शनिवार, 31 दिसंबर 2016

कच्छ के कोटेष्वरम से शुरू हुई सद्भावना यात्रा -बाड़मेर के युवाओं की तीन राज्यो जायेगी यह यात्रा



कच्छ के कोटेष्वरम से शुरू हुई सद्भावना यात्रा

-बाड़मेर के युवाओं की तीन राज्यो जायेगी यह यात्रा


बाड़मेर 31.12.16

गुजरात के कच्छ जिले के कोटेश्वरम से बाड़मेर के युवाओं की सद्भावना यात्रा शनिवार को शुरू हुई। इस यात्रा के लिए दस युवाओं का दल शुक्रवार को कोटेश्वरम पहुँचा। यहाँ पर सीमा सुरक्षा बल के आला अधिकारियों ने इनकी अगुवाई की। कैयर्न इंडिया, वेदान्ता, रेडक्रॉस सोसायटी, स्वच्छ भारत मिषन के सहयोग से इस यात्रा का आगाज कोटेष्वर से हुआ। बेटी बचाओ, संपूर्ण स्वच्छता और पानी बचाओ के स्वर को मुखर करने वाली इस यात्रा की शुरुवात में कोटेश्वरम महादेव मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया उसके बाद कोटेश्वरम मंदिर के मुख्य महंत पंडित दिनेश गिरी और डिप्टी कमान्डेंट भवानीसिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार और मंगल कामनाओ के साथ यात्रा की शुरुवात की। युवाओं के दल के अगुवाकर्ता मदन बारूपाल ने बताया कि सेवानिवृत अतिरिक्त महानिदेषक एम.एल. बॉथम के नेतृत्व में सद्भावना यात्रा शुरू हुई। बीते कई दिनों से बेटी बचाओ, संपूर्ण स्वच्छता और पानी बचाओ के मुद्दे को मुखर करने के लिए युवाओं में विचार मंथन किया जा रहा था जिसका परिणाम यह यात्रा है। आगामी 7 जनवरी को अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर खत्म होने वाली यह यात्रा अपने सन्देश और अपने सफर को लेकर ऐतिहासिक रहेगी।

इन पड़ावों से गुजरेगी यात्रा

सद्भावना यात्रा कोटेश्वरम से वाघा बॉर्डर तक का सफर तय करेगी जिसमे सुईगाव, राधनपुर, ब्राह्मणों की ढाणी, केलनोर, गडरा, तामलोर, मुनाबाव, सुंदरा, लोंगेवाला, किशनगढ़, तनोट, बीकानेर, अनूपगढ़, बिज्जू, घड़साना, हिंदुमल कोट, अबोहर, फजलका और अमृतसर मुख्य पड़ाव होंगे। इन स्थानों पर सीमा सुरक्षा बल और अन्य कई संस्थाओं के साथ बेटी बचाओ, संपूर्ण स्वछता और पानी बचाओ के मुद्दों पर कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा। युवाओं के इस दल द्वारा विभिन्न गाँवो में विधालयो, चौपालों और सामुदायिक सभा भवनों में कई कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा।

इस दल में जिला आईईसी समन्वयक अशोक सिंह राजपुरोहित, पत्रकार विजय कुमार, प्रवीण बोथरा, पप्पू कुमार जसवंतसिंह दीपक जैलिया, ठाकराराम सहित दस युवा शामिल है।

अजमेर.रिश्ते शर्मसार- जीने मरने की कसम खाने वाले पति ने पहले बनाया बंधक फिर किया यह गन्दा काम



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बाल विवाह का दंश एक किशोरी को गत दिनों भुगतना पड़ गया। बीमारी के इलाज के लिए किशोरी के पति ने उसकी मर्जी के बगैर तीन दिन तक कमरे में कैद रखकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। आरोपित के कुकृत्यों में उसके माता-पिता ने भी बढ़ावा दिया।




पीडि़ता ने अदालत के जरिए आरोपित और ससुराल पक्ष पर कमरे में कैद करने और दुराचार करने का मामला दर्ज कराया है। क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।

भिनाय के देवरिया गांव निवासी पीडि़ता का मसूदा सूरजपुरा बाघमार निवासी एक युवक से वर्षों पहले बाल विवाह हुआ था। चार माह पहले उसे उसके परिजन बीमारी का इलाज कराने के लिए जवाहरलाल नेहरू अस्पताल लेकर आए। यहां उपचार के दौरान मसूदा हाल जटिया हिल्स दातानगर में रहने वाले ससुराल पक्ष भी पहुंच गया। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान पीडि़ता के किसी परिजन की मृत्यु हो गई।




पीडि़ता के ससुराल पक्ष ने पीडि़ता की तीमारदारी का विश्वास दिलाते हुए उसके परिजन को गांव भेज दिया। दूसरे दिन पीडि़ता को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। ससुराल पक्ष के लोग उसे अपने घर ले गए। यहां पीडि़ता के पति ने पहली रात उसके साथ जबरदस्ती का प्रयास किया। पीडि़ता ने विरोध करते हुए सास को उसकी हरकत की जानकारी दी।




सास और परिवार के बाकी सदस्यों ने भी आरोपित को कुछ कहने की बजाय पीडि़ता को खरीखोटी सुना दी और तीन दिन तक उसको एक कमरे में बंधक बनाए रखा। इस दौरान उसने पीडि़ता के साथ दुराचार किया। घटना से पीडि़ता काफी सहम गई। उसके परिजन जब उसको लेने पहुंचे तो उसने अपनी पीड़ा बयान की।




परिजन भी बगैर गौना और ससुराल भेजे पीडि़ता के साथ हुए व्यवहार से आहत नजर आए। परिजन ने तीन माह तक चुप्पी साधे रखी लेकिन पीडि़ता ने आवाज उठाने का फैसला किया। उसने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने पीडि़ता का शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया।