शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

बालोतरा. साजियाली में बाड़े में लगी आग में जलीं बकरियां,भेड़ें व मेमने।


बालोतरा बाड़े में आग से ८४ पशु जिंदा जले




बुधवार रात्रि को दो अलग-अलग गांवों पर हुई आग की घटनाओं से 84 मवेशी जलकर खाक हो गए। इस आग से संबंधित दोनों पशुपालक परिवारजनों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पीडि़त परिवारजनों की आजीविका का एकमात्र साधन ही पशुपालन था। घटना के बाद पशुपालक परिवार सदमे में है।
पहली घटना ग्राम पंचायत साजियाली पदमसिंह के गांव मीठी बेरी की है। जहां खरताराम पुत्र पूंजाराम मेघवाल के रहवासीय मकान के पास बने पशु बाड़े में बुधवार रात्रि को अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग से बाड़े में बंधे 60 बकरियां, भेड़ें और मेमने जलकर काल का ग्रास हो गए। आग ने पास की तीन चारे की कराई को भी अपने चपेट में ले लिया। आग से दो कराई पूरी तरह जलकर राख हो गई। आग लगते ही पशुओं के चिल्लाने से परिवारजन सहित आस पड़ोसी जग उठे। आग की आसमान छूती लपटें देखकर घटना स्थल की ओर भागे। लेकिन आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। आग पर काबू पाना मुश्किल था। ग्रामीणों ने आग की सूचना फायरबिग्रेड को भी दी। लेकिन लंबी दूरी तय कर बालोतरा से दमकल के मौके पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। अंतत: जब आग पर काबू पाया, तब तक सब जल र राख हो चुका था। फायरबिग्रेड ने राख पर पानी छिड़कने का काम किया।
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साजियाली पदमसिंह ग्राम पंचायत के मीठीबेरी में बाड़े में आग से 60 व कालेवा गांव की ढाणी में आग से 24 मवेशी जिंदा जले, दोनों परिवारजनों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट हुआ खड़ा




पीडि़त परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है। विधवा चुकीदेवी के चार बच्चे हैं। परिवार के आजीविका का साधन ही पशुपालन है। ऐसे में आग से मवेशियों के काल का ग्रास होने से परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। परिवार बीपीएल चयनित है। पीडि़त परिवार ने मुआवजे की मांग की।



इस घटना से पीडि़त हुए परिवार का व्यवसाय पशुपालन ही है। पशुपालन आजीविका का साधन होने परिवारजन सदमे में है। उनके समक्ष अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। परिवार बीपीएल चयनित है। परिवारजनों ने मांग की है कि उनके नुकसान का मुआवजा़ दिलाए जाए, ताकि फिर से वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से सके।



आग लगते ही ढाणी में एकबारगी अफरा-तफरा मच गई। आग की गगनचुंबी लपटें देख जगे ग्रामीण घटना स्थल की ओर से भागे और प्रयास किया कि जल्दी से जल्दी आग को बुझाई जाए। क्योंकि आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। उनको चिंता सताई जा रही थी कि कही आग पर उनके मकान तक नहीं पहुंच जाए। इसी कोशिश में सभी ने एकजुट होकर आग पर बुझाने में सहयोग किया। इस दौरान रूपजी राजाबेरी सरपंच दूदाराम मेघवाल, हीरसिंह सोढ़ा, पूर्व सरपंच बाबूराम डऊकिया सहित ग्रामीण मौजूद थे।



आग बुधवार रात्रि करीब 1.30 से 2 बजे के बीच लगी। इस दौरान पूरा परिवार गहरी नींद में सो रहा था। आग लगते ही लपटों से घिरे पशुओं की चिल्लाने की आवाज से सुनकर सब जाग उठे। इतने में आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। सभी ने मिलकर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। मटकों-बाल्टियों से ग्रामीणों ने इधर-उधर भाग पानी लाकर काग बुझाने का प्रयास किया। करीब दो घंटे की भारी मुश्किलों के बाद आग पर काबू पाया गया।



पाटोदी. निकटवर्ती कालेवा गांव के जाणियों की ढाणी स्थित एक खेत के पशुओं के बाड़े में बुधवार मध्य रात्रि को आग लग गई। आग से बाड़े में बंधे 24 मवेशी जिंदा जलकर काल का ग्रास हो गए। भाजपा ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष अशोक सालेचा ने बताया कि पीडि़त परिवार चूकी देवी पत्नी स्व. तिलाराम जाट के खेत में बने पशुओं के बाड़े में बुधवार रात्रि को अचानक आग लग गई। आग से बाड़े में बंधी 24 बकरियां जिंदा जल गई। आग के वक्त पीडि़त परिवारजन गहरी नींद में सो रहा था। नजदीक में ही आयोजित शादी समारोह में खड़े लोग आग की लपटे देखकर घटना स्थल पर पहुंचे और परिवारजन के लोगों को जगाया। इस पर सभी ने अपने स्तर पर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक सभी पशु दम तोड़ चुके थे। घटना की सूचना मिलने पर पाटोदी भू निरीक्षक पूनमाराम, नखतसिंह कालेवा, अणदाराम पूनिया, जेताराम, गुलाबसिंह महेचा सहित ग्रामीण मौजूद थे।

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