शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017

ट्यूशन जा रही थी लड़की, गली में प्रेमी ने सीने पर चाकू से किए 11 वार

ट्यूशन जा रही थी लड़की, गली में प्रेमी ने सीने पर चाकू से किए 11 वार

ट्यूशन जा रही थी लड़की, गली में प्रेमी ने सीने पर चाकू से किए 11 वार
कोटा. सगाई टूटने से नाराज सिरफिरे प्रेमी साबिर ने शुक्रवार को ट्यूशन जा रही लड़की शाहीनूर पर चाकू से करीब 11 वार करके बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। साबिर ने तब तक चाकू मारे जब ​तक उसने दम नहीं तोड़ दिया। कुछ महीनों पहले दोनों की सगाई हुई थी, लेकिन साबिर का चाल-चलन ठीक नहीं होने से शाहीनूर के परिजनों ने सगाई तोड़ दी थी। इससे वह नाराज था। उसने पहले पूरी प्लानिंग की और बाइक से आया। जब युवती ट्यूशन के लिए निकली तो उसे पीछे से पकड़कर उस पर चाकुओं से वार कर दिए। जब मोहल्ले में चीख-पुकार हुई तो युवक बाइक वहां पर ही छोड़कर भाग गया।




- दरअसल, भीमगंजमंडी थाना स्थित नेहरू नगर में रहने वाली शाहीनूर उर्फ शीनू (18) पुत्री असलम 12वीं कक्षा की छात्रा थी। वह उर्दू की पढ़ाई करने के लिए ट्यूशन भी जाती थी।

- साबिर फ्रेब्रिकेशन का काम करता था।

- सगाई के बाद शादी की तैयारियों के बीच शाहीनूर के रिश्तेदारों से पता चला कि साबिर सही लड़का नहीं हैं। इस पर खोजबीन शुरू की तो पता चला कि साबिर नशेड़ी और बदमाश है। हालांकि, साबिर के खिलाफ थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं था, लेकिन परिजनों ने कुछ ही समय पहले दोनों का रिश्ता तोड़ दिया।

मामा बोले- हमने साबिर को समझाया था कि वो शाहीनूर को परेशान नहीं करे

- मामा इमरान पूरे समय एमबीएस में शाहीनूर के परिजनों के साथ रहे और उनकी मौजूदगी में ही शव का पोस्टमॉर्टम हुआ।

- इमरान ने बताया कि शाहीनूर ने मुझे व परिजनों को बताया था कि साबिर उसे परेशान करता है। मोबाइल पर फोन लगाता है।

- परिजनों ने इस पर साबिर को समझाया था कि उनकी शादी कैंसिल हो चुकी है इसलिए वो शाहीनूर से दूरी रखे। उसे परेशान नहीं करे। परिजनों ने बदनामी से बचने के लिए इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी थी।

- इमरान ने बताया कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि साबिर ऐसा कदम उठा सकता है।

#आंखों देखी : हत्या का खौफनाक मंजर, घबराई छोटी बहन और प्रत्यक्षदर्शी लड़के की जुबानी

साबिर को चाकू मारते देख मैंने चीखने की कोशिश की लेकिन डर के कारण आवाज नहीं निकली, गिरते-पड़ते पहुंची घर

''दोपहर करीब 2.30 से 3 बजे के बीच का समय था। मैं बड़ी बहन शाहीनूर के साथ उर्दू क्लास की ट्यूशन के लिए निकली थी। हम दोनों घर से करीब 200 मीटर दूर दूसरी गली में पहुंच चुके थे। इस गली में शाहीनूर की मौसी का मकान है, इसलिए हम अक्सर इसी गली से जाते-आते थे। हम दोनों जैसे ही गली में घुसे दीदी ने साबिर को देख लिया था। वो मुझसे बोली- थोड़ा तेज-तेज कदम बढ़ाओ, पीछे कोई आ रहा है। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो साबिर था। इसी बीच दीदी ने परिजनों को फोन लगाने के लिए मोबाइल हाथ में ले लिया था। शायद फोन लगा भी दिया था... मुझे पूरा पता नहीं है। हम दोनों तेज-तेज कदमों से मौसी के मकान तक पहुंचे ही थे कि साबिर भागता हुआ आया और दीदी को पीछे से गला दबाते हुए पकड़ लिया। मैं इतना घबरा गई थी कि मुझे कुछ नहीं सूझा। मैं चिल्लाना चाहती थी, लेकिन साबिर के हाथ में चाकू देखकर मैं डर गई और चिल्ला नहीं पाई। इसी दौरान साबिर ने चाकू से दीदी के सीने पर ताबड़तोड़ वार शुरू कर दिए। वो छटपटाते हुए बचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कुछ नहीं कर सकी क्योंकि साबिर ने उसे पूरी ताकत से पकड़ा हुआ था। चिल्लाने की आवाज सुनकर मौसी के घर की छत पर कोई आया था, लेकिन कौन था मुझे नहीं पता। शायद मौसी ही थी। घर ज्यादा दूर नहीं था और मुझे खुद को बचाना था इसलिए मैं घर पर परिजनों को बुलाने दौड़ी। मैं जब तक वापस आई दीदी सड़क पर खामोश पड़ी थी।''

उसके सिर पर खून सवार था, वो जब दीदी को चाकू मार रहा था तो मैंने चिल्लाकर लोगों को इकट्‌ठा किया

''जिस उर्दू की क्लास में दीदी पढ़ती है, मैं भी वहीं पढ़ता हूं। मैं उनसे बहुत छोटा हूं, लेकिन उर्दू क्लास साथ पढ़ने से मैं उनको और पूरे परिवार को जानता हूं। मैं उनको दीदी कहकर बुलाता था। दोपहर करीब 3 बजे मैं भी उर्दू की क्लास के लिए घर से निकला था और जिस गली में हत्या हुई उसी गली से जा रहा था। मैं जैसे ही गली में घुसा तो मैंने देखा कि साबिर दीदी को चाकू से ताबड़तोड़ मारे जा रहा है। उसके सिर पर खून सवार था, मैं उसे देखकर काफी डर गया। मैं सन्न रह गया और कुछ न कर सका। बस, मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगा और लोगों को इकट्ठा करने लगा। कुछ देर बार पूरी सड़क खून से सनी थी लेकिन वो फरार था।''

(सुरक्षा कारणों से भास्कर शाहीनूर की दूर की बहन और दूसरे मुख्य गवाह का नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है।)

पूरी प्लानिंग करके आया, बाइक छोड़ पैदल ही दौड़ा हत्यारा

- साबिर ने शाहीनूर को मारने की पहले से पूरी प्लानिंग कर रखी थी। वो चाकू कहां से लाया और गली में हत्या की प्लानिंग कैसे की, इसकी पुलिस जांच कर रही है।

- साबिर बोरखेड़ा में रहता है और हत्या करने के लिए बाइक से आया था। वारदात के बाद अपनी बाइक छोड़कर फरार हो गया।

- पुलिस ने मुखबिरों और टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन के आधार पर बदमाश को मुर्गीफार्म के पास से दबोच लिया। जहां से वो पकड़ा गया, उसके बाद चंबल नदी का एरिया शुरू हो जाता है। वो चंबल के इलाके में छुपना चाहता था।

- सीआई रामखिलाड़ी ने बताया कि बदमाश साबिर को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।

बेटी होने के बाद से तड़पाता था पति, अब ससुर ने भी की हद पार

बेटी होने के बाद से तड़पाता था पति, अब ससुर ने भी की हद पार

बेटी होने के बाद से तड़पाता था पति, अब ससुर ने भी की हद पार
ललितपुर. यूपी के ललतिपुर में पति और ससुर द्वारा एक महिला को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। महिला का आरोप है उसके ससुर ने कपड़े खींच कर उसे बिना कपड़ों के कर दिया था और पति ने प्राइवेट पार्ट पर 24 बार लातें मारी थीं। इसके बाद 1 साल की बेटी को भी उससे छीन कर उसे 10 दिसंबर को घर से निकाल दिया गया। पुलिस ने महिला को हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।




आगे की स्लाइड्स में इन्फोग्राफिक की मदद से पढ़ें महिला का बयान...

ये है मामला...

- काशीराम कॉलोनी की रहने वाली वर्षा (22) ने 3 साल पहले मगरपुरा के रहने वाले अक्षय राजा से लव मैरिज की थी। दोनों की अब एक साल की बच्ची है।

- शादी के 1 साल बाद दोनों को बेटी हुई। आरोप है कि उसी के बाद से अक्षय के बिहैवियर में चेंज आ गया और वो उससे मारपीट करने लगा। वर्षा ने उसे कई बार समझाने की कोश‍िश की लेकि वो नहीं समझा।

- पिछले कुछ दिनों से तो वो शराब पीकर घर आने लगा था। किसी बात को लेकर दोनों में बहस हो गई। 10 दिसंबर को हुए इस झगड़े में उसके ससुर भी बोलने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने वर्षा के साथ गलत व्यवहार किया और उसकी बच्ची को छीनकर घर से निकाल दिया।

- इससे पहले अक्ष्य ने उसके साथ मारपीट की। मारपीट में उसे गंभीर चोटें आई हैं। उसे पुलिस ने अस्पताल में एडमिट कराया है।

पूरे मामले पर पुलिस ने ये कहा

- CO सदर हिमांशु गौरव ने बताया, काशीराम कॉलोनी की रहने वाली वर्षा राजा(22) के आरोपों पर आरोप‍ियों के ख‍िलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे। उन के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

भाभी को हुआ देवर से प्यार, बड़े भाई ने करा दी शादी, कहा- हैप्पी मैरिड लाइफ

भाभी को हुआ देवर से प्यार, बड़े भाई ने करा दी शादी, कहा- हैप्पी मैरिड लाइफ

भाभी को हुआ देवर से प्यार, बड़े भाई ने करा दी शादी, कहा- हैप्पी मैरिड लाइफ
घोघा (भागलपुर).यहां के एक फैमिली में भाभी को खुद के देवर से प्यार हो गया जिसके बाद फैमिली को टूटने से बचाने के लिए बड़े भाई ने दोनों की शादी करा दी। शादी के बाद बड़े भाई ने दोनों को हैप्पी मैरिड लाइफ कहा और फिर गांव छोड़ने का फैसला कर लिया। इस दौरान उसने अपनी दो साल की बेटी को भी दोनों को सौंप दिया। उधर, शादी के बाद भाभी ने अपनी बेटी को कहा कि चाचा ही अब तुम्हारे पापा हैं।

रोते हुए गांव छोड़ने का लिया फैसला

- 30 साल के पवन गोस्वामी की पत्नी प्रियंका गोस्वामी अपने देवर साजन गोस्वामी को दिल दे बैठी थी। दोनों में दो साल से प्रेम चल रहा था।

- दोनों ने गांव और समाज से बगावत कर शादी करने को ठान ली थी। इस बात की जानकारी पवन गोस्वामी को जब मिली, तब उसने पत्नी की इच्छा का सम्मान करते हुए शादी पर अपनी रजामंदी दे दी।

- पवन को अपनी पत्नी प्रियंका से इतना प्यार था कि वह उसका दिल नहीं तोड़ना चाहता था। इसके बाद गुरुवार को गांव के ही एक आश्रम में फैमिली मेंबर्स और गांववालों की मौजूदगी में देवर भाभी ने सात फेरे लिये।

- शादी के बाद पति दोनों को सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया और घूंघट की रस्म भी निभाई। इसके बाद आखिरकार पत्नी के इस कदम से दुखी पवन रो पड़ा। पवन पहले दिल्ली में रहता था। शादी के बाद मंदिर प्रशासन के महंत ने दूल्हा और दुल्हन के नाम मैरिज सर्टिफिकेट भी जारी किया।




4 साल पहले पवन और प्रियंका की हुई थी शादी




- प्रियंका की शादी चार साल पहले पवन से हुई थी। 30 साल के पवन को दो साल की एक बेटी भी है।

- दूसरी शादी के पहले प्रियंका और पवन के बीच तलाक का पेपर कहलगांव कोर्ट से बनवाया गया। बाद में विधिवत मंदिर में शादी करवाई।

- पवन की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। वह पेशे से मजदूर है। इसके अलावा खेत में भी काम करता है। जबकि उसका भाई साजन बेरोजगार है।




पवन ने कहा-भाई और पत्नी की खुशी में ही उसकी भी खुशी

- शादी के बाद पवन ने कहा कि भाई और पत्नी की खुशहाली में ही उसकी खुशी छिपी है। जब दोनों ने शादी करने की ठान ली तो वह भला वो कैसे रोक सकता था।

- उसने कहा कि जब पत्नी मुझसे खुश नहीं है, तो मैं उसे जबरन कैसे रख सकता हूं। वो जहां रहना चाहे उसकी मर्जी है। भाई और पत्नी के लिए मैं पत्नी की बेवफाई झेलने को तैयार हूं।

- उधर, शादी के बाद प्रियंका ने कहा कि देवर साजन गोस्वामी के लिए वह जीने-मरने को तैयार है, अब साजन ही उसका असली प्यार है।

8 साल रिश्ते के बाद प्रेमिका हुई प्रेग्नेंट, शादी से मुकरे प्रेमी से थाने में भरवाई मांग

8 साल रिश्ते के बाद प्रेमिका हुई प्रेग्नेंट, शादी से मुकरे प्रेमी से थाने में भरवाई मांग

8 साल रिश्ते के बाद प्रेमिका हुई प्रेग्नेंट, शादी से मुकरे प्रेमी से थाने में भरवाई मांग
जमशेदपुर(झारखंड).प्रेग्नेंट प्रेमिका से शादी से इंकार करने पर प्रेमी के खिलाफ बीजेपी की लेडी लीडर्स ने थाने में हंगामा किया। उनके गुस्से को देख पुलिस प्रेमी को पकड़कर थाने ले लाई। थाना में पहले तो लड़के ने शादी से इनकार किया, लेकिन लेडी लीडर्स और पुलिस के दबाव के बाद थाना कैंपस में ही दोनों की शादी रचाई गई। लड़की बुधवार को पुन: थाने पहुंची और शादी के बाद लड़के द्वारा पिटाई करने का आरोप लगाया।




शाम को दोबारा मंदिर में करवाई गई शादी

- जानकारी के मुताबिक, मामला बिरसानगर का है। जहां शिकायतकर्ता लड़की ने बताया कि उसका प्रेमी संदीप दास पिछले 8 सालों से उससे शादी का झांसा देकर रिश्ते बना रहा था। जिसके कारण वह प्रेग्नेंट हो गई। अब संदीप शादी से इंकार कर रहा है। संदीप और उसके घरवाले उसकी शादी की तैयारी कर रहे हैं।

- उसने पुलिस से भी शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद वह बीजेपी लीडर्स के पास मदद की गुहार लगाने लगी।

- मंगलवार सुबह बिरसानगर थाने में पुलिस के आला अफसरों और बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में संदीप दास ने लड़की की मांग में सिंदूर डाला। जिसके बाद शाम को दोबारा बीजेपी नेताओं ने एक मंदिर में प्रेमी जोड़े की पूरे रीति-रिवाजों से शादी करा

भक्त एवं भगवान का मिलन है भगवान जगन्नाथ रथयात्रा

भक्त एवं भगवान का मिलन है भगवान जगन्नाथ रथयात्रा

भक्त एवं भगवान का मिलन है भगवान जगन्नाथ रथयात्रा
भारतीय जनमानस की भक्ति के प्राणाधार श्री कृष्ण का सबसे दयालु स्वरूप भगवान जगन्नाथ है। भगवान जगन्नाथ अर्थात भक्त के नाथ, जगत के नाथ दयालु भगवान। इस स्वरूप में विशाल नेत्रों के साथ बांहें पसारे भगवान जगन्नाथ भक्त को अपने आलिंगन में लेने के लिए उसे पुकार रहे हैं। भगवान जगन्नाथ रथयात्राओं के आयोजन का वास्तविक अर्थ भक्त एवं भगवान का मिलन है। जिसे देश-विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) तहेदिल से निभा रहा है।




जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होने की पौराणिक कथा के अनुसार लगभग 5 हजार वर्ष पूर्व द्वापर युग में लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण जब वृंदावन त्याग कर द्वारिका नगरी में अपनी पत्नियों संग निवास कर रहे थे, तभी एक बार पूर्ण सूर्य ग्रहण का विरल अवसर आया। सूर्य ग्रहण के इस अवसर पर सभी यदुवंशियों ने कुरुक्षेत्र में स्थित समन्त पंचक नामक पवित्र तीर्थ पर एकत्रित होने तथा यथा रीति वहां स्नान, उपवास, दान आदि करके अपने पापों का प्रायश्चित करने का निश्चय किया। निश्चय के अनुरूप समस्त द्वारिका वासियों ने श्री कृष्ण के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र की ओर प्रस्थान किया।




वियोगिनी राधा रानी एवं वृंदावन वासियों को जब ज्ञात हुआ कि श्री कृष्ण कुरुक्षेत्र आ रहे हैं तो उन्होंने नंद बाबा के नेतृत्व में श्री कृष्ण के दर्शनार्थ कुरुक्षेत्र जाने का निश्चय किया। इतने वर्षों के पश्चात भक्त शिरोमणि राधा रानी तथा गोपियों ने श्री कृष्ण को देखकर परम आनंद अनुभव किया किंतु कुरुक्षेत्र का वातावरण तथा श्री कृष्ण की राजसी वेशभूषा राधा रानी के प्रेम में अवरोधक थी। राधा रानी पूर्व बीते समय की भांति श्री कृष्ण के साथ वृंदावन की कुंज गलियों में विहार तथा मिलन के लिए लालायित थीं।



इस लालसा के कारणवश राधा रानी ने श्री कृष्ण को वृंदावन आने का निमंत्रण दिया। परम भगवान श्री कृष्ण ने निमंत्रण स्वीकार किया तो वृंदावन वासी प्रसन्नता से झूम उठे। जिस रथ पर परम भगवान श्री कृष्ण तथा उनके बड़े भाई बलराम तथा मध्य में बहन सुभद्रा आरूढ़ थीं, उस रथ के घोड़े ब्रजवासियों ने खोल दिए तथा घोड़ों की जगह स्वयं जुत गए।




वृंदावन वासियों ने परम भगवान श्री कृष्ण को तब प्रथम बार भगवान जगन्नाथ (जगत के नाथ) का नाम दिया। आकाश जय जगन्नाथ, जय बलदेव, जय सुभद्रा के उद्घोषों से गूंज उठा। भक्तों का अभूतपूर्व प्रेम देखकर परम भगवान श्री कृष्ण ने कहा-जब तुम मेरे घोड़े (दास) बन ही गए हो तो अब तुम मुझे जहां चाहे ले चलो। इस प्रकार सब ब्रजवासी मिलकर भगवान श्री कृष्ण के रथ को स्वयं खींचकर श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा जी का जय-जयकार करते हुए वृंदावन धाम तक ले गए। इसी सारी लीला को जगन्नाथ रथयात्रा के नाम से जाना जाने लगा।




लेकिन श्री कृष्ण के प्रेम एवं भक्ति की यह लीला उसी दिन समाप्त नहीं हो गई बल्कि श्री जगन्नाथ रथयात्रा उसी कृष्ण प्रेम के साथ जगन्नाथ पुरी उड़ीसा में निकलनी शुरू हुई, जहां लाखों भक्तों ने रथयात्राओं में भाग लेना शुरू किया। श्री कृष्ण भक्तों को रथयात्राओं के साथ जोड़े रखने के लिए 20वीं शताबदी में महान संत एवं इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद ने भरसक प्रयास शुरू किए।




इसी कड़ी में उन्होंने 9 जुलाई 1967 को अमेरिका में सान फ्रांसिस्को की धरती पर जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन कर प्रथम बार भगवान श्री कृष्ण का नाम विदेशी धरती पर फैलाना शुरू किया। तब से लेकर आज तक सान फ्रांसिस्को में इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।




उधर लुधियाना में 1996 में श्रील प्रभुपाद की जन्म शताब्दी के अवसर पर इस्कॉन कुरुक्षेत्र अध्यक्ष श्रद्धेय साक्षी गोपाल दास के अथक प्रयासों से लुधियाना में प्रथम बार जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन किया गया। पिछले लगभग दो दशकों से भी अधिक समय से लुधियाना में जगन्नाथ रथयात्रा का वार्षिक आयोजन अपने पूरे वेग से कृष्ण भक्ति की पराकाष्ठा को बढ़ा रहा है।




इस रथयात्रा में सम्मिलित होने के लिए हर वर्ष देश-विदेशों से अनेकों कृष्ण भक्त जगन्नाथ जी की कृपा लेने के लिए लुधियाना पधारते हैं। रथयात्रा के पावन अवसर पर हीरे-रत्न एवं स्वर्ण जडि़त झाड़ुओं से रथयात्रा मार्ग को स्वच्छ किया जाता है। रंग-बिरंगी रंगोलियों से सजाकर उसमें कृष्ण भक्ति के रंग संजोए जाते हैं। मार्ग में फूलों के द्वार, तोरणद्वार, वंदनवार, दीपमाला, शहनाई वादन, फलों के द्वार आदि द्वारों से रथयात्रा मार्ग को सजाया जाता है।




रथ के आगे अनेकों वैष्णव संकीर्तन मंडलियां भगवान जगन्नाथ जी के संकीर्तन में लीन रहती हैं। पूरा रथयात्रा मार्ग 108 तीर्थों के जल एवं गौमाता के गोबर से शुद्ध किया जाता है, ताकि भगवान जगन्नाथ ने जिस मार्ग से निकलना है, उस मार्ग पर भक्त एवं भगवान का मधुर मिलन हो। जगन्नाथ रथ के समक्ष भक्तों द्वारा मोरपंख आरती, चंवर आरती, इत्र, दीपक, गुगल, नारियल, कपूर, अगरबत्ती आदि आरतियां करके जगन्नाथ जी को रिझाया जाता है। अनेकों स्वागती मंच भगवान जगन्नाथ जी की प्रतीक्षा में पलकें बिछाए बैठते हैं। भगवान को प्रिय छप्पन भोग, विभिन्न व्यंजन, माखन-मिश्री भोग, भगवान के आगे अर्पित किए जाते हैं। विभिन्न प्रदेशों की सांस्कृतिक झांकियां एवं प्रादेशिक बैंड राष्ट्रीय एकता की झलक दिखाते हैं।

गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

एग्जिट पोल में बीजेपी को गुजरात और हिमाचल में बहुमत, कांग्रेस की बड़ी हार के आसार

एग्जिट पोल में बीजेपी को गुजरात और हिमाचल में बहुमत, कांग्रेस की बड़ी हार के आसार

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हिमाचल प्रदेश का सबसे सटीक एग्जिट पोल


वोट प्रतिशत की बात करें तो दोनों ही पार्टियों में बहुत ज्यादा अंतर दिखाई नहीं दे रहा है. बीजेपी के खाते में 45 प्रतिशत तो वहीं कांग्रेस के खाते में 42 प्रतिशत वोट प्रतिशत जाने का अनुमान है. अन्य के खाते में कुल13 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान है.




एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 68 में से 38 सीटों पर जीत का परचम लहरा सकती है. वहीं कांग्रेस के खाते में 29 सीटें जाने का अंदेशा है.




हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के नतीजों के अनुसार बीजेपी को बहुमत मिलती दिख रही है.







गुजरात का सबसे सटीक एग्जिट पोल







फाइनल एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को गुजरात में बहुमत मिल रहा है. 117 सीटों के साथ बीजेपी सरकार बनाएगी और 64 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर रहने का अनुमान है. अन्य को एक सीट मिलने का अनुमान है.




मध्य गुजरात में बीजेपी को 47 प्रतिशत, कांग्रेस को 42 प्रतिशत और अन्य के पक्ष में 11 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान है.




मध्य गुजरात की 40 सीटों में से बीजेपी को 24 सीटें और कांग्रेस को 16 सीटें मिलने का अऩुमान है.




मध्य गुजरात में भी कांग्रेस को पछाड़ बीजेपी को बढ़त दिख रही है.




गुजरात के एग्जिट पोल के तीन राउंड के नतीजों के अनुसार बीजेपी को बहुमत मिल गई है.




उत्तर गुजरात में अभी तक आए रुझानों के अनुसार कुल 53 सीटों में से बीजेपी को 35 और कांग्रेस को 18 सीटेें मिलने का अनुमान है.




उत्तर गुजरात में बीजेपी को 49 प्रतिशत, कांग्रेस को 42 प्रतिशत और अन्य के पक्ष में 9 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान है.




उत्तर गुजरात की कुल 53 सीटों पर दोपहर 2 बजे तक हुई वोटिंग के अनुसार बीजेपी को बढ़त मिल रही है. आपको बता दें कि ये आंकड़े दोपहर 2 बजे तक हुए मतदान के आधार पर हैं क्योंकि वहां आज ही मतदान हुआ है.




शुरुआती रूझानों में गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनता ने परिवारवाद को नकारा है.




पहले रुझानों में कांग्रेस को पीछे छोड़ बीजेपी काफी आगे नजर आ रही है और 182 सीटों में से 58 सीटों पर बढ़त मिल रही है.




दक्षिण गुजरात में वोट प्रतिशत की बात करें तो बीजेपी को 52 प्रतिशत, कांग्रेस को 40 प्रतिशत और अन्य के खाते में 8 प्रतिशत मतदान का अनुमान है.




दक्षिण गुजरात में 7 जिले आते हैं, जिसमें कुल 35 सीटें हैं. एग्जिट पोल के रुझानों के मुताबिक बीजेपी को 24 ,कांग्रेस को 11 और अन्य - 0 सीटें मिलती दिख रही हैं.




वोट प्रतिशत की बात करें तो सौराष्ट्र-कच्छ की 54 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं रहा है. बीजेपी को 49 प्रतिशत, कांग्रेस को 41 प्रतिशत और अन्य की झोली में 10 प्रतिशत मतदान का अनुमान है.




सौराष्ट्र-कच्छ की 54 सीटों के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 34 सीटें मिल सकती हैं, कांग्रेस को 19 सीटें और अन्य को 1 सीटें मिलने की उम्मीद है.




गुजरात चुनाव एग्जिट पोल का पहला रुझान सौराष्ट्र और कच्छ से आने वाला है.







हिमाचल प्रदेश में पड़े कुल 74 फिसदी वोट




हिमाचल प्रदेश में 9 दिसंबर को 68 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़े थे. चुनाव आयोग के मुताबिक शाम पांच बजे तक हिमाचल में करीब 74 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. राज्य में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह के सामने अपनी कुर्सी को बचाने की चुनौती है तो वहीं बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल एक बार फिर हिमाचल की सत्ता पर कब्जा जमाने की कोशिश करेंगे.




वर्तमान में राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के क्रमश: 35 और 28 विधायकों के साथ चार निर्दलीय हैं और एक सीट खाली है. चुनावों में 180 से ज्यादा निर्दलीय और कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा बागी मुकाबले में हैं. आपको बता दें कि हिमाचल में सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की आवश्यकता है.




गुजरात चुनाव के नतीजे तय करेंगे 2019 की दिशा




गुजरात में दो चरणों में 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को वोटिंग हुई. गुजरात का चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात से दिल्ली आने के बाद यह पहला चुनाव है. इसलिए बीजेपी 22 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी ने इसे प्रतिष्ठा का चुनाव बनाया है.




इसके साथ ही गुजरात चुनाव जीएसटी पर मुहर के तौर पर भी देखा जा रहा है. वहीं कांग्रेस के लिए 22 साल बाद सत्ता में वापस आने की चुनौती है तो राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद यह चुनाव कांग्रेस के लिए और भी गंभीर हो गया है. गुजरात में 182 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का जादुई आंकड़ा 92 है.

बाड़मेर । छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर जड़ा ताला , जमकर किया विरोध प्रदर्शन

बाड़मेर । छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर जड़ा ताला , जमकर किया विरोध प्रदर्शन



पद रिक्तता व पीजी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन 



रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर । एम.बी.सी. कन्‍या महाविद्यालय में व्याख्याताओं के रिक्त पदों को भरने व पीजी की मांग को लेकर कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष तनुजा चारण के नेतृत्व में छात्राओं ने नारेबाजी करते हुए महाविद्यालय के गेट पर ताला जड़ कर अपनी मांगों को लेकर वहीं धरने पर बैठ गई।

कॉलेज गेट पर ताला लगे होने के कारण कॉलेज प्राचार्य सहित व्याख्याताओ को बाहर बैठना पड़ा। हंगामे को बढ़ते देख कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन को सूचना दी।इसके बाद उपखंड अधिकारी बाड़मेर ने कॉलेज पहुंचकर छात्राओं से बात की तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया।लेकिन छात्राए जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन से लिखित में आश्वासन की मांग अड़ी रही।

छात्राओं का कहना था कि कई बार कॉलेज व जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बादजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नही हो रहा है और जनप्रतिनिधि हमारी मांगो को लेकर पैरवी नही कर रहे है जिसके कारण मजबूरन कॉलेज के गेट पर ताला लगाना पड़ा। तत्पश्चात छात्राओं ने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि आकर हमारी बात को सुनें वह हमारी बात आगे तक पहुंचाए है। तत्पश्चात सरकार की ओर से यूआईटी चैयरमैन डॉ प्रियंका चौधरी छात्राओं से बात करने पहुंची और कॉलेज की समस्याओं को लेकर शिक्षा मंत्री से बात करने साथ चलने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्राचार्य ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय के निदेशक से बात की तो उन्होंने कहा कि शाम तक 3 व्याख्याताओं की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। तत्पश्चात छात्राओं ने महाविद्यालय के गेट से ताला खोला।

बाड़मेर। श्रमदान से निखरा शहीद सर्किल और बस स्टेंड

बाड़मेर। श्रमदान से निखरा शहीद सर्किल और बस स्टेंड

बाड़मेर। राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे श्रमदान सप्ताह के तहत बुधवार को शहीद सर्किल और वृद्विचंद जैन रोडवेज बस स्टेंड पर श्रमदान का आयोजन हुआ। जिला मुख्यालय पर शहीद सर्किल एवं वृद्विचंद जैन बस स्टेंड पर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, पुलिस अधीक्षक डा.गगनदीप सिंगला, नगर परिषद के सभापति लूणकरण बोथरा, यूआईटी चैयरमैन डॉ . प्रियंका चौधरी , अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.गुंजन सोनी, अधिशाषी अभियंता दीपक गुप्ता की अगुवाई में श्रमदान आयोजित हुआ। इस दौरान पुलिस के जवानो, नगर परिषद एवं विभागीय कार्मिको , विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधियो , विद्यार्थियो ने श्रमदान किया। जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, यूआईटी चैयरमैन की अगुवाई में हुए श्रमदान से शहीद सर्किल निखर उठा। इस दौरान ओवरब्रिज के नीचे, कापरेटिव बैंक एवं एलआईसी के सामने, मुख्य सड़क एवं रोडवेज बस स्टेंड पर श्रमदान किया गया।




बाड़मेर। जिला स्तरीय कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर राज्य मंत्री ने तैयारियों का लिया जायजा

बाड़मेर। जिला स्तरीय कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर राज्य मंत्री ने तैयारियों का लिया जायजा

बाड़मेर। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आदर्श स्टेडियम में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जिला स्तरीय मुख्य समारोह में ‘‘सोच नई, काम कई‘ विषयक जिला विकास प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस दौरान रोजगार मेले के अलावा विभिन्न विभागो की ओर से जन कल्याणकारी योजनाओ की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इधर, जोधपुर जेडीए चैयरमैन एवं राज्य मंत्री महेन्द्रसिंह राठौड़ ने बुधवार को राज्य सरकार की चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रमो की तैयारियो का जायजा लिया और साथ ही समुचित तैयारियां करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते, यूआईटी चैयरमैन डा.प्रियंका चौधरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.गुंजन सोनी, पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।