गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

बाल विवाह में शामिल हुए तो जाना पड़ेगा सलाखों के पीछे’’


बाल विवाह में शामिल हुए तो जाना पड़ेगा सलाखों के पीछे’’ 


पायला कलां में संगोश्ठी का आयोजन, जनप्रतिनिधियों ने उठाया जन जागरूकता का बीड़ा 

बाडमेर। बाल विवाह नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए गए चार दिवसीय जन जागरूकता अभियान के तहत गुरूवार को पायला कलां ग्राम पंचायत भवन में संगोश्ठी का आयोजन किया गया। जहां वक्ताओं ने प्रखर विचार व्यक्त करते हुए आमजन को जागरूक करने के प्रयत्न किए और बाल विवाह संबंधी कानूनी व अन्य जानकारी दी। संगोश्ठी में कानूनी पहलु पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यदि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बाल विवाह में भामिल होता है, तो उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। साथ ही पंडित, हलवाई, टेंट हाउस संचालक, वाहन चालक आदि भी अपराध के भागीदारी होंगे। संगोश्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर सिणधरी पंचायत समिति प्रधान सोहनलाल भांभू, विशश्ट अतिथि एडिनल सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा, आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई व आशा समन्वयक राकेश भाटी मौजूद थे। पायला कलां के सरपंच मेघाराम घांची की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सरपंच भैराराम गोदारा, जनसेवक खेताराम पूनिया, मेल नर्स बांकाराम व पीएचसी हेल्थ सुपरवाईजर जगदीश कुमार उपस्थित थे। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यक्रर्ता व अन्य जन मौजूद थे। 
मुख्य अतिथि प्रधान सोहनलाल भांभू ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रता ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा करें और आमजन को समझाइश करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की शिकायत करना और प्रशासन को सूचना देना दूसरा पहलु है, लेकिन सबसे पहले हमें संबंधित परिवार को ही मनानेसमझाने का प्रयत्न करना चाहिए ताकि इस कुप्रथा को जड़ से मिटाया जा सके। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बाल विवाह को लेकर गंभीर हैं और अन्य लोगों को भी सजग करेंगे। विशश्ट अतिथि डॉ. जितेंद्रसिंह ने कहा कि महिलाएं इस कुप्रथा को रोकने में अहम भूमिका अदा कर सकती है, क्योंकि वे अवयस्क बच्ची से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी होती है। वहीं महिलाओं का आपसी भावनात्मक रिश्ता भी होता है, लिहाजा उन्हें गंभीरता से इस कृत्य के प्रति संवेदनाीलता दिखानी चाहिए। आईईसी समन्वयक विनोद बिश्नोई ने कानूनी व प्रशासनिक जानकारी संगोश्ठी में दी। उन्होंने बताया कि अब प्रत्येक सरकारी कर्मचारी व अधिकारी कर्तव्य निश्ठता के साथसाथ कानूनी रूप से बाध्य हैं कि वे बाल विवाह की सूचना तुरंत प्रासन को दें। ऐसा नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। आशा समन्वयक राकेश भाटी ने आशा सहयोगिनी व कार्यकर्ताओं से अपील की कि चूंकि वे प्रत्यक्ष रूप घरघर जाती हैं, इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेवें और हर संभव प्रयास कर बाल विवाह रूकवाएं। पीएचएस जगदीश कुमार ने बाल विवाह को लेकर अधिकाधिक प्रचारप्रसार के लिए ग्रामीणों व कर्मियों को प्रेरित किया। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रमिला सुथार ने कहा कि कुछ सामाजिक कारणों के चलते फिल्ड में रहने वाले कर्मचारी बाल विवाह की सूचना नहीं दे सकते लेकिन ऐसी सूचना जिला प्रशासन को गुप्त रूप से दी जा सकती है या पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100 पर दी जा सकती है। आशा सहयोगिनी मीरां देवी व हीरोदेवी ने भी संगोश्ठी में विचार व्यक्त किए। 
हम जाएंगे घरघर, करेंगे प्रचारप्रसार 
संगोश्ठी की अध्यक्षता कर रहे पायला कलां के सरपंच मेघाराम घांची ने सराहनीय और उत्कृश्ट पहल करते हुए मंच से घोशणा की कि वे पायला कलां के प्रत्येक घरघर जाकर बाल विवाह न करने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं और मेरे सभी जनप्रतिनिधि साथी इस कुप्रथ को जड़ से मिटाने के हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए गए अभियान की सराहना करते हुए कहा कि टीम ने इस दूरदराज इलाके में बाल विवाह संबंधी कार्यक्रम रख कर साबित कर दिया है कि वे इस कुप्रथा को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि अब यदि हम जागृति नहीं हुए तो इसका खामियाजा हमारी अपनी बेटियों को भुगतना होगा। सरपंच मेघाराम घांची के साथ ही पंचायत समिति प्रधान सोहनलाल भांभू, पूर्व सरपंच भैराराम गोदारा भी कहा कि जागरूकता से ही इस कुप्रथा को रोका जा सकेगा और हम सब मिलकर जागृति पैदा करेंगे। 

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