की बात कही है। उम्मीद है कि पेयजल योजनाएं फिर से शुरू होगी। पानी का मुद्दा काफी गंभीर है। इसके अलावा जहां पेयजल समस्या है, वहां टैंकरों से जलापूर्ति शुरू कर दी गई है। पशु शिविरों की स्वीकृति जारी हो चुकी है। प्रशासन की ओर से देरी हो रही है तो बात कर जल्द से जल्द पशु शिविर शुरू किए जाएंगे।
केयर्नस्थानीय युवाओं को नहीं दे रही रोजगार :केयर्न कंपनी बाहरी युवाओं को रोजगार दे रही है, जबकि जिले में भी आईटीआई, इंजीनियर सहित कई डिग्रीधारी युवा है, जो रोजगार से वंचित है। स्थानीय युवाओं के साथ रोजगार को लेकर भेदभाव नहीं हो, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बाड़मेरविधायक पर गंदी राजनीति का आरोप :कर्नल ने कहा कि बाड़मेर विधायक गंदी राजनीति करते हैं। आयुक्त के सस्पेंड प्रकरण पर कहा कि विधायक ने बढिय़ा काम कर रहे एक अफसर को सस्पेंड करा दिया। कलेक्टर खुद कह रहे हैं कि मैने दिसंबर में पत्र भेजा था, उसमें ऐसी कोई टिप्पणी नहीं थी कि आयुक्त को सस्पेंड किया जाए। इस पूरे मामले से मुख्य सचिव को अवगत करवाया है।
रिफाइनरीपर 3-4 माह में फैसला संभव : कर्नलने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने रिफाइनरी के मामले में जल्दबाजी की। पहले लीलाला में और फिर पचपदरा में स्थानांतरित कर दी। इसके पीछे रिफाइनरी लगाए जाने की मंशा नहीं थी। तभी तो 35000 करोड़ रुपए का ऋण बिना ब्याज पर 15 सालों के लिए देने के लिए एचपीसीएल से समझौता कर दिया। जबकि जमीन, पानी और सब सुविधाएं सरकार दे रही है। सरकार ने गलत एमओयू किया था। अब रिव्यू कर आगामी 3-4 माह में फैसला होने की संभावना है।
तारबंदी से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा : सांसद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सरहद पर स्थित तारबंदी के निकट बसने वाले किसानों की जमीन तारबंदी के उस पार भी है, लेकिन इनको सालों से मुआवजा नहीं मिला है। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में भी उठाया गया है,जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा।
अग्निकांडपीड़ितों को अधिक मुआवजे का प्रावधान करेंगे :कर्नल ने कहा कि गांव के एक गरीब की वर्षों की मेहनत कर बनाई ढाणी आग की भेंट चढ़ जाती है तो इससे बड़ा कोई दुख नहीं हो सकता है। उसे आसमान तले रहना पड़ता है, लेकिन वर्तमान में केवल 16-17 हजार मुआवजा ही मिलता है, जो नुकसान से कई गुणा कम है।प्रयास कर रहे हैं कि कम से कम 1 लाख रुपए या चार गुणा मुआवजा मिले।
प्रत्येकढाणी बिजली से रोशन होगी :सांसद ने कहा कि अब सौ की आबादी की बजाय सरकार प्रत्येक ढाणी का विद्युतीकरण करेगी। बाड़मेर में 40 से 45 फीसदी ढाणियों में ही विद्युतीकरण हुआ है। बिजली के मामले में बाड़मेर काफी पिछड़ा हुआ है। 450 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।
गांवोंमें 150 टॉवर की आवश्यकता :जिले के कई गांवों में आज भी बीएसएनएल के मोबाइल नेटवर्क की कमी है। बीएसएनएल की हालत खराब है। इसके लिए 150 टॉवरों की आवश्यकता है। हालांकि 44 टॉवर लगाए जाने की तैयरी शुरू हो चुकी है। इसके सुधार के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। 

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