सोमवार, 24 जनवरी 2011

मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा महान विभूति को श्रद्धाजंली


मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा महान विभूति को श्रद्धाजंली
देश के महान शास्त्रीय गायक और भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी का सोमवार सुबह 8.05 बजे पुणे के एक अस्पातल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। पंडित भीमसेन जोशी का जन्म 4 फरवरी 1922 को कर्नाटक के गडक में हुआ था। इनको बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था। वह किराना घराने के संस्थापक अब्दुल करीम खान से बहुत प्रभावित थे। 1932 में वह गुरु की तलाश में घर से निकल पड़े।

अगले दो वर्षों तक वह बीजापुर, पुणे और ग्वालियर में रहे। उन्होंने ग्वालियर के उस्ताद हाफिज अली खान से संगीत की शिक्षा ली। घर वापसी से पहले वह कलकत्ता और पंजाब भी गए। सन् 1936 में पंडित भीमसेन जोशी ने पंडित रामभन कुंडगोलकर से गडग के पास कुंडगोल में संगीत प्रशिक्षण प्राप्त किया। वहां उन्होंने खयाल गायकी की बारीकियां भी सीखीं।

पंडित भीमसेन जोशी ने अपनी विशिष्ट शैली विकसित करके किराना घराने को समृद्ध किया। उनको कई रागों को मिलाकर कलाश्री और ललित भटियार जैसे नए रागों की रचना करने का भी श्रेय जाता है। उन्हें खयाल गायन के साथ-साथ ठुमरी और भजन में भी महारत हासिल की है।

सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित

भीमसेन जोशी को 4 नवम्बर, 2008 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से पुरस्कृत किया गया। इन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन् 1985 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ इन्हें पद्म विभूषण और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

19 साल की आयु में आये सार्वजनिक मंच पर

किराना घराना के जोशी ने 19 वर्ष की आयु में पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से अपनी गायन कला का प्रदर्शन किया था। उनकी अनवरत यात्रा आज समाप्त हुई है। उन्होंने पहली बार अपने गुरु सवाई गंधर्व के 60वें जन्मदिवस पर जनवरी 1946 में पुणे अपना गायन प्रस्तुत किया था।

गीत जो हो गए अमर

जोशी जी द्वारा गाए गए गीत लोगों के बीच समां बांध देते थे। उनके संगीत में गजब का जादू था। उनके द्वारा गाए गए गीत पिया मिलन की आस, जो भजे हरि को सदा और मिले सुर मेरा तुम्हारा संगीत के क्षेत्र में मील के पत्थर हैं। इस का सम्मोहन आज भी बरकरार है

रविवार, 23 जनवरी 2011

शराब माफिया के खिलाफ प्रशासन पुलिस व आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई


शराब माफिया के खिलाफ  प्रशासन पुलिस व आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई


बाड़मेर
बाड़मेर  प्रशासन पुलिस व आबकारी विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बाड़मेर शहर में कच्ची बस्ती व ग्रामीण इलाकों से शनिवार को 133 लीटर हथकढ़ी शराब बरामद की । उधर चौहटन से छह सौ लीटर वॉश पकड़ी गई। जबकि सिणधरी के निकट भूंका भगतसिंह गांव की सरहद से ट्रक में परिवहन कर ले जाई जा रही अवैध शराब के नौ सौ कार्टन बरामद किए। पुलिस ने बाड़मेर व चौहटन की कार्रवाई में दो तथा सिणधरी में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। 
पुलिस व आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई के तहत शनिवार को एसडीएम मीठूसिंह व डीएसपी नाजीम अली के नेतृत्व वाली पुलिस टीम ने राजमार्ग के निकट जोगियों की दड़ी स्थित एक मकान से 113 लीटर हथकढ़ी शराब बरामद की। इस दौरान महाबार निवासी हिंगोलसिंह वहां से भाग छूटा। बरामद हथकढ़ी शराब एक ड्रम व टयूब में छुपाई हुई थी। कार्रवाई में सदर थानाधिकारी रमेश शर्मा भी साथ रहे। पुलिस ने हथकढ़ी शराब रखने के आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
उधर बाड़मेर वृत के आबकारी निरीक्षक गजेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने मय टीम सिंगड़ी राणीगांव सरहद स्थित झौंपे में दबिश देकर 20 लीटर अवैध शराब जप्त की और 1400 लीटर वॉश नष्ट करने के साथ टीम ने शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किए।
 
शनिवार सुबह चौहटन की पहाडिय़ों में एसडीएम शंकरलाल, थानाधिकारी कैलाशदान व आबकारी सहायक निदेशक प्रवर्तन दईदानसिंह ने हथकढ़ी शराब की एक दर्जन भट्टियां नष्ट की। टीम ने दलपतसिंह के नेतृत्व में दबिश देकर 600 लीटर वॉश बरामद किया। चौहटन में हथकढ़ी शराब बनाने की एक दर्जन भट्टियां मिली।
 
सिणधरी के निकट भूंका भगतसिंह गांव के निकट मुखबिर की सूचना पर नाकाबंदी कर थानाधिकारी मूलाराम चौधरी ने ट्रक आरजे 19 जीए 7045 को रूकवाने के साथ हरियाणा निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब के नौ सौ कार्टन बरामद किए । पुलिस ने अवैध शराब परिवहन करने के आरोप में जालोर निवासी गंगाराम विश्नोई, सोहनलाल विश्नोई एवं जयकिशन को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हरियाणा से बाड़मेर के रास्ते अवैध शराब गुजरात ले जाने की जानकारी दी। बरामद शराब की कीमत 25 लाख आंकी गई है


हत्या के दो आरोपियो की जमानत खारिज
बाड़मेर   जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुखपाल बुंदेल ने हत्या के दो आरोपियो की जमानत खारिज करने के आदेश दिए। प्रकरण के अनुसार 6 दिसंबर को श्रीमती गीगी देवी ने समदड़ी थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि उसके पति मादाराम के साथ आरोपी वीरेंद्रसिंह पुत्र रावतसिंह निवासी खंडप व रामचंद्र पुत्र हरदान निवासी अर्थडी ने मारपीट की। उसके पति की उपचार के दौरान मौत हो गई।  पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। आरोपियों की ओर से अघिवक्ता उमसिंह राठौड़ ने जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया। राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक मानाराम विश्नोई ने पैरवी की।
 परिवादी की ओर से अघिवक्ता डूंगरसिंह नामा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपियो ने अनुसूचित जाति के व्यक्ति को जातिगत शब्दों से अपमानित कर उसके साथ गंभीर मारपीट कर उसकी हत्या की है। दोनों पक्षों के अघिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश बुंदेल ने आरोपियो की जमानत खारिज करने के आदेश दिए।