गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

आखिर जिला प्रशासन कहने पर आम जन बाल विवाह रोकने के लिए आगे क्यों आये ..

आखिर जिला प्रशासन  कहने पर आम जन बाल विवाह रोकने के लिए आगे क्यों आये ..

जागरूक नागरिको के कट्टु अनुभव


बाड़मेर आखा तीज पर बाल विवाह को लेकर जिला प्रशासन हर वर्षा की भांति इस बार भी अखबारी अभियान चला लोगो को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हें मगर सरहदी जिले की जनता तो पिछले साल भी जागी थी जनता ने दिल खोल कर बाल विवाहों की सुचनाए जिला प्रशासन को दी खूब शिकायते दर्ज हुई मगर एक भी बाल विवाह रोकने में प्रशासन सफल नहीं हुआ प्रशासन के अधिकारी बाल विवाह वाले परिवार वालो को पाबन्द कर आते है पीछे से बाल विवाह संपन हो जाते सबसे दुखद पहलु आम जागरूक लोगो के लिए यह रहा की जिन लोगो ने बाल विवाह की शिकायते जिला प्रशासन को दर्ज करा सहस का परिचय दिया उन जागरुक नागरिको को दुष्परिणाम भुगतने पड़े ,जिन परिवारों में बाल विवाह की शिकायते की गयी उन्होंने शिकायत करतो को समाज से बहिष्कृत करा दिया भारी अर्थदंड लगाये उनका हुक्का पानी बंद कर दिया ,,जागरूक नागरिको ने जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई मगर उन्हें न्याय आज तक नहीं मिला आज भी जागरूक होने का दंषा भोग रहे हें कुछ उदाहर उल्लेखित कर रहा हूँ .आखिर जनता पंगु प्रशासन के कहने पर क्यों जागरूक होए उन्हें जिला प्रशासन  और पुलिस प्रशासन सुरक्षा तक मुहेया नहीं करा सकता ,जागरूक नागरिको के न्याय की आशा में प्रशासन से गुहार करते करते जुटते फट गए मगर प्रशासन को इन जागरूक जनता पर रहम नहीं आया .आखातीज पर जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिऐ जिला प्रशासन द्धारा चलाऐ जागरूकजा अभियान से जिले की जनता तो जाग गई जी भर कर जनता ने ग्रामीण क्षैत्रों में होने वाले बाल विवाहों की सूचनाऐं जिला प्रषासन को दी।अलबता इन शिकायतों पर जिला प्रशासन द्धारा कार्यवाही करने की बजाऐं प्रशासन सोता रहा एबाल विवाह सम्पन्न हो गऐ अब शिकायतकर्ताओं कें साथ जातीय पंचायतें ज्यादती कर रहे हैं,जिला प्रशासन मौन हैं।आखिर जान जोखिम में दाल जिला प्रशासन को बाल विवाह की सूचनाऐ देने वाले जागरूक जनता समाज सेवा का खामियाजा भुगत रहे हैं।एक शिकायत कर्ता के हाथ पांव तोद दिऐ तो दूसरे के परिवार का जातीय पंचों ने हुक्का पानी बन्द कर समाज से ही बहिष्कृत कर दियाख्अब जान से मारने की सरेआम धमकिया दी जा रही हैं।जिला प्रशासन कों रावतसर निवासी भैराराम नें सूचना दी थी कि दसके गांव में एक साथ दो बाल विवाह हो रहे हैं।जिला प्रशासन ने बाल विवाह करने वाले परिवार को पाबन्द कर अपने फर्ज की इतिश्री कर ली।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की हिदायत को दरकिनार कर बाल विवाह सम्पन्न करा दिऐ।इसके बाद शिकायतकर्ता भैराराम के परिवार पर जातीय पंचों का कहर टूट पदा।भैराराम के परिवार को समाज से बाहर कर दिया,असका हुक्का पानी बन्द कर दिया।अब उसे जान से मारने की घमकिया जातीय पंचो द्धारा दी जा रही हैंभैराराम जिला कलेक्टर गौरव गोयल के समक्ष पेश भी हुआ मगर उसे राहत नही मिली।इसी तरह गुउामालानी तहसील के पायलाकलां गांव निवासी हरिराम पुत्र नानजीराम नें लूणवा जागीर में होने वाले बाल विवाहों की सूचना जिला कलेक्टर को दी थी।जिस पर जिला कलेक्टर ने कार्यवाही कर बाल विवाह वाले परिवार के मुखिया मजनाराम को दो साल के लिऐ बाल विवाह नही कराने के लिऐ पाबन्द किया।जिला प्रशासन के ये आदेश हव्वा हो गऐ।इस परिवार नें पांच जून की रात को ही विवाह सम्पन्न करा दिऐ।इस बाल विवाह की सूचना जिला प्रश्षसन को देने वाले हरिराम पर 16 मई की रात्री हमला करउसके हाथ पांव तोड दिऐ।हरिराम शुक्रवार को जिला कलेक्टर के समक्ष पेश हुआ,जिला कलेक्टर ने उसे जिला पुलिस अधीक्षक के पास भेज यिा।हरिराम अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक से मिला। अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक ने गुडाथानाधिकारी को हरिराम का मामला दर्ज करने के आदेश दिऐ।हरिराम को जिला राजकीय अस्पताल में उपचार के लिऐ भर्ती कराया गया हैं।उसका इलाज चल रहा हैं।ऐसे कई प्रकरण सामने आऐ हैं जिन लोगो ने बाल विवाह की सूचना जिला प्रशासन को देकर जागरूक नागरिक होने का फर्ज अदा किया मगर जिला प्रशासन हैं कि अभी तक सो रहा हैं।आखिर प्रशासन की मदद करने वालों को ही न्याय के लिऐ ंना केवल दर दर की ठोकरे खानी पड रही हैं बल्कि उनकी जान की सुरक्षा को भी खतरा हो गया।इसिलिऐ कहते हैं कि जनता जाग गई सरकार सो रही 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें