सोमवार, 11 जुलाई 2011

'जान' भी बचाता है सेक्स

लंदन।। तमाम बाकी चीजों को छोड़ दें तो क्या आप बता सकते हैं कि सेक्स का आखिर औचित्य क्या है ? जी हां, हम पूछ रहे हैं कि सेक्स करने की असल वजह आखिर है क्या ? सदियों से यह सवाल सामने आता रहा है लेकिन इसका कोई संतोषजनक जवाब सामने नहीं आ पाया। लेकिन, हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ इंडियाना के बॉयोलॉजिस्ट ने इस सवाल का जवाब ढूंढ लिया है।

डेली टेलिग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जीवविज्ञानियों का दावा है कि पशुओं द्वारा प्रजनन इसलिए किया जाता है ताकि वे पैरासाइट (परजीवी) से लड़ने की क्षमता पैदा कर सकें। वैज्ञानिकों ने साफ किया कि प्रजनन की प्रक्रिया यानी सेक्स का मोटिव अपने जैसी प्रतिलिपियां तैयार करना नहीं बल्कि परजीवियों की उत्पत्ति को रोकना है।

वैज्ञानिकों के इस दावे से इस थ्योरी को भी बल मिला है कि दो पशुओं की जीन का समूह एक ऐसी संतान पैदा करता है जिसमें नए जेनिटिक कोड होते हैं। ये कोड बाहरी हमले से रक्षा करते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि दो तरह के कृमियों पर इंजिनियरिंग करने के बाद इस बाबत बेहतर परिणाम निकल सकते हैं। पहली प्रकार के कृमियों में वे थे जो सेक्स के जरिए उत्पन्न हुए। दूसरी तरह के वे थे, जो अपने जैसा क्लोन बना सकते थे। इन कृमियों को खतरनाक बैक्टीरिया से संपर्क में लाने के बाद यह देखा गया कि सेक्स के जरिए पैदा हुए कृमियों ने बेहतर सरवाइव किया जबकि वे कृमि जो क्लोनिंग की उपज थे और सेक्स के जरिए पैदा नहीं हुए थे, तेजी से मरते गए।

इस थ्योरी पर काम करने वाले को-ऑथर कर्टिस लाइवली का कहना है, द रेड क्वीन हाइपोथीसिस कहती है कि सेक्स से होस्ट (सेक्स करने वालों) की अपने से ही पैदा हुए पैरासाइट्स के संक्रमण से बच निकलने की क्षमता पैदा होती है और तेज होती है जबकि सेल्फ फर्टिलाइजेशन यानी खुद से पैदा होने वाले जीवों में संक्रमण के चांसेज ज्यादा होते हैं।

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