बुधवार, 29 जून 2011

दुनिया ने माना बापू के सत्याग्रह का लोहा

दुनिया ने माना बापू के सत्याग्रह का लोहा 
 

न्यूयॉर्क। एक तरफ भारत सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में लगी है वहीं आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी की ओर से चलाए गए नमक सत्याग्रह को दुनिया सलाम कर रही है। मशहूर पत्रिका टाइम ने बापू के नमक सत्याग्रह को दुनिया को बदलने वाले 10 प्रभावी आंदोलनों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा है।

मार्च 1930 में बापू ने अहमदाबाद के नजदीक साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिन का मार्च निकाला था। बापू के इस मार्च से लाखों लोग जुड़ गए थे। बापू ने यह मार्च नमक पर ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ निकाला था। टाइम मैगजीन ने लिखा है कि ब्रिटिश राज चाय, कपड़ा और नमक पर एकाधिकार करने में लगी थी। औपनेविशक हुकूमत के तहत भारतीय न तो नमक का उत्पादन कर सकते थे और न ही बेच सकते थे। भारतीयों को ब्रिटेन में बना नमक ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ता था। इसके खिलाफ बापू ने दांडी मार्च निकाला। 

लड़की की हत्या कर मांस नोचकर खाया और पी डाला खून



फ्रैंकफर्ट. एक 26 वर्षीय युवक को दो किशोरों की हत्या करने, उनके शरीर के अंगों को चबाने और उनका खून पीने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है.
जन ओ नामक इस व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जिससे कि यह फिर कभी खुला न घूम सके. कोर्ट ने उसे मनोवैज्ञानिक की देख-रेख में रखने का आदेश दिया है.

इस व्यक्ति ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उसने 14 साल की एक लड़की की गला दबाकर हत्या की थी, उसके गले के मांस को नोच कर खाया था और उसका खून भी पीया था. घटना के ठीक तीन दिन बाद उसने एक 13 साल के लड़के की भी हत्या कर दी. उसने कहा चूँकि उसके बाल लबे थे इसलिए उसे लगा कि वह भी लड़की है. इसी भ्रम में उसने उसकी हत्या कर दी.

 
कोर्ट ने कहा कि यह अपने आप में बेहद जघन्य और असामान्य मामला है और यह व्यक्ति समाज ले लिए खतरा है. ऐसे में इसे फिर से समाज में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.