मंगलवार, 12 जुलाई 2011

खुसुशी की दुआ में बरसे रहमत के छींटे आली शाह के उर्स में अकीदत मंदों का सैलाब उमड़ा


















खुसुशी की दुआ में बरसे रहमत के छींटे
आली शाह के उर्स में अकीदत मंदों का सैलाब उमड़ा

बाड़मेर सेहलुऊ शरीफ में पीर हाजी आली शाह उर्स में हजारों अकीदत मंद व जायरीनों का सैलाब उमड़ पड़ा। दरगाह परिसर सहित रेत के टीबों और खेतों में जिलेभर से जायरीन आए। चारों ओर खाने पीने की दुकानें और परिसर में रंगबिरंगी रोशनी बिखर रही थी।

मुल्क के लिए कुर्बान होने का जज्बा पैदा करें

दारूल उलूम, अनवारे मुस्तफा के बच्चों ने कुराने पाक की तिलावत से जलसे की शुरुआत की। जलसे में मुख्य वक्ता अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष पीर सैय्यद अमीन मीया ने तकरीर पेश करते हुए कहा नौजवान आगे आकर अल्लाह के नबी के पैगाम को जहन में उतारें तथा उनके बताए मार्ग पर चलें। उन्होंने मोमीन भाइयों को नबी की राह में चलकर देश में भाईचारा का माहौल बनाए रखने की बात कही। शेरे राजस्थान नायब मुफ्ती राजस्थान शेर मोहम्मद खान रिजवी ने तकरीर पेश करते हुए कहा हम सब आदम की औलाद है। उन्होंने तकरीर में शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि दीनी तालीम हासिल करने के साथ ही दुनिया की तालीम भी हासिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम एवं पूर्व आईजी अबड़ा का हवाला देते हुए कहा दोनों गरीब परिवार से थे, लेकिन पढ़ाई ने इनको कहां से कहां पहुंचा दिया। उन्होंने कहा जिंदगी में आगे बढऩा है तो तालीम हासिल करें। देर रात तक हजारों जायरीन महफिल में जमे रहे हैं।

खुसुशी दुआ में जायरीनों के आंसू छलके

जब खुसूशी दुआ सौ वर्षीय मुफ्ती ए आजम राजस्थान ने दुआ की तो जायरीनों की आंखें छलक पड़ी। जब दुआ हो रही थी तब रहमत की बारिश के छींटे बरसने लगे।

इस मौके मुफ्ती सुल्तान रजा नूरी पीर कबीर अहमत शाह मुफ्ती वली मोहम्मद, मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के सदर असरफ अली खिलजी, मुफ्ती संसुदीन, मौलाना कासम, हाफिज शाह मोहम्मद, मौलाना ताज मोहम्मद, मौलाना अली हसन, मौलाना अयूब, मौलाना अल्लाह बक्स व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष फतेह खां सिंधी मुस्लिम समाज के अध्यक्ष मुराद अली मेहर, सैयद गुलाम शाह, सैयद भूरे शाह, सैयद मिठन शाह, जनाब अली, अकबर भाई व गन्नी भाई उपस्थित थे।सेह लाऊ में गुजरात के कच्छ से आए पीर हाजी आली शाह इंसानियत के मसीहा भाईचारे का पाठ पढ़ाते हुए रेगिस्तान के बड़े टीबों के बीच सूफिया की अनोखी मिसाल है। इनके दरबार में हिंदू, मुस्लिम दिल से ख्वाईश लेकर आते हैं और खुशी से कामयाब होकर जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार गडरा रोड के सेठ मेघाराम आली शाह का मुरीद हो गया था। धोरीमन्ना के उड़द सिंह, शाह के पास आए और कहा डाडा औलाद नहीं है। शाह ने कहा चल जा तेरे पहला लड़का होगा, जो आज भी जिंदा है और उर्स में हर साल हाजरी देता है।

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