थार में हुए उपद्रव का आखिर कौन है जिम्मेदार , जाँच एजेंसियो को करनी होगी इसकी पड़ताल
बाड़मेर। सदैव शांत रहने वाले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आज आयोजित बन्द के दौरान उपद्रवियों ने सारी हदें पार कर दी। पहली घटना नेहरू नगर सोनी बिल्डिंग के पीछे गली में स्थित किराने की दुकान का सामान बिखरने और दुकानदार के साथ मारपीट से हुई। जिसकी सूचना व्यक्तिगत रूप से पुलिस अधीक्षक महोदय को दी गई। इस घटना की शुरुआत कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई। ये असामाजिक तत्व किसी जन प्रतिनिधि के इर्द गिर्द रहने वाले। इन्होंने जानबूझकर कुछ नारे लगाए। इनकी गिरफ्तारी हो। कड़ी पूछताछ भी।आखिर ये किसके बहकावे में आकर माहौल खराब करने में जुटे थे। ये लोग अपने मकसद में कामयाब रहे।जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों की मंशा को भांपने में पूरी तरह विफल रहे। जब तक प्रशासन और पुलिस प्रशासन जगा तक तक बाड़मेर की स्थति तनावपूर्ण जो चुकी थी। फिर भी नही संभाल पाया । कोतवाली थाने पे हमला कोई छोटी बात नही है। पुलिस के एहतियात और सावधानी बरतने के चक्कर मे माहौल बिगड़ता गया। बहुत देर से शहर में धारा 144 लगाई। उज़के बाद हालात सामान्य जरूर हुए मगर तनाव बरकरार रहा। आखिर ऐसा क्यों और किसके इसारे पर हुआ। पुलिस ,प्रशासन ,खुफिया एजेंसियां इसका खुलासा जरूर करे। आखिर शांतिपूर्ण बन्द का राजनीतिकरण किसके इसारे पे हुआ।
बाड़मेर। सदैव शांत रहने वाले बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आज आयोजित बन्द के दौरान उपद्रवियों ने सारी हदें पार कर दी। पहली घटना नेहरू नगर सोनी बिल्डिंग के पीछे गली में स्थित किराने की दुकान का सामान बिखरने और दुकानदार के साथ मारपीट से हुई। जिसकी सूचना व्यक्तिगत रूप से पुलिस अधीक्षक महोदय को दी गई। इस घटना की शुरुआत कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई। ये असामाजिक तत्व किसी जन प्रतिनिधि के इर्द गिर्द रहने वाले। इन्होंने जानबूझकर कुछ नारे लगाए। इनकी गिरफ्तारी हो। कड़ी पूछताछ भी।आखिर ये किसके बहकावे में आकर माहौल खराब करने में जुटे थे। ये लोग अपने मकसद में कामयाब रहे।जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों की मंशा को भांपने में पूरी तरह विफल रहे। जब तक प्रशासन और पुलिस प्रशासन जगा तक तक बाड़मेर की स्थति तनावपूर्ण जो चुकी थी। फिर भी नही संभाल पाया । कोतवाली थाने पे हमला कोई छोटी बात नही है। पुलिस के एहतियात और सावधानी बरतने के चक्कर मे माहौल बिगड़ता गया। बहुत देर से शहर में धारा 144 लगाई। उज़के बाद हालात सामान्य जरूर हुए मगर तनाव बरकरार रहा। आखिर ऐसा क्यों और किसके इसारे पर हुआ। पुलिस ,प्रशासन ,खुफिया एजेंसियां इसका खुलासा जरूर करे। आखिर शांतिपूर्ण बन्द का राजनीतिकरण किसके इसारे पे हुआ।