गुरुवार, 16 अगस्त 2018

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक, एम्‍स हालचाल जानने पहुंचे आडवाणी

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक, एम्‍स हालचाल जानने पहुंचे आडवाणी


नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने की खबरों के बीच बुधवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स पहुंचे। पीएम मोदी ने करीब एक घंटे तक एम्स के डॉक्टरों से वाजपेयी के स्वास्थ्य पर चर्चा की। वहीं एम्स मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया कि पिछले 24 घंटों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बिगड़ी है। वह अभी लाइफ सपॉर्ट सिस्टम पर हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राहुल गांधी और लाल कृष्‍ण आडवाणी गुरुवार सुबह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हालचाल जानने एम्स अस्पताल पहुंचे। करीब 11 बजे एक्‍स अटलजी के स्‍वास्‍थ्‍य के संदर्भ में मेडिकल बुलेटिन जारी करेगा।

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक, एम्‍स हालचाल जानने पहुंचे आडवाणी

बुधवार को पूरा देश उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने को उत्सुक रहा। इस दौरान एम्स के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। बुधवार दोपहर भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत खराब होने की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एम्स पहुंच कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शाम को एम्स के बाहर मीडिया का जमावड़ा लग गया। शाम करीब सात बजे वाजपेयी की कुशलक्षेम पूछने पीएम मोदी बिना ट्रैफिक रूट के ही अचानक एम्स पहुंचे और करीब आठ बजे तक रुके।

प्रधानमंत्री के एम्स से जाने के बाद दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी रोमिल बनिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी को देखने आए थे। उनका स्वास्थ्य स्थिर है और वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, हर्षवर्धन, सुरेश प्रभु, जितेंद्र सिंह, अश्विनी कुमार चौबे और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन भी एम्‍स पहुंचे।

एम्स के सूत्रों के मुताबिक बुधवार सुबह वाजपेयी को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। इसके बाद उन्हें जरूरी दवाइयां दी गई थीं। दोपहर तक उनकी तबीयत स्थिर हो गई थी। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री पिछले दो माह से एम्स में भर्ती हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। उन्हें सांस लेने में परेशानी, यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था।

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत...

जब 'मौत से ठन गई' थी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की, इस कविता में दिखी थी जीत...


नई दिल्ली

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं, उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। उनकी कई कविताएं उनके व्यक्तित्व की परिचायक बन गईं तो कइयों ने जीवन को देखने का उनका नजरिया दुनिया के सामने रख दिया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे अटल को बुधवार को लाइफ सपॉर्ट पर रखा गया तो देश-दुनिया में उन्हें मानने वाले लोगों के मन में अपने चहेते राजनेता की चिंता घर कर गई लेकिन आज बोल पाने में असमर्थ अटल अगर अभिव्यक्त कर पाते तो शायद एक कविता के माध्यम से खुद ही सबको ढांढस बंधाने लगते। साल 1988 में जब वाजपेयी किडनी का इलाज कराने अमेरिका गए थे तब धर्मवीर भारती को लिखे एक खत में उन्होंने मौत की आंखों में देखकर उसे हराने के जज्बे को कविता के रूप में सजाया था। आज एक बार फिर याद आ रही यह कविता थी- 'मौत से ठन गई'...
ठन गई!
मौत से ठन गई!

जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,

रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई।

मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं।

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?

तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ,
सामने वार कर फिर मुझे आजमा।

मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र,
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।

बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।

प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।

आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।

पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।

मौत से ठन गई।

...जब राजीव गांधी ने बचाया था अटल को
धर्मवीर को लिखे खत में अटल ने बताया था कि डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी है। उसके बाद से वह सो नहीं पा रहे थे। उनके मन में चल रही उथल-पुथल ने इस कविता को जन्म दिया था। दिलचस्प बात यह भी है कि अमेरिका में अटल को इलाज के लिए भेजने के पीछे एक बड़ा योगदान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी का था। राजीव ने संयुक्त राष्ट्र को भेजे डेलिगेशन में अटल का नाम शामिल किया था ताकि इसी बहाने अटल अपना इलाज करा सकें। अटल हमेशा इस बात के लिए राजीव गांधी की महानता की सराहना करते रहे और कहते रहे कि राजीव की वजह से ही वह जिंदा हैं।
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