शनिवार, 23 फ़रवरी 2019

भरतपुर में सात वर्षीया मासूम से हैवानियत, दुष्कर्म कर युवक हुआ फरार

भरतपुर में सात वर्षीया मासूम से हैवानियत, दुष्कर्म कर युवक हुआ फरार

भरतपुर में सात वर्षीया मासूम से हैवानियत, दुष्कर्म कर युवक हुआ फरार

भरतपुर के कामां थाना इलाके में एक युवक ने हैवानियत की हदें पार करते हुए सात वर्षीया मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला. बाद में मासूम को लहूलुहान हालत में छोड़कर फरार हो गया. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करा लिया है. आरोपी की तलाश की जा रही है.
पुलिस के अनुसार वारदात गुरुवार शाम को हुई. एक युवक ने थाना इलाके के एक गांव में सात वर्षीया मासूम को उसके घर की छत पर अकेला देखकर दबोच लिया और उससे दुष्कर्म किया. मासूम के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां छत पर गई. इस पर दुष्कर्मी युवक उसे देखकर बच्ची को लहूलुहान हालत में छोड़कर छत से कूदकर फरार हो गया. पीड़िता की मां ने घटना की जानकारी अपने पति को दी. उसने कामां पुलिस को सूचना दी.सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मौका मुआयना किया. पुलिस ने बालिका का मेडिकल करवा लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है। फिलहाल आरोपी का कोई सुराग नहीं लग पाया है. उसकी तलाश की जा रही है.


अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट में 35-A की सुनवाई से पहले हुई कार्रवाई

अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट में 35-A की सुनवाई से पहले हुई कार्रवाई

अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट में 35-A की सुनवाई से पहले हुई कार्रवाई

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों पर व्यापक कार्रवाई के संकेतों के बीच शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. हालांकि अभी किसी और के हिरासत में लिये जाने की पुष्टि नहीं की गयी है. जानकारी के मुताबिक अनुच्छेद 35-ए पर 26 फरवरी के आस-पास सुनवाई प्रस्तावित है. इसी वजह से एहतियातन यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच घाटी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पुलिस यासीन को कोठीबाग थाने ले गई.

इससे पहले कश्मीर प्रशासन द्वारा अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया गया था. जिसे यासीन मलिक ने झूठ करार दिया था. मलिक ने कहा कि उन्हें राज्य से कभी कोई सुरक्षा नहीं मिली. कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने उसके अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की सुरक्षा वापस लेने संबंधी खबर को ‘हास्यास्पद' बताया था. मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मेरे पास पिछले 30 सालों से कोई सुरक्षा नहीं है. ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं. यह सरकार की तरफ से बिल्कुल बेईमानी है. मलिक ने संबंधित सरकारी अधिसूचना को ‘झूठ' करार दिया. कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा, सैयद अली शाह गिलानी की सुरक्षा वापस लेने से संबंधित खबर बिल्कुल झूठी है और ऐसी हास्यास्पद खबरों पर बस हंसी आती है.