मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

पाकिस्‍तान में उठी बंटवारे की मांग

 पाकिस्‍तान में उठी बंटवारे की मांग के बीच पाकिस्‍तान में आतंकियों ने एक बस में आग लगा कर 15 लोगों को जिंदा जला दिया है। यह घटना मंगलवार तड़के हुई।

इससे पहले पंजाब प्रांत के मुख्‍यमंत्री शाहबाज शरीफ ने मांग की थी कि सिंध प्रांत का बंटवारा कर कराची को अलग प्रांत बनाया जाए। हालांकि सोमवार को वह अपने बयान से मुकर गए। उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। सोमवार को पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के दफ्तर पर हुए हमले को भी शरीफ के बयान से ही जोड़ कर देखा जा रहा है। मंगलवार की घटना का संबंध भी इसी बात से जोड़ा जा रहा है। हालांकि इस बारे में अभी कोई पुख्‍ता संकेत नहीं हैं। शरीफ ने अपने दफ्तर में मीडिया के सामने सफाई दी कि वह तो बस यह पूछ रहे थे कि क्‍या कराची को अलग प्रांत बनाया जा सकता है, उन्‍होंने ऐसी कोई मांग नहीं की थी या सुझाव नहीं दिया था।

मंगलवार तड़के पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में सिबी के निकट अज्ञात हमलावरों ने सवारियों से भरी बस में आग लगा दी। इस घटना में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की जलकर मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि मरने वाले में सात बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, मरने वाले लोगों में से तीन अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के हैं। इनकी पहचान कपिल, वरशीन और पूजामल के तौर पर की गई है।

स्‍थानीय अखबार ' द डॉन' ने सिबी के पुलिस उपायुक्त नसीर अहमद नासिर के हवाले से कहा कि क्वेटा से करीब 160 किलोमीटर दूर यह हादसा सिबी शहर में उस वक्त हुआ जब एक बस सिंध प्रांत के जाकोबाबाद से क्वेटा की ओर जा रही थी। रास्ते में यह बस सड़क के किनारे एक रेस्तरां के सामने रूकी हुई थी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुतातबिक दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार हथियारबंद लोग वहां आए। इनमें से दो व्यक्ति बस में घुस गए और पेट्रोल छिड़क कर उसमें आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि कई यात्री भीषण आग के चलते बस से बाहर निकल नहीं पाए।

नसीर ने बताया कि बस का चालक और कंडक्टर मौके से फरार हो गए जिनकी तलाश की जा रही है। इसके अलावा, बस में आग लगाने वाले संदिग्ध अपराधियों की धर-पकड़ के लिए पुलिस तलाशी अभियान चला रही है।

श्री तणोट राय मंदिर, जैसलमेर


श्री तणोट राय मंदिर











श्री तणोट राय मंदिर स्थान भाटी राजा की राजधानी थी वह मातेश्वरी के भक्त थे ! उनके आमंत्रण देने पर महामाया सातों बहने तणोट पधारी थी , इसी कारण भक्ति भाव से प्रेरित होकर राजा ने एक मन्दिर की स्थापना की थी , वर्तमान मे यह स्थान जैसलमेर नगर से १२० की.मी पशिचम सीमा किशनगढ़ रोड पर बना हुवा हें ! जो भारतीय सेना बी. एस. ऍफ़. जैसलमेर राज घराना व खाडाल के ग्रामो का मुख्य आस्था केन्द्र हें बड़ा ही भव्य रमणीक मन्दिर हें !
 सन १९६५ मे पाक सेना का पड़ाव था लेकिन मातेश्वरी की कृपा से किसी भी सैनिक के कोई खरोच भी नही आयी ! उल्टे पाक सेना की पुरी ब्रिगेड आपस मे लड मरी , उस सेना का ब्रिगेडियर यह माजरा देखकर विसमित हो गया वह मन ही मन इस देविक चमत्कार से मुसलमान होते हुवे भी भी श्रद्धा से मनोती मानने लगा व माता की शरण ग्रहण करने पर उसके प्राण बच गये पुरी ब्रिगेड ख़त्म हो गई उकत अधिकारी मैया का भक्त बन गया ! कुछ समय बाद मे पासपोर्ट से भारत आया तणोट राय की पूजा अर्चना कर पश्चिम सीमा पर दोनों मुल्क मे शान्ति बनी रहे , ऐसी कामना करके अपने वतन को लौट गया !
इस प्रकार माताजी कितनी दयालु हें जो उसे पुकारता उसे शरण व अभय कर देती हें ऐसे चमत्कारों से वसीभूत होकर बी. एस. ऍफ़. के कर्मचारी व अधिकारी तो मैया की अनन्य भगत बन गये प्रत्येक कंपनी जहा भी रहती हें सर्वप्रथम मैया का छोटा मोटा स्थान बना कर नियमित पूजा होती हें नवरात्री के दिनों मे बड़ा भव्य मेले का आयोजन होता हें ! अनेको यात्री आते हें इस प्रकार मुख्यालय से तणोट राय आवागमन के साधन नव दीन तक निशुल्क बसे चलती हें ! बी. एस. ऍफ़. के फोजी भाई तो धन्य हें जो सीमा की निगरानी करते हुवे मैया के प्रति अटूट श्रदा से सेवा पूजन करते हें , कोई मन्दिर मे सफाई का कार्य करते हें , कोई लंगर सँभालते हें और कई गाना बजाना करते हें ! कितने यात्रियों की सेवा मे जुट जाते हें , हमेशा लंगर भोजन का आयोजन होता हें ! मैया के भजन कीर्तन चलते रहते हें ,
यह युद्ध १६ नवम्बर , १९६५ को हुवा था, तनोट चारो और से घिर चुका था ! कर्नल जय सिंह राठोड़ (थैलासर)बीकानेर के नेतृतव मे केवलतीन सो सैनिक थे ! शत्रु ने तीन तरफ़ से धुहादार हमला कर दिया था ! हमारेजवान निरंतर लड़ते रहे ! दुसरे दीन एक जवान मे भगवती काभाव आया कि घभरावो मत तुम्हारा बाल भीबाका नहीं होगा ! हुवा यही तनोट राय कि कृपा से भारतीय सेना के किसी भी जवान को कोईचोट नहीं आयी,और शत्रु फौज हतास होकर पॉँच सो शव छोड़कर भाग खड़ी हुयी ! आश्चर्य इस बात का हे कि मंदीर कीआसपास ३००० बमबरसाए गए , मंदीर मे एक भी खरोच नहीं आयी , उनमे से कुछ बम आज भी मंदीर मे पड़ेहे !
तणू भूप तेडाविया, आवड़ निज एवास ! पूजा ग्रही परमेश्वरी , नामे थप्यो निवास !!