शुक्रवार, 30 मार्च 2012

टूट गया तंत्र-मंत्र का तिलिस्म, पाखंड का पर्दाफाश



गुड़गांव.सीआईए सेक्टर- 46 द्वारा गिरफ्तार किए गए बाबा खान बंगाली ने घरेलू कलह से निजात दिलाने के नाम पर 11 तोले सोने के जेवरात हड़पे थे। पुलिस की पूछताछ में गुरुवार को यह खुलासा हुआ। इतना देने के बाद भी घर में कलह नहीं हुई तो पीड़ित को अहसास हुआ कि उसे ठगा गया है।
 


बंगाली बाबा को गिरफ्तार करने वाले राजबीर सिंह के मुताबिक सेक्टर-चार निवासी सुरेंद्र यादव लोकल टीवी चैनल पर कार्यक्रम में विज्ञापन देखकर बाबा के पास पहुंचे थे। सारी बात सुनने के बाद बाबा ने सुरेंद्र को विश्वास दिलाया कि उसके घर में रखा 11 तोले सोना ही सारे विवाद की जड़ है। उसने कहा कि सोने को उसके पास ले आओ और शुद्ध करने के बाद ले जाना। बाबा की भक्ति में लीन सुरेंद्र ने सोना सौंप दिया।



उसके बाद भी जब घर में कलह खत्म नहीं हुई तो उसने सोना वापस मांगा। बाबा उसे दिलासा देता रहा कि सोना शुद्ध करने के लिए बाहर भेजा गया है। बाद में वह सोना लेने की बात से ही मुकर गया और जान से मारने की धमकी देने लगा। सुरेंद्र को महसूस हुआ कि उसके साथ ठगी हुई। फिर उसने पुलिस को शिकायत दी। फिलहाल पुलिस बाबा की निशानदेही पर उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

नैनी बाई रो मायरो कथा एक से


नैनी बाई रो मायरो कथा एक से

बाड़मेर गौ माता की रक्षार्थ बाड़मेर में 'नानी बाई रो मायरो' का आयोजन गौ सेवा के लिए साधन नहीं बल्कि साध्य है।' यह बात कथा आयोजन समिति के आलोक सिंहल ने गुरूवार को पत्रकार वार्ता में कही। श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की ओर से निराश्रित व पीडि़त गोवंश की सेवार्थ एक से तीन अप्रैल तक होने वाली कथा के आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए सिंहल ने बताया कि गाय हमारी संस्कृति की प्रतीक है, इसके संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए समाज को आगे आने की आवश्यकता है। इसी को लेकर बाड़मेर शहर में पहली बार गोसेवार्थ कार्यक्रम का आयोजन करवाया जा रहा है। इसके लिए शहर समेत ग्रामीण इलाकों में अब तक पंद्रह हजार निमंत्रण-पत्र भेजे जा चुके हैं। कार्यक्रमों की कड़ी में प्रतिदिन शहर के प्रमुख मार्गों से प्रभात फेरी निकाली जाएगी। दोपहर 2:30 से शाम 6 बजे तक गोवत्स बालव्यास राधाकृष्ण महाराज मधुर वाणी से मायरे की कथा का वाचन करेंगे। सिंहल ने बताया कि कथा का संस्कार चैनल पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। कथा के आयोजन को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वामी रामकिशोराचार्य महाराज ने कहा कि गोमाता की सेवार्थ बाड़मेर में होने वाला कार्यक्रम हजारों निराश्रित गायों को जीवन प्रदान करेगा। इस दौरान अमरचंद सिंहल, रणवीर भादू, हनुमानाराम डऊकिया, दिलीप तिवाड़ी, मोहनलाल गोयल समेत आयोजन समिति से जुड़े कई पदाधिकारी भी मौजूद थे। इसी प्रकार गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा शाखा की ओर से निराश्रित एवं पीडि़त गोवंश सेवार्थ तीन दिवसीय नैनी बाई रो मायरो कथा का आयोजन एक से तीन अप्रेल तक वृंदावन धाम में होगा। कथा का वाचन राधा कृष्ण महाराज करेंगे। कथा के सफल आयोजन को लेकर गुरुवार को समिति के संयोजक स्वामी राम किशोराचार्य गुड़ामालानी, सह संयोजक ब्रज भारती मठ सिणधरी के स्वामी रुघनाथ भारती महाराज के सान्निध्य में बैठक आयोजित हुई। बैठक में सफल आयोजन को लेकर स्वागत समिति, व्यवस्था समिति मंच सजावट सहित कई समितियों का गठन कर जिम्मेवारी सौंपी गईं।

निर्मल बाबा की लोकप्रियता

निर्मल बाबा की लोकप्रियता में अचानक आयी वृद्धि आश्‍चर्यजनक है। आज की तारीख में सिर्फ बाबा रामदेव ही लोकप्रियता में उनसे मुकाबला कर सकते हैं। उनकी लोकप्रियता के पीछे कोई ‘दिव्‍य शक्ति’ है, जो कथित तौर पर उनमें पायी जाती है। उनका कहना है कि उनकी छठी इंद्रियां सक्रिय हैं। साथ ही उनका यह भी दावा है कि बिना किसी व्‍यक्तिगत संपर्क के वे हर मर्ज की दवा कर सकते हैं। चाहे वह कैंसर हो या एड्स। वह अपने वशीकरण मंत्र के असर को लेकर इतने आश्‍वस्‍त हैं कि कहते हैं कि ब्रह्मांड के किसी भी हिस्‍से में रह रहे आदमी की सोच पर वह अधिकार जमा सकते हैं। और सबसे जरूरी और चौंकाने वाली बात कि कई लोगों को यह कहते पाएंगे कि निर्मल बाबा के आशीर्वाद ने उनकी जिंदगी को चमत्‍कारों से भर दिया।

फर्जी दत्तक पुत्र बन दो लोगों ने हड़प ली जमीन!

दत्तक पुत्र बन दो लोगों ने हड़प ली जमीन!फर्जी 
बालोतरा. कुंवारे व नि:संतान व्यक्ति की मौत के बाद उसके नाम की जमीन हड़पने के लिए दस्तावेज तैयार कर फर्जी दत्तक पुत्र बनने का मामला प्रकाश में आया है। जसोल नायब तहसीलदार की ओर से उपखंड अधिकारी बालोतरा को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट में बताया गया कि जमीन हड़पने की नीयत से दो व्यक्तियों ने फर्जी तरीके से दत्तक पुत्र बनकर 36 बीघा 3 बिस्वा जमीन का नामांतरण अपने नाम करवा दिया। इतना ही नहीं इसमें से कुछ सिंचित जमीन को उन्होंने आगे बेच भी दिया। यह मामला कलेक्टर के पास सतर्कता समिति में भी चल रहा है।

क्या है मामला: सराणा के खसरा नं. 408, 414, 415, 813,796 कुल रकबा 72 बीघा 6 बिस्वा में खतौनी बंदोबस्त के अनुसार शंकर पुत्र चतरिंग के नाम 1/2 की खातेदारी दर्ज है। शंकर पुत्र चतरिंग पुरोहित की बेऔलाद मौत हो गई। वह सराणा की जगह किलूलिया तहसील सांचौर जिला जालोर में रहता था।



शंकर की अंधी माता इमरती बाई सराणा में अपने भाईयों के घर रहती थी, उसकी भी मृत्यु हो गई। उसके बाद गांव के जबरा उर्फ जबरसिंह पुत्र कोजाजी व माला उर्फ मालाराम पुत्र मिसराजी ने भूमि हड़पने की नीयत से राजस्व विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत कर मृतक शंकर के फर्जी गोदपुत्र बनकर जमीन का नामांतरण अपने नाम करवा दिया। उल्लेखनीय है कि इसी खसरे में 1/4 के हिस्सेदार पेमा पुत्र फूला के बेऔलाद होने पर उसके नाम की जमीन खारिज हो चुकी है, जो सरकार के नाम दर्ज हो चुकी है।

गुरुवार, 29 मार्च 2012

राजस्थान में संस्कृति अकैडमी पुरस्कारों की घोषणा

जयपुर।। राजस्थान भाषा साहित्य और संस्कृति अकैडमीने वर्ष 2011 - 12 के पुरस्कारों की घोषणा की है।अकैडमीके प्रेजिडेंट श्याम महर्षि ने बताया कि 2011 - 12 के लिए31 हजार का प्रतिष्ठित ' सूर्यमल्ल मिसण शिखर पुरस्कार 'बीकानेर के साहित्यकार शिवराज छंगाणी को उनकी पुस्तक' इक्कड़ वक्कड़ ' के लिए दिया गया। पद्य के लिए 15 हजाररुपये का ' गणेशलाल व्यास उस्ताद पुरस्कार ' प्रवासी राजस्थानी साहित्यकार मधुकर गौड (मुंबई) को उनकीपुस्तक ' गीतां री पांण ' के लिए दिया जाएगा।  
उन्होंने बताया कि निबंध , एकांकी, नाटक , यात्रा संस्मरणव्यंग्य और रेखाचित्र विषय से जुड़ा 15 हजार रुपये का 'शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार ' उदयपुर के हरमन चौहानको उनकी पुस्तक ' लखणा रा लाडा ' के लिए दिया गया।15 हजार रुपये का ' मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथासाहित्यकार पुरस्कार ' के लिए डूंगरगढ़ के श्रीभगवान सैनी की पुस्तक ' भेख ' को दिया गया। महर्षि के अनुसारअनुवाद के क्षेत्र में दिए जाने वाला 7500 रुपए का ' बाववजी चतुरसिंह जी अनुवाद पुरस्कार ' कोटा के ओमनागर को उनकी अनुवाद पुस्तक ' जनता बावली होगी ' के लिए प्रदान दिया जाएगा।

महर्षि ने बताया कि लेखक की प्रथम कृति के लिए 7500 रुपये के ' सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार ' से जयपुरके कवि दुष्यंत को उनकी कृति ' उठै है रेत राग ' के लिए पुरस्कृत किया गया। ' राजस्थान बाल साहित्यकारपुरस्कार ' अकोला (चित्तौड़गढ़) के राजकुमार जैन ' राजन ' को उनकी बाल साहित्य की पुस्तक ' लाडेसर बणज्यावां ' के लिए दिया जाएगा।