बुधवार, 30 मई 2012

टॉप 40 अमीरों की सूची से जुकरबर्ग बाहर

टॉप 40 अमीरों की सूची से जुकरबर्ग बाहर

वाशिंगटन। आठ साल पुरानी सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग दुनिया के 40 धनी लोगों की सूची से बाहर हो गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक फेसबुक के शेयरों के भाव 9.6 फीसदी घटकर 28.84 डॉलर पर आने के कारण जुकरबर्ग 40 रईस लोगों की सूची से बाहर हुए हैं।

दौलत घटकर हुई 14.7 अरब डॉलर
उनकी जगह ली है मैक्सिको के अरबपति लुईस कार्लोस सैरिमेंटो ने। ब्लूमबर्ग के मुताबिक जुकरबर्ग की दौलत 16.2 अरब डॉलर से घटकर 14.7 अरब डॉलर पर आ गई है। फेसबुक का शेयर गत 18 मई को 38.23 डॉलर पर बंद हुआ था। पहले दिन से जब इसकी ट्रेंडिग शुरू हुई तो इसकी वजह से जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 19.4 अरब डॉलर पहुंच गई थी।


29 डॉलर से नीचे आया शेयर
बुधवार को फेसबुक के शेयर के भाव प्रति शेयर 29 डॉलर से नीचे चले गए हैं। अपनी कीमत 104 अरब डॉलर आंकने वाली फेसबुक की हालत को देखते हुए फिलहाल रूस के सबसे बड़े सोशल नेटवर्क श्वीकोनताक्तश ने अपने शेयर बाजार में उतारने की योजना फिलहाल टाल दी है।

श्वीकोनताक्तश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पावेल दुरोव ने टि्वटर पर लिखा है कि फेसबुक के पब्लिक ऑफर ने सोशल नेटवर्क में निजी निवेशकों के भरोसे को खत्म कर दिया है, फेसबुक के शेयरों में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।

विश्लेषकों के अनुसार फेसुबक ने अपने शेयर बाजार में सही समय पर नहीं उतारे। कंपनी कुल शेयरों में से केवल 20 प्रतिशत यानी 42.1 करोड़ को ही बाजार में दे रही है जिससे वे लगभग 18 अरब डॉलर अर्जित कर पाएगी।

गहलोत सरकार को मिली राहत

गहलोत सरकार को मिली राहत

जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उस समय बड़ी राहत मिली जब राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। 16 में 6 बसपा के और 10 निर्दलीय विधायक हैं। शेखावत ने कहा कि याचिकाकर्ता विधानसभा सदस्य नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

याचिकाकर्ता वीरेन्द्र मीणा ने विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। मीणा का कहना था कि 10 संसदीय सचिव और मंत्री सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं जबिक ये निर्दलीय के रूप में जीतकर आए थे इसलिए इनकी भी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। मीणा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के दबाव में फैसला दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ठ में चुनौती देने की बात कही है। वीरेन्द्र मीणा पूर्व मंत्री हैं। गौरतलब है कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष बसपा अध्यक्ष बाबा भगवान सिंह और जसवंत सिंह गुर्जर की याचिका खारिज कर चुके हैं।