सोमवार, 9 मार्च 2015

केयर्न को राजस्थान ब्लॉक से गैस के कमर्शियल प्रॉडक्शन की मंजूरी

केयर्न को राजस्थान ब्लॉक से गैस के कमर्शियल प्रॉडक्शन की मंजूरी



केयर्न इंडिया को राजस्थान ब्लॉक से गैस के कमर्शियल प्रॉडक्शन के लिए रेगुलेटर की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही कंपनी साल 2020 में ब्लॉक के एक्सपायर होने के बाद इसके लंबे एक्सटेंशन के लिए सक्षम होगी। प्रॉडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) के तहत तेल के प्रॉडक्शन की सूरत में ब्लॉक के पांच साल के एक्सटेंशन पर विचार मुमकिन है, जबकि नेचुरल गैस के प्रॉडक्शन की सूरत में यह मियाद 10 साल तक की होती है। पहले इस नॉर्म का इस्तेमाल लंदन की मेटल्स एंड माइनिंग कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की सब्सिडियरी के अनुरोध को खारिज करने के लिए किया गया। इस कंपनी ने बाड़मेर ब्लॉक को ऑपरेट करने से जुड़ा एग्रीमेंट खत्म होने के बाद कॉन्ट्रैक्ट को 10 साल तक बढ़ाने की मांग की थी।

बाड़मेर के ऑयल ब्लॉक में देश के लोकल ऑयल प्रॉडक्शन की एक चौथाई हिस्सेदारी है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि हालांकि, रागेश्वरी फील्ड के आरजे-ओएन-901 में गैस डिस्कवरी से सरकार को इसे गैस ब्लॉक मानकर 10 साल का एक्सटेंशन देने में सहूलियत होगी।

केयर्न इंडिया ने पिछले हफ्ते बुधवार को बताया था कि कंपनी को रागेश्वरी डीप गैस प्रोजेक्ट के लिए मैनेजमेंट कमेटी की मंजूरी मिली है। मैनेजिंग कमेटी में अपस्ट्रीम रेगुलेटर डीजीएच (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन्स) और ऑपरेटर के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं, लिहाजा ऑयल या गैस की नई डिस्कवरी में कमर्शियल प्रॉडक्शन शुरू करने के लिए यह मंजूरी बेहद अहम है। हालांकि, केयर्न ने मंजूरी के बारे में और ज्यादा जानकारी नहीं दी थी, लेकिन जनवरी में कंपनी के बयान में कहा गया था कि रागेश्वरी डीप गैस फील्ड डिवेलपमेंट प्लान में 10 करोड़ स्टैंडर्ड क्यूबिक फीट रोजाना पर काम के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। रागेश्वरी फील्ड में 1-3 लाख करोड़ क्यूबिक फीट (टीसीएफ) गैस होने का अनुमान है। फिलहाल, राजस्थान ब्लॉक से केयर्न 10 एमएमएससीएफडी गैस का प्रॉडक्श करती है।

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