गुरुवार, 30 मार्च 2017

PALI: अपराध का ये भी गजब शौक : कच्छा-बनियान पहन करते है अपराध



फालना.PALI: अपराध का ये भी गजब शौक : कच्छा-बनियान पहन करते है अपराध
PALI: अपराध का ये भी गजब शौक : कच्छा-बनियान पहन करते है अपराध

प्रदेश के कुख्यात कच्छा गिरोह के एक बार फिर पाली जिले में सक्रिय होने के संकेत मिले हैं। पाली शहर में दो बार इसी प्रकार से सीसीटीवी फुटेज में कच्छा गिरोह के हथियारों से लैस होकर वारदात करने की जानकारी मिली थी। फालना में भी बीती रात इसी प्रकार एक मकान में कच्छा पहने व हथियार लिए गिरोह के सदस्यों ने वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फालना थाने के सहायक उप निरीक्षक चौथाराम नागौरा ने बताया कि श्रीपाल नगर निवासी हरिसिंह राजपुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनके मकान से एक मोबाइल और 43 हजार रुपए चोरी कर ले गए। इस मामले की जांच की गई तो चोरी हुए मकान के सामने वाले मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में वारदात कैद हुई है। इसमें कुछ युवक कच्छा पहने हुए और हाथ में हथियार लिए वारदात को अंजाम देकर बाहर निकलते दिख रहे हैं।

जानलेवा है यह गिरोह

यह गिरोह चोरी के बाद लोगों के साथ मारपीट करने और कई बार जान से मारने जैसी वारदात भी कर देता है। चोरी करते समय यदि कोई सामने आता है तो ये तलवार और सरिये जैसे हथियार से हमला कर देते हैं।

इसलिए आते हैं कच्छा-बनियान में

यह गिरोह कच्छा और बनियार में चोरी की वारदात को अंजाम देने आता है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार एेसा ये चोरी करते समय पकड़े जाने के डर से करते हैं। साथ ही वे अपने शरीर पर तेल भी लगा कर रखते हैं। जिससे कि कोई पकडने की चेष्टा करे तो बच कर निकल सकते हैं।

बाड़मेर का गौरव हैं हमारे दस्तकार: शर्मा -बाड़मेर पहुंचने पर आयोजित हुआ स्वागत सम्मान समारोह

बाड़मेर का गौरव हैं हमारे दस्तकार: शर्मा
-बाड़मेर पहुंचने पर आयोजित हुआ स्वागत सम्मान समारोह

बाड़मेर, 30 मार्च। बाड़मेर के विभिन्न गांवांे के दस्तकारांे ने राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य मंे अल्बर्ट हॉल जयपुर में आयोजित मेड इन बाड़मेर फैशन शो में रैम्प पर आकर जो हौंसला दिखाया है, वो पूरे जिले के लिए गौरव बढाने वाला हैं। आपने बाड़मेर का प्रतिनिधित्व कर एक नई अलख जगाई हैं जो वास्तव बहुत ही काबिले तारिफ है। जिला कलेक्टर सुधीर शर्मा ने यह बात गुरूवार को ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के बलदेव नगर स्थित क्राफ्ट डवलपमेंट सेन्टर पर जयुपर से फैशन शो में भाग लेकर लौटी ग्रामीण महिला दस्तकारों के सम्मान समारोह में कही।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने इस दौरान प्रत्येक महिला दस्तकार से रूबरू होते हुए उनका परिचय प्राप्त किया तथा उनकी हौसला अफजाई करते हुए कहा कि उनकी ओर से की गई मेहनत आज रंग लाई हैं, जिस तरह इस फैशन शो के मंच पर आगे बढी है, इसी तरह जीवन के हर क्षैत्र में आगे बढे जिससे बाड़मेर जिले का नाम रोशन होगा। उन्हांेने कहा कि आप सभी दस्तकार इसी तरह अपना काम मेहनत और लगन से करके आगे बढे तथा जिले की इस बेहतरीन कला को और आगे बढाएं। इससे पहले बुधवार को जयपुर के अल्बर्ट हॉल के प्रांगण में राजस्थान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित मेड इन बाड़मेर फैशन शो में भाग लेकर वापिस संस्थान के बलदेव नगर स्थित क्राफ्ट डवलपमेंट सेन्टर पहुंची। जहां महिला दस्तकारों का ढोल थाली बजाकर ,माला पहनाकर, तिलक लगाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष रूमादेवी ने दस्तकार बहनों को अपनी ताकत पहचानने और अपनी स्वंय की पहचान स्थापित करने का आहवान किया। उन्होंने कहा हमारा हूनर ही हमारी पहचान हैं। यह पहचान हमारे जिले और राज्य के गौरव को और अधिक बढाने वाली है। जिस तरह जयपुर में माननीय मुख्यमंत्री जी और अन्य मेहमानों ने हमारा हौसला बढाया वो हौसला हमें नई ताकत और नई ऊर्जा दे रहा है। अब हम हमारे काम को हमारी पहचान के तौर पर स्थापित करेगें। उन्होंने कहा कि भले ही हमें ज्यादा पढी लिखी नहीं है। लेकिन हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करेगें और हस्तशिल्प का काम कर उससे होने वाली कमाई से बचत कर घर की जिम्मेवारी का जिम्मा सभालेगी। इस दौरान जिला कलक्टर ने संस्थान अध्यक्ष रूमादेवी के इन प्रयासों की सराहना करते हुए प्रशंसा की। साथ ही बाड़मेर के हस्तशिल्प और महिला सशक्तिकरण के लिए अतुलनीय योगदान के लिए आभार जताया। इस अवसर पर संस्थान सचिव विक्रमसिंह ने बाड़मेर जिले के हस्तशिल्प को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में जिला प्रशासन के सक्रिय योगदान का अनुरोध करते हुये इसे पर्यटन से जोड़ने के लिए सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम में महिला दस्तकारों ने इस फैशन शो के दौरान अपने अनुभव बारी - बारी से व्यक्त करते हुए बताया कि इस कला की कद्र एवं हमारी पहचान तब पता चली, जब हम अपने घर से निकलकर जब स्वंय द्वारा तैयार किये गये कशीदा उत्पादों व परिधानों को फैशन शो के रैम्प पर लेकर गई। मंच पर बुलाकर जब उनका स्वागत सम्मान एवं हौसला अफजाई की गई मानो जैसे सपना साकार हो गया। तब हमें हमारी पहचान पता चली। अब हम सभी महिला दस्तकार इस कला को बड़ी ऊचाईयों तक ले जायेगी और अपनी पहचान को कायम रखेगी। इस दौरान अणसीदेवी, अमरूदेवी, नेनूदेवी, जसोदादेवी, मीरोंदेवी, कमलादेवी, केकूदेवी, मीबाई, राकूदेवी, शांतिदेवी, मीरोंदेवी, खातुदेवी, कमलादेवी, अंतरीदेवी, धाईदेवी, कानाराम, नरपतराज, गणेश बोचिया, अजय चौधरी, गौरव चौधरी, खेताराम, केवलाराम हींगड़ा, देराराम हींगड़ा धनसिंह, परमेश्वरीदेवी, वरजूदेवी, सुमित्रादेवी, गीतादेवी, मोहनी, रमा, धर्माराम, ज्ञानंचद धनाऊ, कैलाश नवातला, खेमाराम महाबार, सहित अनके महिला दस्तकार उपस्थित रहे।