सोमवार, 29 दिसंबर 2014

दर्द का रास्ता इक्तयार करें, सुख का मार्ग अपने आप मिलेगा-रिजवी




दर्द का रास्ता इक्तयार करें, सुख का मार्ग अपने आप मिलेगा-रिजवी
अकीदत मंदो का उमड़ा सैलाब
बाड़मेर 29 दिसम्बर। पीर हाजी आलीशाह बुखारी व पीर कबीर अहमद के उर्स व दरूल उल्लूम अनवारे मुस्तफा सेलाउ शरीफ के जलसे में अकीदत मंदो का 50 हजार से अधिक जायरिनों का हुजुम उमड़ पड़ा। रेतिले धोरो पर 1 किलोमीटर तक लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, जंगल में मंगल हो गया। हजारो लोगो से मुखातिब होते हुए मुफ्ती ए आजम राजस्थान मुफ्ती शेर मोहम्मद खां ने कहा कि दर्द का रास्ता इक्तयार करो, सुख का मार्ग अपने आप मिल जायेगा। जिन्दगी में फूल ही फूल नही होते, कांटे भी होते हैं। जोश में होश कभी नहीं खोना चाहिए, इन्सानियत, भाईचारे और अपने मूल्क के लिए हर वक्त कुर्बान होने का दिल में जज्बा पैदा करों। उन्होने कहा कि कोई हज पढेगा तो उसे एक हज का सवाब मिलेगा, किसी गरीब का दिल खुश करना, पड़ोस की मदद करना, मां का सुबह-सुबह चेहरा देखना, राह में किसी के काटा हटाना, उसका सवाब हज ए अकबरी के बराबर हैं जो सबसे बड़ा हज हैं। उन्होने कहा कि अल्लाह के वल्लियों का दरबार एक कौमी एकता की मिशाल हैं। आप लोग देख रहे है इनकी मोहब्बत हिन्दु और मुसलमानो की तादात का जन सैलाब खीच लाया हैं। इनके दरबार में कोई भेदभाव नही होता है, दरिया में हिरण भी पानी पी सकता है, शेर भी पी सकता हैं और गीदड भी पी सकता हैं, इसी तरह इनके दरबार में हर अकीदत मंद हाजरी देकर फैज हासिल कर सकता हैं।

इस मौके पर मौलाना रूहल आमिन, बरकाती ने अपनी तकरीर में कहा कि मेरे ख्वाजा के दरबार में अजयपाल जोगी बनकर आये और वली बनकर गये। हिन्दुस्तान नही दुनिया भर के अकीदत फूल पेश करते हैं।

खान का ए बुखारी के गादी नसीन पीर सैयद नूरूल्लाहशाह बुखारी ने कहा कि इल्म एक ऐसा नूर है जो इन्सान को कामयाबी तक पहुंचाता हैं। इल्म जैसी दौलत नही, जाहीलियत जैसी गरीबाई नही। अल्लाह के रसूल ने फरमाया इल्म हासिल करने के लिए मुल्क ए चीन जाना पडे तो भी इल्म हासिल करो। उन्होने कहा कि अपने बच्चो व बच्चियों को तालिम दिलाये। इस अवसर पर शायर ए इस्लाम ताबिश बोकारवी, दरूल उल्लूम ईसाकिया के सरबरे आला हाजी मोईनूदीन, पीर सैयद मोईनूदीन असरफी, मौलाना अयूब असरफी, कारी नूर मोहम्मद, मौलाना हाजी पठान, मौलाना ताज मोहम्मद, मौलाना अब्दुल मुस्तफा, मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के पूर्व सदर असरफ अली खिलजी, हाफीज अल्लाह बक्स, मौलाना अबू बकर सहित कई लोग उपस्थित थे।

अकीदत मंदो के आसू छलकेः- जिस वक्त पीर सैयद नूरूल्लाह शाह व दरूल उल्लूम ईसाकिया के सरबरे आला हाजी मोईनूदीन ने दुआ के लिए हाथ उठाये उस वक्त अकीदत मंदो के आसू छलक पडे।

यह भी थे उपस्थितः- चैहटन पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, शिव पूर्व विधायक हरीसिंह सोढा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां, वरिष्ठ समाज सेवी तनसिंह चैहान, सैयद गुलाम शाह, सैयद भूरेशा, सैयद मीठन शाह,, अकबर भाई साधली।

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