शनिवार, 11 मार्च 2017

जोधपुर पति की रुसवाई पर पत्नी ने कर डाला एेसा दर्दनाक काम, डेढ़ साल के मासूम पर भी नहीं दिखाई दया



जोधपुर पति की रुसवाई पर पत्नी ने कर डाला एेसा दर्दनाक काम, डेढ़ साल के मासूम पर भी नहीं दिखाई दया
पति की रुसवाई पर पत्नी ने कर डाला एेसा दर्दनाक काम, डेढ़ साल के मासूम पर भी नहीं दिखाई दया

मुम्बई के भिवण्डी से गत दिनों पीहर आई महिला ने शुक्रवार को मॉर्निंग वॉक पर निकलने के दौरान सूंथला में आत्मदाह का प्रयास किया। लपटों से घिरने व चिल्लाने पर क्षेत्रवासियों ने पानी डालकर आग बुझाई और महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती करवाया। नब्बे प्रतिशत से अधिक झुलसने से उसकी हालत गम्भीर बनी हुई है।




प्रतापनगर थानाधिकारी रामसिंह के अनुसार कमला नेहरू नगर द्वितीय विस्तार योजना निवासी गीता (26) पत्नी देवीचंद राय सोनी गत 24 फरवरी को डेढ़ साल के पुत्र के साथ मुम्बई के भिवण्डी से हुडको क्वार्टर के पास महावीर नगर स्थित पीहर आई थी। वह सुबह साढ़े छह बजे घूमने के लिए अकेली पीहर से निकली। कुछ देर बाद सूंथला में खाली भूखण्ड में उसने खुद को आग लगा ली। उसकी चीख सुनकर मोहल्लेवासियों ने पानी डालकर आग बुझाई। तब तक वह पूरी तरह जल चुकी थी।




बाद में 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे एमजीएच की बर्न यूनिट में भर्ती करवाया गया। पुलिस व मजिस्ट्रेट बयान लेने के लिए अस्पताल पहुंचे, लेकिन बयान नहीं ले पाए। चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर बताई है। महिला के पिता ने पुलिस में दी लिखित रिपोर्ट में किसी तरह की आशंका नहीं जताई है। उनका कहना है कि पुत्री अपने पति के साथ हंसी-खुशी रह रही है।




होली पर आने में पति ने जताई थी असमर्थता

पुलिस का कहना है कि वर्ष 2013 में महिला की शादी देवीचंद से हुई थी। उसे डेढ़ साल का एक पुत्र है। पति भिवण्डी में व्यवसायी है। होली पर्व के उपलक्ष्य में मां व पुत्र गत 24 फरवरी को पीहर आए थे। मॉर्निंग वॉक पर निकलने के बाद गीता ने पति से बात की थी। तब पति ने व्यवसायिक व्यस्तता के चलते होली पर आने में असमर्थता जताई थी। आशंका है कि इसी से नाराज होकर उसने आत्मदाह का प्रयास किया होगा।







आत्मदाह के चलते गीता पूरी तरह झुलस गई। क्षेत्रवासियों ने उससे परिचय पूछा तो झुलसी हालत में महिला ने मोबाइल से पति के नम्बर दिए। तब लोगों ने ही पति को सूचित किया था।

जोधपुर पति और देवरों ने मिल कर लूट ली अस्मत, नाबालिग बहन को भी बनाया दरिंदगी का शिकार



जोधपुर पति और देवरों ने मिल कर लूट ली अस्मत, नाबालिग बहन को भी बनाया दरिंदगी का शिकार
पति और देवरों ने मिल कर लूट ली अस्मत, नाबालिग बहन को भी बनाया दरिंदगी का शिकार

जैसलमेर के फलसूण्ड क्षेत्र की एक महिला ने पति व उसके दो भाइयों पर जान से मारने की धमकी तथा दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज कराया है।




पुलिस के अनुसार फलसूण्ड क्षेत्र की एक महिला ने कोर्ट में पेश इस्तगासे के जरिए फतेहगढ़ निवासी भोपाल सिंह, लाल सिंह व हनुमंत सिंह के खिलाफ धमकाने, दुष्कर्म व मारपीट तथा गर्म तेल डालने का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि वर्ष 2010 में उसके पिता का निधन हो गया था। बालिग होने से पहले उसकी शादी भोपाल सिंह से हुई थी। आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।







साथ ही अन्य आरोपी ने उसकी नाबालिग बहन से दुराचार किया। इतना ही नहीं, गत 20 जनवरी को जब वह राइकाबाग स्थित रोडवेज बस स्टैण्ड गई तो आरोपी ने उसे फोन कर धमकाया और गांव बुलाया था।

मानव अधिकार सरंक्षण पर सेमिनार हुआ आयोजित , बाड़मेर मानव अधिकारो के प्रति आम जन खुद जागरूक होव। ..बोथरा

मानव  अधिकार सरंक्षण पर सेमिनार  हुआ आयोजित ,

बाड़मेर मानव अधिकारो के प्रति आम जन खुद जागरूक होव। ..बोथरा


बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर द्वारा शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय हॉल में एक दिवसीय मानव अधिकार सरंक्षण विषय पर सेमिनार का आयोजन सभापति लूणकरण बोथरा के मुख्य आतिथ्य में और आयुक्त श्रवण विश्नोई की अध्यक्षता में आयोजित किया गया ,सेमिनार में ग्रुप फॉर पीपल के संयोजक चन्दन सिंह भाटी ,ताल्लुक विधिक सहायता समिति सदस्य अमित बोहरा ,पन्नालाल जांगिड़ ,एन यु एल एम् प्रभारी भंवरू खान ,पार्षद प्रकाश सराफ ,सुल्तान सिंह ,तरुण सिंधी ,अनिल जोशी , ने शिरकत कर मानव अधिकारों के सरंक्षण को लेकर चर्चा की ,

सभापति लूणकरण बोथरा ने कहा की किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान का अधिकार ही मानव अधिकार है। मनुष्य योनि में जन्म लेने के साथ मिलने वाला प्रत्येक अधिकार मानवाधिकार की श्रेणी में आता है। संविधान में बनाये गए अधिकारों से बढ़कर महत्व मानवाधिकारों का माना जा सकता है। इसका कारण यह है कि ये ऐसे अधिकार हैं जो सीधे प्रकृति से सम्बन्ध रखते हैं जैसे जीने का अधिकार केवल कानून सम्मत अधिकार नहीं है बल्कि इसे प्रकृति से प्रदान किया गया है। सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है। वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे जीवन स्तर को प्राप्त करने का अधिकार है जो उसे और उसके परिवार के स्वास्थ्य, कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है। मानव अधिकारों में आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों के समक्ष समानता का अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार आदि नागरिक और राजनैतिक अधिकार भी सम्मिलित हैं।
 आयुक्त श्रवण विश्नोई ने कहा की मानव समाज में मौजूद समस्याओं का निराकरण करना ही मानवाधिकार की संकल्पना का लक्ष्य है। सूखा, बाढ़, गरीबी, अकाल, सुनामी, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध एवं दुर्घटनाओं आदि से पीड़ित व्यक्तियों को राहत और पुनर्वास के मानवाधिकारों का ध्यान रखा जाना अपेक्षित है। जिससे लोगों की वाक्-अभिव्यक्ति और धार्मिक स्वतंत्रता एवं भय तथा अभाव मुक्त एक ऐसी विश्व व्यवस्था की उस स्थापना की जनसाधारण की सर्वोच्च आकांक्षा पूर्ण हो सके क्योंकि सम्पूर्ण मानव समाज के सभी सदस्यों के जन्मजात गौरव और समान अविच्छिन्न अधिकार की स्वीकृति ही विश्व शांति, न्याय और स्वतंत्रता की बुनियाद है। 

ग्रुप फॉर पीपल के संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने कहा की हमारे देश में आये दिन घटित होने वाली महिलाओं के शारीरिक और मानसिक शोषण और प्रताड़ना की घटनाएँ, प्रतिदिन होने वाली हजारों भ्रूण हत्याएं भारतीय संस्कृति की गरिमा तार-तार करती हैं। भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, शारीरिक प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न आदि अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं के विषय में मानवाधिकारों की आवश्यकता को रेखांकित करते ही हमारा समाज प्रायः मौन हो जाता है। ऐसे ही सैकड़ो वर्षों से वनों अथवा उसके आस-पास के क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिवासी और वनवासी समाज के परंपरागत अधिकारों और मानव अधिकारों की समुचित रूप से पहचान तक नहीं की जा सकी है तथा उन्हें आज तक चकबंदी, सीलिंग, पट्टे भू-अभिलेख या भूमि आवंटन का पर्याप्त लाभ नहीं मिल सका है।

अमित बोहरा ने बताया की आज भी एक खास तबके के लोगों को ही हैसियत के अनुसार मानवाधिकार मिल पाते हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान आदि राज्यों में जहाँ साक्षरता का स्तर थोड़ा काम है वहां मानवाधिकारों का हनन आम बात है। इन राज्यों के पिछड़े और अशिक्षित क्षेत्रों में प्रायः बेक़सूर और गरीब लोगों पर पुलिस और प्रशासन द्वारा अमानवीय तरीके से कानूनी कार्यवाही करने अथवा अन्य तरीके से शोषण किये जाने की घटनाएँ चर्चा में बनी रहती हैं लेकिन इसके विपरीत जिन शहरों में लोग साक्षर हैं वहां इसका गलत इस्तेमाल भी करते हैं।सेमिनार को भंवरू खान ,पन्नालाल जांगिड़ ,विद्युत् मजदूर संघ के कोशलाराम चौधरी ,स्वरुप वासु ,राजाराम सोलंकी ,सायर कंवर ने भी संबोधित किया ,इस अवसर पर बड़ी तादाद में महिलाए उपस्थित थी ,सेमिनार में चंद्रवीर खत्री ,स्वरुप शर्मा ,ओमप्रकाश ,इस्लाम खान ,सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे 

शुक्रवार, 10 मार्च 2017

बाड़मेर मेहलू महन्त के हत्यारे को आजीवन कारावास



बाड़मेर मेहलू महन्त के हत्यारे को आजीवन कारावास


बाड़मेर न्यायाधीश सुरेन्द्र खरे ने आईपीसी की धारा 302, 460 व 380 के तहत नारायण दास को दोषी माना गया तथा उम्र कैद की सजा सुनाई गई। जिला मुख्यालय से पचास किलोमीटर दूर गुडामालानी थाना क्षेत्र के मेहलू गाँव में 29 सितम्बर 2014 को साधू के भेष में मठ में आये एक दुर्दांत अपराधी ने मठ में सात दिनों तक रेकी करने के बाद मठ कि महिला महंत तोलापूरी की हत्या कर वहां से मठ की गाड़ी लेकर बाड़मेर आया तथा गाड़ी को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर ट्रेन से फरार हो गया था।

ग्रामीणों ने इस संबंध में गुड़ामालानी थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए टीमें गठन कर कॉल डिटेल के आधार पर बृजेश नारायण दास शुक्ला को प्रतापगढ,इलाहबाद उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की जिस पर उसने जुर्म करना कबूला। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। करीब तीन साल तक अपर एवं जिला सेशन न्यायालय नं. 2 में चली जिरह के दौरान अशोक कुमार, किशनाराम पूर्व सरपंच मेहलू, रायचंद थोरी, शंकरपुरी वर्तमान मठाधीश मेहलू, दूदाराम थोरी, किशनाराम बेनिवाल सहित 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए। गवाहों व तत्कालीन परिस्थितियां आरोपी के खिलाफ होने के कारण न्यायाधीश सुरेन्द्र खरे ने आईपीसी की धारा 302, 460 व 380 के तहत दोषी माना गया तथा उम्र कैद की सजा सुनाई गई। परिवादियों की और से वरिष्ठ अधिवक्ता करनाराम चौधरी ने न्यायालय में पक्ष रखा। आरोपी की और से स्वरूपसिंह भदरु ने पैरवी की।

सांसद पटेल ने लोकसभा में उठाया सौर पंपों का मुद्दा सौर उपकरणों का विनिर्माण किया जायें- सांसद पटेल



सांसद पटेल ने लोकसभा में उठाया सौर पंपों का मुद्दा

सौर उपकरणों का विनिर्माण किया जायें- सांसद पटेल

सांसद देवजी पटेल ने शुक्रवार को संसद सत्र के दौरान देश में सौर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने एवं सौर उपकरणों का विनिर्माण का मुद्दा उठाया।

सांसद पटेल ने विद्युत, कोयला, नवीन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान राज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रश्न करते हुए कहा कि देश में दो करोड़ दस लाख सिंचाई पंपों में से 90 लाख पंप डीजल से चलते है तथ शेष ग्रिड की विद्युत आपूर्ति से चलते हैं जो कि देश में कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत हैं। बागवानी एवं पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ गांवों में कृषि हेतु सिंचाई के लिए डीजल एवं विद्युत पंपों की जगह सौर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने राज्य मंत्री गोयल से मेक-इन-इंडिया अभियान के तहत देश में सौर कुकरों, लालटेनों, सौर स्ट्रीट लाइटों, सौर गीजरों, सौर वाहनों और सौर पंपों के विनिर्माण को सुविधाजनक बनाने की मांग करते हुए बताया कि इन उपकरणों में उपयोग किए जा रहे बैटरी सहित अन्य उपकरणों के आयात की क्या स्थिति हैं।

सांसद पटेल के प्रश्न का उŸार देते हुए राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मंत्रालय द्वारा देश में सिंचाई, पेयजल और अन्य संबद्ध गतिविधियों हेतु सौर पंपों के प्रयोग के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता हैं। नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय विŸाीय सहायता प्रदान कर विभिन्न सौर अनुप्रयोगों जैसे- लाइटिंग प्रणालियों, सौर लालटेनों, सौर कुकरों, सौर गीजरों और सौर पंपों को आॅफ ग्रिड एवं विकेन्द्रित सौर अनुप्रयोगों कार्यक्रम के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमे उपर्युक्त उत्पादों का देश में ही विनिर्माण किए जाने को सुगम बनाने में भी सहयता मिली हैं। लेड एसिड बैटरियाँ का निर्माण देश में किया जाता हैं जो सौर ऊर्जा में भंडारण के प्रमुख स्त्रोत हैं। ली-आयोन आधारित बैटरियाँ, जिसका उपयोग सौर सहित विभिन्न अनुप्रयासेगों में किया जा रही है, जिसका आयात किया जा रहा हैं। एमएनआरई द्वारा कई सौर प्रकाश वोल्टीज प्रणालियों को सहायता प्रदान की गई हैं, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलता है।