मंगलवार, 19 जुलाई 2011

सरपंच ने विक्षिप्त महिला को दी ऐसी सजा कि...


सीकर. मानवीय संवेदनाएं किस कदर खत्म होती जा रही है, इसकी बानगी रानोली क्षेत्र के बैद की ढाणी में रविवार को देखने को मिली। हुआ यूं कि शनिवार की रात को पुलिस कंट्रोल रूम को किसी ने सूचना दी कि एक महिला सड़क पर घूम रही है। उसकी मानसिक हालत अच्छी नहीं है। वह किसी वाहन से दुर्घटना का शिकार हो सकती है।
कंट्रोल रूम ने इसकी सूचना रानोली थाने को दी। थाने से दो पुलिस कर्मी वहां पहुंचे और महिला को लेकर पूर्व सरपंच गजानंद कुमावत के सुपुर्द कर दिया। रविवार को सुबह गांव के लोगों ने देखा कि महिला वहां निर्माणाधीन मंदिर के भीतर तालों में कैद है। खाना मांगने पर कुछ ग्रामीणों ने उसे खाने-पीने की चीजें भी मुहैया कराई। महिला को मंदिर के भीतर तालों में किसने कैद किया, इसके बारे में पुलिस से लेकर पूर्व सरपंच तक कन्नी काट रहे हैं।
इसकी सूचना मिलने पर भास्कर टीम मौके पर पहुंची और महिला की पीड़ा सुनी। ताले में कैद महिला ने अपना नाम अनारी देवी पत्नी पवन कुमावत बताया। महिला का कहना था कि वह खंडेला के राजपुरा दायरा की रहने वाली है और उसका पीहर कांवट में है। उसने बताया कि पति ने उसे कुछ साल पहले छोड़ दिया था, ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। महिला ने बताया कि उसे शनिवार की रात को 12 बजे कुछ लोगों ने मंदिर के भीतर ताले में बंद कर दिया। वह तब से मदद की गुहार लगा रही है, लेकिन उसे किसी ने बाहर नहीं निकाला।
शाम पांच बजे के बाद महिला कांस्टेबल के साथ पुलिस कर्मी बैद की ढाणी पहुंचे और मंदिर के पास रहने वाली सुमन नामक युवती से चाबी लेकर महिला को मंदिर से बाहर निकाला। सुमन का कहना है कि पुलिस कर्मी और पूर्व सरपंच शनिवार की रात को उसके डेरे में गए और महिला को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए उस पर नजर रखने की बात कही। उन्होंने ही उसे ताले की चाबी सौंपी थी।

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