शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

जालौर में बाढ़ का कहर,पानी में बहे बैंक के साढ़े तीन करोड़ रूपए

जालौर में बाढ़ का कहर,पानी में बहे बैंक के साढ़े तीन करोड़ रूपए



जयपुर। प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। प्रदेश यह बारिश कहीं राहत तो कहीं आफत का सबब बन रही है। राजस्थान को सूखे प्रदेश का तमगा हासिल है, लेकिन इस बार इन्द्रदेव की मेहरबानी ने रेगिस्तान को पानी पानी कर दिया। प्रदेश के रेतीले इलाकें पश्चिमी राजस्थान में इस बार बरखा जमकर बरस रहे है। पूरे प्रदेश में आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही है ।

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आसमान से बरसी बारिश ने रेगिस्तान को जलस्थान बना दिया। पानी के लिए त्राहि त्राहि करने वाले राजस्थान में इस बार ज़्यादा बारिश आफत बन गई है। आपदा प्रबंधन मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विभाग की तारीफ़ करते हुए पीठ थपथपाई है। कटारिया ने कहा कि विभाग की सूझबूझ से आफत की बारिश में ज़्यादा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है।


सरकार का दावा है कि उन्होंने भारी बारिश की भविष्यवाणी से पहले ही उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 10 लाख और बाकी जिलों में बारिश से पहले ही आपदा प्रबंधन के लिए 3 लाख रूपए दिए गए थे। कभी आसमान की ओर टकटकी लगाकर बारिश का इंतजार करने वाली नज़रें इस बार बारिश के थमने का इंतज़ार कर रही हैं।



भीनमाल शहर मेँ आई बाढ़ से लगभग 100 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान नुकसान पर एक नजर:
कृ़षि मंडी में रखे अनाज जीरे,इसबगोल, ग्वार,अरण्डी, व अन्य अनाज की बोरियों में पानी भर जाने से लगभग 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।


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पानी में बह गए साढ़े तीन करोड़ रूपए
एचडीएफसी बैंक के तहखाने मे रखे साढ़े तीन करोड़ रुपए पानी में भीग गए। शहर में किराने की दुकान, अनाज की दुकानों व बड़े गोदामों में पानी भर जाने सारा सामान व कीमती सामान बह गया वहीं फर्नीचर की दुकान में पानी भर जाने से 50 करोड़ रुपए का नुकसना हुआ है।



4 दिनों से बिजली नहीं
भीषण बारिश से जालौर में पानी व बिजली की व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। बिजली के खंभे व तार टूटने की वजह से चार दिनों से लाईट नही है वहीं जानकारी मिली है कि बिजली की सुचारू व्यवस्था करने में महिनों लग जाएंगे।



सरकारी दफ्तरों में घुसा पानी,कागजात भीगे
सरकारी कार्यालयोँ, पुलिस अधिकारीयो के आवास व आॅफिस पानी मे जलमग्न है वहीं कीमती कागजात में पानी भर जाने की वजह से सारे रिकॉर्ड नष्ट हो गए है।


किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली डूबे
ग्रामीण क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आने से किसानों के पशु व कच्चे मकान पानी के साथ बह गए। किसानों के करसी में काम आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली भी पानी के साथ बह गए। ग्रामीण क्षेत्रों दो दर्जन से ज्यादा सरकारी स्कूलें पानी से लबालब हो गई है वहीं सरकारी स्कूलो मेँ पानी भर जाने से स्कूलो की दीवारें टूटी, भारी बारिश के कारण किसानों की फसले पूरी तरह से बर्बाद हो चुकि है जिससे की लाखों के नुकसान का अंदेशा लगाया जा रहा है। गांवों में रास्ते बंद हो चुके है और आज भी शहर में नदी नाले उफान पर है वहीं गांव वालों ने डर के मारे अपने आप को घरों में बंद कर लिया है।
बारिश का दौर जारी।



गांवो में अलर्ट
कोटा बेराज से साढे तीन लाख क्यूसेक पानी छोडने से करणपुर मण्डरायल में चम्बल नदी उफान पर है। जिला कलैक्टर विक्रम सिंह ने करणपुर मण्डरायल में चम्बल किनारे के गांवो का जायजा लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा भोजन तथा आवास की व्यवस्था रखने के निर्देष भी दिए है। जिला कलक्टर ने बताया कि कोटा-बैराज से साढे तीन लाख क्यूसेक पानी छोडा गया है। इससे करणपुर मण्डरायल के चम्बल नदी में पानी की अधिक आवक हो रही है। उन्होनें बताया कि अभी डेढ लाख क्युसेक पानी और आने की संभावना है। इस कारण चम्बल किनारे के गांवो के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि करणपुर क्षेत्र के टोडा दर्रा मल्लाहपुरा गांव के ग्रामीणो के प्रभावित होने की आशंका है।



माउंट आबू में हाल बेहाल
जहां पूरे प्रदेश में बारिश का दौर जारी है वहीं राजस्थान के पर्वतीय नगरी परेशानी के दौर से गुजरी रही है। माउंट आबू में लगातार हो रही बारिश से पुरे प्रदेश और देश से सम्पर्क कट चुका है। जहां बिजली व्यवस्था पुर्ण रूप से बाधित है तो वहीं मोबाईल सेवा भी बंद पडी है। माउंट आबू और आबूरोड़ मार्ग भी जगह जगह से टूट चुका है जिससे यातायात पूर्ण रूप से बाधित हो रहा है। सड़क के टूटने की बात करें तो आरणा के पास भूस्खलन के कारण कई जगहों पर सड़कें टूट चुकी हैं।