शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

जोधपुर प्रेमी युगल ने कुएं में कूदकर दी जान


lovers committed suicide by jumping into a well
जोधपुरजोधपुर प्रेमी युगल ने कुएं में कूदकर दी जान

जिले के बालेसर थानान्तर्गत ऊटाम्बर गांव स्थित जोगमाया मठ के कुएं में शुक्रवार को प्रेमी युगल के शव मिले। दोनों ने एक दूसरे को बाहों में पकड़ रखा था। प्रेम-प्रसंग के चलते दोनों ने गुरुवार को कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। महिला शादीशुदा थी, जबकि युवक का गौना होना था।

थानाधिकारी जुल्फिकार अली के अनुसार ऊटाम्बर निवासी श्रवण (20) पुत्र मानाराम मेघवाल व पड़ोसी बेबी (22) पत्नी जितेन्द्र बादी गुरुवार को दिनभर से गायब थे। प्रेम-प्रसंग की आशंका व घर नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की, लेकिन वे नहीं मिले। इसी बीच देर शाम दोनों के चप्पल गांव में ही जोगमाया मठ के कुएं के पास नजर आए। ग्रामीणों को दोनों के कुएं में कूदने की आशंका हुई। उन्होंने अपने स्तर पर ही कुएं में तलाश शुरू की, लेकिन कुआं गहरा होने व करीब 22 फुट से अधिक पानी भरा होने के कारण उन्हें कुछ पता नहीं लग पाया। तब ग्रामीणों ने जैसलमेर के पोकरण से गोताखोर गफ्फार भाई को वहां बुलाया। गोताखोर ने प्रयास किए, लेकिन अंधेरा व कुएं के गहरा होने से रात में राहत कार्य बंद कर दिया गया।

शुक्रवार सुबह गफ्फार ने फिर कोशिश की और रस्सी के सहारे कुएं के पानी में उतरे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें श्रवण व बेबी के शव हाथ लगे। दोनों की मृत्यु हो चुकी थी। दोनों ने एक-दूसरे को बाहों में पकड़ रखा था। ग्रामीणों के सहयोग से दोनों शव बाहर निकलवाए गए। फिर बालेसर में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे गए। मृतका के पति व मृतक के भाई की संयुक्त शिकायत पर मर्ग दर्ज किया गया है।

एक-दूसरे को पकड़कर कूदे कुएं में

पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। महिला की पांच वर्ष पहले शादी हो चुकी थी और उसके दो पुत्र भी हैं। युवक की भी शादी हो चुकी थी, लेकिन गौना होना बाकी था। गुरुवार को दोनों घर से गायब हो गए। दिनभर दोनों घर नहीं लौटे। आशंका है कि वे मठ के कुएं तक पहुंचे और चप्पल बाहर उतारने के बाद एक-दूसरे को पकड़कर पानी में कूद गए।

बाड़मेर प्रतिभागियांे ने जाने सामाजिक अंकेक्षण के विविध पहलू


बाड़मेर प्रतिभागियांे ने जाने सामाजिक अंकेक्षण के विविध पहलू

बाड़मेर जिले मंे आगामी एक मई से प्रारंभ होने वाले सामाजिक अंकेक्षण अभियान के विविध पहलूआंे से अवगत कराने के लिए तीन दिवसीय प्रषिक्षण आयोजित हुआ। इस दौरान विषेषज्ञांे ने सामाजिक अंकेक्षण अभियान के दौरान होने वाली गतिविधियांे के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। अंतिम दिन बाड़मेर आगोर ग्राम पंचायत मंे नरेगा के तहत हुए कार्यों का अवलोकन किया गया।

बाड़मेर, 24 मई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की लेखा परीक्षा नियम-2011 के प्रावधानांे के तहत सामाजिक अंकेक्षण एक मई से प्रारंभ हो रहा है। जिन ग्राम पंचायतांे का सामाजिक अंकेक्षण होना है, वहां पर संबंधित दल निष्पक्षता एवं केन्द्र सरकार के निर्देषों के अनुसार सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया संपादित करवाएं। यह बात महात्मा गांधी नरेगा योजना के अधिषाषी अभियंता बाबूलाल सेठिया ने बाड़मेर आगोर ग्राम पंचायत मंे सामाजिक अंकेक्षण अभियान से जुड़े प्रतिभागियांे को संबोधित करते हुए कही।

इस दौरान सेठिया ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतांे मंे विषेष सामाजिक अंकेक्षण होगा, उनका रिकार्ड संबंधित अंकेक्षण दल को सौंप दिया गया है। इस दौरान परियोजना अधिकारी लेखा ताराचंद चैहान, सहायक अभियंता रामलाल जैन, कनिष्ठ तकनीकी सहायक नरेष नाहटा, लेखा सहायक हितेष मूंदड़ा, ष्योर से जुड़े जिला संदर्भ व्यक्ति दौलत षर्मा समेत कई विषेषज्ञांे ने सामाजिक अंकेक्षण अभियान के दौरान संपादित किए जाने वाले कार्याें के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। प्रतिभागियांे को महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं इंदिरा आवास योजना की वर्ष 2014-15 की वाल पेटिंग, महात्मा गांधी नरेगा की वाल पेटिंग मंे मजदूर एवं कार्य सूची दोनांे का मिलान करने, इंदिरा आवास की वाल पेटिंग को बीपीएल सूची 2002 की वरीयता सूची का गहनता से निरीक्षण करने के साथ सामाजिक अंकेक्षण अभियान को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्रांे मंे करने का प्रषिक्षण दिया गया। इस दौरान सामाजिक अंकेक्षण के दौरान भरे जाने वाले प्रपत्रांे के बारे मंे बताया गया। जिला मुख्यालय पर इस तीन दिवसीय प्रषिक्षण मंे विभिन्न पंचायत समितियांे के 38 ब्लाक एवं ग्राम स्तरीय संदर्भ व्यक्तियांे के अलावा विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियांे ने भाग लिया। तीन दिवसीय प्रषिक्षण के अंतिम दिन प्रतिभागी बाड़मेर आगोर ग्राम पंचायत मंे महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं इंदिरा आवास योजना के तहत हुए निर्माण कार्याें का अवलोकन करने के साथ लाभार्थियांे से रूबरू हुए। उल्लेखनीय है कि बायतू पंचायत समिति मंे ग्राम पंचायत हीरा की ढाणी एवं चोखला, बाड़मेर पंचायत समिति से नांद एवं मारूड़ी ग्राम पंचायत, सिणधरी पंचायत समिति मंे ग्राम पंचायत लोलावा एवं खुड़ासा, चैहटन से ग्राम पंचायत चिचड़ासर एवं षोभाला जेतमाल, षिव पंचायत समिति से चेतरोड़ी एवं जेसिंधर गांव का चयन सामाजिक अंकेक्षण होगा। इसी तरह धोरीमन्ना पंचायत समिति की ग्राम पंचायत अरणियाली एवं मौखाब खुर्द एवं सिवाना पंचायत समिति की सरवड़ी एवं समदड़ी, बालोतरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत साजियाली पदमसिंह एवं बड़नावा जागीर मंे सामाजिक अंकेक्षण होगा। सामाजिक अंकेक्षण के लिए ग्राम सभाआंे का आयोजन 6,7,14,15 मई एवं ब्लाक स्तर पर सुनवाई का आयोजन 20 से 30 मई के मध्य होगा। .................................... ......

बाड़मेर महानरेगा क्रमिक संघ का धरना 5 वें दिन जारी

बाड़मेर महानरेगा क्रमिक संघ का धरना 5 वें दिन जारी 
बाड़मेर महानरेगा क्रमिक संघ का धरना प्रदेष कमेटी के आह्वान पर 5 वें दिन जिला अध्यक्ष हठेसिंह सोढा की अध्यक्षता में जारी रहा। धरना स्थल पर संविदा कार्मिकों ने राज्य सरकार का नकारात्मक रवैये के खिलाफ नाराजगी जताते हुऐ आन्दोलन को और तेज करते हुए कल से और मजबूत करते हुए सरपंच संघ व ग्रामसेवक संघ का समर्थन लेने का आहवान किया गया।

आज धरना स्थल पर षिक्षक एकिकृत महासंघ के अध्यक्ष बालसिंह राठौड़ ने समर्थन देते हुए कहा कि इनकी मांगे जायज है इन्हें समय रहते हुए नियमित किया जाये नही ंतो हम भी इनके समर्थन में उतरेंगें। आज धरना स्थल पर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी पहुंचकर समर्थन दिया। काग्रेंस जिला अध्यक्ष फतेह खां ने समर्थन किया और मांगों को सही ठहराया और कहा कि अकाल की स्थिति में सरकार संविदा कार्मिकों की मांगे माने ताकि आम जनता को अकाल में कार्य पुनः चालू करें जिससे जनता को राहत पहुंचे अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तो काग्रेंस कमेटी इनके समर्थन में उतरेगी और आम जनता इनके साथ है।

आज धरना स्थल पर जल ग्रहण विकास दल के प्रदेष अध्यक्ष मगसिंह राजपुरोहित ने पहुंचकर राज्य सरकार द्वारा मांगे नहीं मानने पर कल से राजस्थान जल ग्रहण विकास दल के सदस्य भी धरने में शामिल होगें। आज धरना स्थल पर गिरधर पुरी जी तारातरा मठ के महाराज ने समर्थन दिया। आज धरने पर हड़वन्तसिंह, मघसिंह राजपुरोहित, डब्ल्यूडीटी संघ प्रदेष अध्यक्ष राजस्थान, हनुमानसिंह चैधरी, ललित छाजेड़, विनोद खत्री, विजयसिंह, सुरेष नाहटा, खेताराम, उगमसिंह, फजल खां, भैराराम हुड्डा, हनुमानराम चैघरी, अस्कर अली, डालूराम, तनेराजसिंह, सवाईराम, सुरैया बानो, पूजा जैन, धनवन्ती, मंगलाराम आदि उपस्थित रहे।

महानरेगा संविदा क्रमिक संघ के जिला अध्यक्ष हठेसिंह सोढा ने बताया कि प्रदेष कमेटी के आह्वान पर दिनांक 27.04.2015 को बाड़मेर जिले के समस्त महानरेगा संविदा कार्मिक बाड़मेर पहुंचे ताकि 27.04.2015 को महारैली को सफल बनाया जा सके।

बाडमेर बजट घोषणाओं का कार्ययोजनाबनाकर क्रियान्वयन होगा

बाडमेर बजट घोषणाओं का कार्ययोजनाबनाकर क्रियान्वयन होगा


बाडमेर, 24 अप्रेल। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने जिले में बजट घोषणाओं का कार्ययोजना बनाकर त्वरित गति से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। वह शुक्रवार को संबंधित विभागों से उनकी घोषणाओं की समीक्षा कर रहे थे।
इस मौके पर जिला कलक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2015-16 के बजट प्रस्तुत करते समय दो प्रकार की घोषणाए की गई जिसमें प्रथम घोषणाओं में विशेष रूप से बाड़मेर जिले से संबंधित है तथा दूसरी सभी जिलों के लिए घोषणाएं की गई है, जिसमें बाड़मेर भी शामिल है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इन घोषणाओं के कार्यन्वयन के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाने के निर्देश दिए तथा उन पर की गई कार्यवाही से उन्हें अवगत कराने को कहा। जिला कलक्टर ने इसकी मासिक रूप से प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की हिदायत दी।
ये है बजट घोषणाए
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 816 करोड़ रूपये की लागत से बाड़मेर जिले में 1 हजार 864 ढाणियों का विद्युतीकरण एवं 14 हजार 578 ढाणियों में सघन विद्युतीकरण कर 5 लाख 40 हजार विद्युत कनेक्शन दिये जायेंगे, जिससे 1 लाख 60 हजार बीपीएल परिवार लाभान्वित होंगे। बीजों के उत्पादन एवं विपणन को बढावा देने हेतु गुढामलानी में नया विस्तार केन्द्र खोला जाएगा। झड़पा, चैहटन में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन का निर्माण, सेड़वा, चैहटन मंे आई टी आई के भवन का निर्माण, पचपदरा में एक नवीन सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय खोला जाएगा। लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु बाड़मेर में अपर जिला न्यायाधीश का न्यायालय खोला जाएगा। बाड़मेर में ही नया मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण खोला जाएगा। वहीं जिले में नागणेच्चिया माता मंदिर, नागाणा में जीर्णोद्धार और विकास कार्य किए जायेंगे।
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मानवेन्द्र सिंह के प्रयासों से जिले में पचास हज़ार पशुओ के लिए 318 पशु शिविर स्वीकृत

मानवेन्द्र सिंह के प्रयासों से जिले में पचास हज़ार पशुओ के लिए 318 पशु शिविर स्वीकृत



बाड़मेर लम्बी जद्दोजहद के बाद पूर्व सांसद और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह द्वारा 22 अप्रैल को आपदा प्रबंध मंत्री से विशेष वार्ता कर जिले में लगभग पचास हज़ार गायो के लिए 318 पशु शिविर स्वीकृत कराये। उन्होंने मंत्री से बाड़मेर जिले में अकाल के विकत हालत को संजीदा तरीके से रख तत्काल शिविरो की स्वीकृति देने का आग्रह किया था जिस पे मंत्री द्वारा उसी दिन राज्य सरकार से स्वकृतिया गई। विधायक मानवेन्द्र सिंह ने बताया की राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा द्वारा तत्काल 318 पशु शिविरो के , उन्होंने बताया की पन्द्र पशु शिविरो में दो हज़ार पांच ,गडरा रोड में 138 पशु शिविरो में 20050 शिव में 16 शिविरो में 2830 बाड़मेर के 13 शिविरो में 2550 सेड़वा में 33 पशु शिविरो के माध्यम से 6600 और चौहटन में 103 पशु शिविरो के माध्यम से १५८५० गायो को चारा और पशु आहार उपलब्ध के लिए की गयी हैं ,उन्होंने बताया की 318 शिविरो के माध्यम से 49885 पशुओ की देखरेख हो सकेगी ,उन्होंने बताया की जरुरत के हिसाब से और पशु शिविर शीघ्र स्वीकृत किये जाने की संभावना हैं।

बाड़मेर आरएएस प्रदीप बालाच के खिलाफ पत्नी की हत्या का मुकदमा दर्ज


बाड़मेर  आरएएस प्रदीप बालाच के खिलाफ पत्नी की हत्या का मुकदमा दर्ज



आरएएस ने छोटे भाई के साथ मिलकर दिया वारदात को अंजाम

पिता की एफआईआर: दामादने अफेयर और दहेज के लिए बेटीको मारा

हादसा हत्या में तब्दील |




{दफनाए गए शव को बाहर निकाल कर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया

{जांच के लिए विसरा भेजा

बाड़मेर

जोधपुरके जिला आबकारी अधिकारी प्रदीप बालाच के खिलाफ गुरुवार को पत्नी निर्मला उर्फ नेहा की हत्या करने का मामला दर्ज हुआ। बालाच ने अपने छोटे भाई हितेष के साथ मिलकर 19 अप्रैल की रात को पहले तो चलती कार में पत्नी के साथ मारपीट की और उसके बाद धक्का दे दिया।

चलती कार से नीचे गिरने से घायल हुई नेहा को दोनों आरोपी तड़पते हुए देखते रहे। मौत के बाद दो घंटे बाद दोनों आरोपी गडरारोड अस्पताल पहुंचे। आरएएस अफसर की पत्नी की पांच दिन पहले हुई मौत का मामला गुरुवार को हत्या में तब्दील हुआ।

नेहा के पिता भीमाराम ने गुरुवार को परिजनों के साथ गडरारोड थाने पहुंचकर दामाद और देवर दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद जमीन में गाड़े गए विवाहिता के शव को बाहर निकाल मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम के बाद विसरा एकत्रित किए। इस दौरान डीएसपी चौहटन नीरज पाठक, शिव के कार्यवाहक उपखंड अधिकारी वीरेंद्रसिंह, रामसर गडरारोड थानाधिकारी मौजूद थे।

भीमाराम पुत्र बस्ताराम मेघवाल निवासी बिंजासर हाल टेलीकॉम कॉलोनी बाड़मेर ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी बेटी निर्मला उर्फ नेहा की शादी 23 जनवरी 2007 को गडरारोड निवासी प्रदीप बालाच पुत्र प्रेमप्रकाश बालाच के साथ हिंदू रीति रिवाज से की गई। शादी में हैसियत के अनुसार गहने, कपड़े अन्य सामान दिया गया। इसके बाद दोनों पति-पत्नी का दांपत्य जीवन व्यवस्थित चल रहा था। इस दौरान दो बेटे ध्रुव प्रसाद रजत का जन्म हुआ। दामाद प्रदीप बालाच वर्तमान में आबकारी अधिकारी जोधपुर में कार्यरत है। पिछले दो साल से बालाच का किसी अन्य लड़की के साथ अवैध संबंध है। इस वजह से वह उसकी बेटी के साथ मारपीट करने लगा और दहेज में दस लाख रुपए बंगले की डिमांड पूरी नहीं करने पर निर्मला को जान से मारने की धमकियां दी। एफआईआर में बताया कि एक माह पूर्व वह और पारसराम पुत्र अलाराम, प्रतापाराम पुत्र बस्ताराम गडरारोड गए और प्रदीप,पिता प्रेमप्रकाश उसके भाइयों को बुलाकर बताया कि प्रदीप उनकी बेटी के साथ मारपीट करता है और जान से मारने की धमकियां दे रहा है। इस पर प्रेमप्रकाश ने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं दोहराई जाएगी। इसके बाद 15 अप्रैल को प्रदीप नेहा मेरे बाड़मेर स्थित मकान आए और रात्रि में रुके। इस दौरान नेहा ने मुझे और पत्नी पार्वती को प्रदीप की ओर से दहेज मांगने तथा नहीं देने पर जान से मारकर दूसरी महिला मित्र से शादी करने की बात बताई। 16 की सुबह भी परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में प्रदीप से समझाइश की तो उसने कहा कि अब वह नेहा को परेशान नहीं करेगा, लेकिन वह माना नहीं और दहेज की मांग को जारी रखा। 16 अप्रैल को प्रदीप नेहा को लेकर गडरारोड गया तथा 19 अप्रैल तक वहां पर साथ रहे। इस दौरान नेहा ने अपनी मां पार्वती को फोन कर बताया कि उसे पति प्रदीप देवर हितेष मार सकते हैं। उन्नीस अप्रैल की रात को प्रदीप हितेष नेहा उसके बेटे रजत को कार में डालकर जैसिंधर रोड पर चले गए। जैसिंधर रोड पर सोनासिंधा गांव से पहले पूर्व नियोजित योजना के तहत चलती कार में पहले मारपीट की बाद में धक्का देकर नीचे गिरा दिया। नेहा के सिर पर चोट आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पति प्रदीप और देवर हितेष उसके दम तोड़ने तक इंतजार करते रहे। दो घंटे बाद उसे लेकर गडरारोड अस्पताल पहुंचे। इसके बाद उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने नेहा को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने धारा 302,498ए,201 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की

दोहितों को सुपुर्द करने की मांग

नेहाके पिता भीमाराम ने एफआईआर में बताया कि नेहा की सुनयोजित तरीके से हत्या कर दामाद की ओर से हादसे का रूप देते हुए शव का पोस्टमार्टम तक नहीं करने दिया। इस दौरान शव को गडरारोड में ले जाकर दफना दिया गया। भीमाराम ने दोहिते ध्रुव और रजत की जान को खतरा होने की आशंका जाहिर करते हुए प्रदीप के संरक्षण से छुड़वाकर उन्हें सुपुर्द करने की मांग की है।

पांच-सातदिन में आएगी मेडिकल रिपोर्ट

^मृतकाके शव का पोस्टमार्टम करने के लिए राजकीय अस्पताल बाड़मेर के डॉ अरुण सोनी, बीएल सोनी गागरिया के डॉ. अहसान खां के नेतृत्व में टीम गठित की गई। डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम कर विसरा एकत्रित किए है। विसरा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जोधपुर भेजे जाएंगे। पांच-सात दिन में रिपोर्ट आने की संभावना है। डॉ.सुनील कुमार सिंह बिष्ट, सीएमएचओ

हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है

^नेहाके परिजनों ने दामाद प्रदीप बालाच के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम किया गया। मेडिकल रिपोर्ट आने पर पता चलेगा। नीरजपाठक, डीएसपी, चौहटन

संतानहीन दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है इस मंदिर में



रादौर के गावं धौलरा में स्थित प्राचीन भगवान बलभद्र के मंदिर के प्रति हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी राज्यों के लोगो की भी गहरी आस्था है। इस मंदिर की मान्यता है की निसंतान लोग अगर यहां सच्चे दिल से मन्नत मांगते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है। मंदिर के इतिहास के बारे में एक श्रद्धालु ने बताया की मंदिर में स्थापित मूर्ति हजारों वर्ष पूर्व खुदाई के दौरान मिली थी।



जगाधरी के एक सेठ बंसीलाल के यहां कोई संतान नहीं थी। तभी उनके सपने में भगवान बलभद्र जी ने दर्शन दिए और सेठ बंसीलाल को गांव धौलरा में उनका एक मंदिर बनवाने को कहा। तब सेठ बंसीलाल ने यहां भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। जिसके बाद बंसीलाल के घर बेटे ने जन्म लिया।




तभी से गांव में हर वर्ष अक्षया तृतीय के दिन मेले का आयोजन होता आ रहा है। मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर में हजारों लोगों की संतान होने की कामनाएं पूरी हो चुकी है। दूर-दूर से श्रद्धालु संतान की कामना को लेकर मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं।

प्रेमिका को बनाया घोड़ी, प्रेमी को उस पर बैठाकर गांव में निकाली बारात



उदयपुर: गुजरात के उदयपुर में प्यार करने युवक और युवती को गांव वालों ने ऐसी सजा दी कि दोनों को और उनके परिवारों को सरेआम अपमानित कर भारी जुर्माने के साथ गांव से बाहर निकाल दिया गया।



मामला छोटे उदयपुर का है. जहा गांव के एक युवक को 11वीं कक्षा में पढऩे वाली एक लड़की से प्यार हो गया और दोनों गांव छोड़ कर भाग गए, लेकिन गांव के कुछ़ लोगों और रिश्तेदारों ने दोनों को खोज निकाला और दोनों को पकड़कर गांव में ले आएं। फिर गांव के सरपंच और पूरे गांव के लोग एक जगह इक्ठ्ठे हो गए और लड़की को घोड़ी बनाकर और उस पर लड़के को बैठाकर पूरे गांव में बारात निकाली गई। और दोनों की शादी करवाई गई और तौहफे में उन्हे गोबर और कांटों का हार पहनाया गया। उसके साथ ही लड़के के माता-पिता पर 5 हजार और लड़की के माता-पिता पर 10 हजार रुपए का जुर्माना किया गया और गांव से बाहर निकाल दिया गया और गांव के सरपंच द्वारा धमकी दी गई अगर दोनों एक साथ दिखे तो पांच लाख जुर्माना देना होगा।

मंदिर का अनोखा रिवाज, यहां पति-पत्नी एकसाथ नहीं कर सकते दर्शन



देश-दुनिया में ऐसे विभिन्न धार्मिक स्थल हैं जो अपने इतिहास के साथ ही कुछ अनोखी परंपराओं की वजह से भी जाने जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश में है।

आमतौर पर हिंदू परंपराओं और यज्ञ-पूजन में पति-पत्नी का एकसाथ शामिल होना मंगलकारी माना जाता है, लेकिन यहां एक ऐसा रिवाज है जिसके कारण पति-पत्नी एकसाथ दर्शन-पूजा नहीं करते।

शास्त्रों में भी ऐसी कई कथाएं आती हैं जब किसी ने आध्यात्मिक व शुभ कार्य किया तो उसका जीवनसाथी भी उसमें शामिल हुआ। परंतु हिमाचल प्रदेश का ये मंदिर इस मामले में अनोखा कहा जा सकता है।
in shrai koti temple couples cant worship
कहा जाता है कि जो पति-पत्नी एकसाथ इस मंदिर में दर्शन कर लेते हैं, उनके जीवन में अनेक कष्ट आते हैं और उन्हें अलग तक होना पड़ सकता है। यह मंदिर शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है।

यहां दूर-दूर से लोग श्राई कोटि माता के दर्शन करने आते है। हालांकि जब पति-पत्नी यहां दर्शन करने आते हैं तो वे अलग-अलग ही माता के दर्शन करते हैं।

क्या कहती है प्राचीन कथा

मंदिर के साथ एक प्राचीन कथा भी जुड़ी हुई है। कहते हैं कि इसका संबंध भगवान शिव के परिवार से है। एक बार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेयजी को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने को कहा तो कार्तिकेयजी ब्रह्मांड का चक्कर लगाने चले गए और गणेशजी ने अपने माता-पिता को ही ब्रह्मांड मानकर उनकी परिक्रमा कर ली।

कार्तिकेयजी को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने में समय लगा। जब वे आए तो गणेशजी का विवाह हो गया था। इससे कार्तिकेयजी क्रोधित हो गए। उन्होंने प्रतिज्ञा कर ली कि वे कभी विवाह नहीं करेंगे।

जब मां पार्वती को कार्तिकेयजी की इस प्रतिज्ञा के बारे में मालूम हुआ तो वे भी नाराज हुईं। उन्होंने कहा कि जो भी पति-पत्नी एकसाथ इस मंदिर में दर्शन करेंगे उन्हें भविष्य में एकदूसरे से अलग होना पड़ेगा। यही कारण है कि आज भी यहां दंपत्ति एकसाथ पूजा नहीं करते।

लोगों की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां मंदिर की इस परंपरा का पालन करते हुए दर्शन करता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं मां भगवती जरूर पूर्ण करती हैं। इस मंदिर के पास कुदरत का बेहद खूबसूरत नजारा है।