मंगलवार, 31 जनवरी 2017

द्वितीय स्वच्छता पखवाडा आज से 15 फरवरी तक



ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर आयोजित होंगे रोजगार शिविर
बाड़मेर, 31 जनवरी। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत श्रम बजट के अनुरूप मानव दिवस सृजन करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक गुरूवार को रोजगार शिविर आयोजित किए जाएंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके। महात्मा गांधी नरेगा आयुक्त देबाशीष पृष्टी ने समस्त जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयकों को पत्र लिखकर वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजनान्तर्गत अनुमोदित श्रम बजट के अनुरूप मानव दिवस सृजन करने को कहा है।

अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि सके। महात्मा गांधी नरेगा आयुक्त देबाशीष पृष्टी ने प्रदेश के कुछ जिलांे की ग्राम पंचायतों में श्रमिकों का नियोजन की शुन्य होने की स्थिति को गम्भीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक गुरूवार को रोजगार शिविर आयोजित कर फार्म नं0 6 तथा सादा कागज पर रोजगार की मांग दर्ज कर नरेगा सॉफ्ट में इन्द्राज कर कार्य आवंटित किया जाएं तथा जॉबकार्ड सत्यापन व अपडेशन का कार्य भी किया जाये। उन्हांेने निर्देश दिए है कि नरेगा योजनान्तर्गत नरेगा सॉफ्ट पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार 70 दिवस से अधिक रोजगार पाने वाले परिवारों का चिन्हिकरण कर 100 दिवस का रोजगार पूर्ण कराये जाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने बताया कि जिस ग्राम पंचायतों में पं0 दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण शिविर आयोजित किए जा रहे है, उनमें रोजगार की मांग दर्ज किए जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

द्वितीय स्वच्छता पखवाडा आज से 15 फरवरी तक
बाड़मेर, 31 जनवरी। द्वितीय स्वच्छता पखवाडा एक से 15 फरवरी 2017 तक मनाया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रथम स्वच्छता पखवाड़ा 30 मई से 13 जून 2016 तक सभी चिकित्सा संस्थानों व कार्यालयों में मनाया गया था।

चिकित्सा संस्थानों व कार्यालयों में एक फरवरी से स्वच्छता पखवाड़े की शुरूआत ‘‘ स्वच्छता शपथ ग्रहण’’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस पखवाड़े में बेकार वस्तुओें तथा पुराने रिकॉर्ड का निराकरण करने के साथ ही चिकित्सा संस्थानों व कार्यालयों में साफ-सफाई रखने एवं रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित रखने के निर्देश दिए गए है।

जयपुर मुझे बचा लो, नहीं जाना उस दलदल में वापस

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वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसी 16 साल की एक किशोरी ने दिलेरी दिखाई और झालावाड़ स्थित अपने घर से भाग गई। फिर चाइल्ड हेल्प लाइन पर कॉल कर मदद की गुहार की। चाइल्ड हेल्प लाइन ने बच्ची को संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां से उसे शेल्टर होम भेज दिया गया। उसे ढंूढते परिजन भी बाल कल्याण समिति आ पहुंचे लेकिन किशोरी ने उनके साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। अब मंगलवार को मेडिकल रिपोर्ट में किशोरी की सही उम्र का पता चलने पर फैसला होगा।


किशोरी ने सोमवार सुबह 9.30 बजे चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर कॉल किया था। उसने बताया कि वह झालावाड़ के छत्रपुरा क्षेत्र से बोल रही है। उसकी मां और घरवाले उससे जबरदस्ती गंदा काम कराते हैं। वह पिछले 2-3 साल से देह व्यापार के दलदल में फंसी हुई है। चाइल्ड हेल्प लाइन मुख्यालय ने कॉल तुरंत जिला समन्वयक दुलीचंद लोधा को कनेक्ट की, जिन्होंने बच्ची से बात कर लोकेशन पूछी। किशोरी ने कहा कि वह अभी बस में सवार है और कुछ देर में झालावाड़ बस स्टैंड पहुंचने वाली है। इस पर प्रभारी दुलीचंद, महिला सहयोगी मीनाक्षी मोदी और लेखराज लोढ़ा के साथ तुरन्त बस स्टैंड पहुंचे। टीम ने किशोरी को संरक्षण में ले कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद बाल कल्याण समिति सदस्य सीमा रहमान खान के समक्ष पेश किया।




चाइल्ड हेल्प लाइन से मांगी मदद


समिति के पूछते ही किशोरी फफक पड़ी। उसकी दास्तां सुन वहां मौजूद लोगों की भी आंखें नम हो गई। किशोरी ने बताया, मेरे पिता नहीं हैं। मां व परिवार के लोग देह व्यापार में लिप्त हैं। मुझे भी दो साल पहले गंदे काम में लगा दिया। विरोध करने पर मारपीट करते थे। अब मैं वहां नहीं जाना चाहती।




इनके साथ मत भेजो




उधर, बेटी को गायब देख उसकी मां ने आसपास तलाश की। फिर भवानी मंडी थाने पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस से सूचना मिलने पर मां व परिजन किशोरी को साथ ले जाने बाल कल्याण समिति पहुंचे लेकिन किशोरी सुबक पड़ी। हाथ जोड़कर विनती करने लगी कि उनके साथ मत भेजो।