रविवार, 30 अक्तूबर 2016

18 साल से जंजीरों में कैद था ये ‘मजनू’, आखिरकार हुआ रिहा

18 साल से जंजीरों में कैद था ये ‘मजनू’, आखिरकार हुआ रिहा

मजनू
जहां एक तरफ पति-पत्नी के झगड़े आए दिन अखबारों की सुर्खियों में छाए रहते हैं, वहीं एक शख्स ऐसा भी है जो अपनी पत्नी के प्यार में मजनू बन गया। वाकई ऐसा शख्स किसी देवता से कम नहीं हो सकता, लेकिन इस देवता समान शख्स को अपनी पत्नी से प्यार की जो सनसनीखेज़ सज़ा भुगतनी पड़ी उसकी बानगी सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे।

दरअसल ये मामला राजस्थान के जालौर जिले में रानीवाडा के गांव सेवाडा का है। जहां पिछले 18 साल से बेड़ियों से बंधे मलसिंह को आखिर मुक्ति मिल गई। इसकी जिंदगी में भगवान बनकर आए एक अधिकारी के प्रयासों से 18 साल से चार फीट के दायरे में अपनी जिंदगी जी रहे मलसिंह को आखिरकार आजादी मिल ही है। आजादी लोहे की मोटी-मोटी बेड़ियों से, आजादी कहीं आने-जाने की।

आज से करीब 18 साल पहले मलसिंह एक पुत्र और पत्नी के साथ हंसी खुशी जीवन बिता रहा था, तभी एक दिन उसकी पत्नी की मौत हो गई, पत्नी की मौत का इस व्यक्ति को ऐसा सदमा लगा कि वो अपनी सुध बुध खो बैठा और धीरे-धीरे मानसिक रोगी बन गया। घर की माली हालात के चलते इलाज नहीं होने से यह पूरी तक से मानसिक रोगी हो गया। मानसिक बीमारी से पीड़ित किसी को नुकसान नही पंहुचा दे इस डर से परिजनों ने उसे एक सूनसान मकान में 18 वर्ष पहले जंजीर से बांध दिया था, जिससे उसकी महज चार फीट के दायरे में जिंदगी सिमट कर रह गई।

वहीं खाना-पीना, वहीं शौच..सबकुछ बस चार फिट के दायरे तक सिमटकर रह गया था। ऐसा लग लगा मानों वहीं चार फिट का दायका मलसिंह की जिंदगी हो। परिवार के लोग मलसिंह को यहीं आ कर खाना-पानी दिया करते थे, लेकिन न कोई उससे मिलता था और न बात करता था। ज़रा सोजिए क्या गुजरी होगी उस इंसान पर जिसे पत्नी की मौत ने पहले ही इतना तोड़ दिया और ऊपर से परिवार के लोगों के सितम ने उसे जानवर से बदतर दुनिया में ढकेल दिया।


गांव में पिछले माह रानीवाड़ा उपखण्ड अधिकारी हनुमानसिंह राठौड़ ने गांव में समस्याओं को लेकर ग्रामीणों की बैठक ली तो मलसिंह का मामला सामने आया। राठौड़ ने मौके पर जाकर मलसिंह का हाल देखा तो उनसे रहा नहीं गया। राठौड़ ने निशक्तजन आयुक्त धन्नाराम पुरोहित से सम्पर्क कर पूरा मामला बताया। पुरोहित ने पूरी सहायता का वादा किया।

OROP: पहली किश्त में 5,500 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया- मोदी

OROP: पहली किश्त में 5,500 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया- मोदी
OROP: पहली किश्त में 5,500 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया- मोदी

किनौर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन की पहली किश्त के लिए करीब 5,500 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से किये गये उस वादे को पूरा कर दिया है जो पिछले 40 बरसों से लटका पड़ा था.

मोदी ने सेना और आईटीबीपी के कर्मियों के साथ दीवाली मनायी तथा देश की रक्षा एवं हिफाजत करने के लिए सुरक्षा बल कर्मियों की सराहना की.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारे साहसी आईटीबीपी अधिकारियों एवं सेना के जवानों के साथ सुमदो, किन्नौर जिला, हिमाचल प्रदेश में समय बिताया. जय जवान, जय हिंद.’’

बरेली में पटाखे की दुकानों में लगी आग : 2 की मौत, 6 झुलसे

बरेली में पटाखे की दुकानों में लगी आग : 2 की मौत, 6 झुलसे


बरेली में पटाखे की दुकानों में लगी आग : 2 की मौत, 6 झुलसे
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में दीवली के मद्देनजर सजी पटाखों की 4 दूकानों में आग लगने से 2 लोगों की झुलसकर मौत हो गयी तथा 6 अन्य घायल हो गये.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि हरदासपुर बाजार में मिठाई की दुकान में गैस सिलिंडर फटने से भड़की आग पड़ोस में पटाखे की एक दूकान तक पहुंच गयी और देखते ही देखते उसने पड़ोस की तीन और दुकानों को भी चपेट में ले लिया. आग लगते ही स्थिति भयावह हो गयी.

उन्होंने बताया कि हादसे में गम्भीर रूप से झुलसे एक दुकान मालिक शकील और गप्पू नामक युवक की अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही मौत हो गयी.

हादसे में झुलसकर गम्भीर रूप से घायल 6 लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

स्थानीय लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया और कहा कि कस्बे के अन्दर बाजार में पटाखों की दूकानें लगाई गयीं जिसकी वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ.

मन की बात: पीएम मोदी ने इस दीवाली को जवानों के नाम समर्पित किया


मन की बात: पीएम मोदी ने इस दीवाली को जवानों के नाम समर्पित किया
 मन की बात: पीएम मोदी ने इस दीवाली को जवानों के नाम समर्पित किया
         
मन की बात: पीएम मोदी ने इस दीवाली को जवानों के नाम समर्पित किया
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ में देश के जवानों के पराक्रम की सराहना की और उन्हें संदेश भेजने के लिए देशवासियों का शुक्रिया अदा किया. मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, “पिछले कुछ महीनों से हमारे जवान अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं. हमें यह दिवाली उनके नाम से मनाना चाहिए.”

मोदी ने अमर प्रेम व देश पर मर मिटने के लिए भारतीय जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह दिवाली उन्हें समर्पित करें. उन्होंने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को हमारे जवानों पर गर्व है.”

उन्होंने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने हमारे जवानों को प्रेम व उत्साह के संदेश भेजे, ठीक उसी तरह जैसे अपनी सलामती के लिए वे दीए जलाते हैं.”

मोदी ने यह भी कहा कि संदेश 2 सोल्जर्स हैशटैग को सभी लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया और देशवासियों की तरफ से जवानों के लिए शुभकामनाओं व प्रेम की बाढ़ सी आ गई.

उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्र के नागरिकों को हमारी सुरक्षा करने वाले सुरक्षाबलों व जवानों के समर्थन व अथाह प्रेम के लिए शुक्रिया अदा करता हूं.”

सशस्त्र बलों के कार्यो को नमन करते हुए मोदी ने कहा, “सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), असम राइफल्स, आईटीबीपी (इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस), नौसेना, वायुसेना और हमारे जवान ड्यूटी पर तैनात हैं और हमारी सुरक्षा कर रहे हैं. और इसी वजह से हम दिवाली मना पा रहे हैं.”

मोदी ने यह भी कहा कि त्योहार पर जब हम अपने जवानों को याद करते हैं, तो हम एक संदेश देते हैं कि हम उनके साथ हैं. जवानों को देश भर से 10 लाख से अधिक संदेश भेजे गए हैं.

मोदी ने कहा, “दिवाली का त्योहार साफ-सफाई से जुड़ा हुआ है. हर कोई इसमें अपने घर की सफाई करता है. ” मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवाली अंधकार से प्रकाश की ओर रुख करने का संदेश देती है.

इस मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है, जहां 365 दिन त्योहार मनाए जाते हैं. “ 

केरल में 6 महीने में बलात्कार के 910 मामले आए सामने

केरल में 6 महीने में बलात्कार के 910 मामले आए सामने


तिरूवनंपुरम: केरल में कड़े कानूनों एवं जागरूकता अभियानों के बावजूद इस साल पिछले 6 महीने में बलात्कार के 910 मामले सामने आए हैं जो राज्य में महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अत्याचार का संकेत है.

केरल में 6 महीने में बलात्कार के 910 मामले आए सामने


राज्य पुलिस के अपराध आंकड़ों के अनुसार जुलाई तक राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 7909 मामले सामने आए. उनमें बलात्कार के 910 मामलों के अलावा छेड़खानी के 2332 मामले और बाकी महिलाओं के विरूद्ध अपराध के अन्य मामले थे.




पिछले साल बलात्कार के 1263 मामले सामने आए थे.




इन आंकड़ों पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के सी रोसाककुट्टी ने कहा कि जागरूकता सेमिनार और कक्षाएं महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अत्याचार से निबटने के लिए काफी नहीं हैं. त्वरित अदालतों एवं सुनवाइयों की कमी बलात्कार के मामलों से निबटने के मार्ग में बड़ी चुनौतियां हैं.