बुधवार, 9 जनवरी 2013

मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद पांच करोड़ की जमीन भूमाफियो की जद में


मुख्यमंत्री के आदेश रद्दी की टोकरी में

मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद पांच करोड़ की जमीन भूमाफियो की जद में 



बाड़मेर बाड़मेर शहर के महावीर नगर में नगरपालिका बाड़मेर का व्यवसायिक भूखंड संख्या 66 है जिसकी कीमत लगभग पांच करोड़ रूपए है। उक्त भूखंड पर तत्कालीन जिला कलेक्टर सुबीर कुमार ने वर्ष 2007 में निरस्तीकरण के आदेश जारी कर नगरपालिका के चार अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया था। उक्त प्रकरण में पालिका के चार अधिकारी कर्मचारी निलंबित भी किए गए है। इस व्यवसायिक भूखंड प्रकरण की जांच आज भी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। राज्य सरकार ने इस भूखंड के आवंटन को निरस्त कर भूखंड राशि जमा नही करवाई गई थी। इसके बावजूद इस भूखंड पर भूमाफिया जिन्होने सरकारी जमीनों पर कई अतिक्रमण कर रखे है। और वहां पर अवैध रूप निर्माण कार्य आरंभ करा रखा है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय से दो मर्तबा सचिव दी एल बी ,एल एस जी को जांच एवं आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया मगर अफ़सोस कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई ,सचिव द्वारा जांच बाड़मेर कर्यलर नगर परिषद् को भेजी गई थी ,इस पत्र की आड़ में आयुक्त द्वारा अतिकर्मियो से सुविधा शुल्क लेकर मामला रफा दफा कर दिया .जिला कलेक्टर बाड़मेर द्वारा उक्त मामले की जांच तहसीलदार बाड़मेर को दी गई थी उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई ,


उक्त भूखंड पर रामचंद्र वैष्णव, सावताराम माली, भगाराम माली तथा इनके भूमाफिया सहयोगियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य निर्बाध रूप से किया जा रहा है। चूंकि उक्त भूंखड राज्य सरकार का है जिसकी कीमत करोड़ो रूपए है। इस पर नगरपालिका कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मिली भगत से भूमाफियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसायिक काम्पलेक्स का निर्माण करवाया जा रहा है। स्थानीय जिला प्रशासन की कई बार लिखित सूचना देने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई। राज्य सरकार की करोडो रुपयों की सम्पति पर अतिकर्मियो ने कब्ज़ा कर चुना लगाया .मगर सरकार और प्रशासन चुप हें ,भरष्टाचार को पनाह दी जा रही हें ..

फोन कॉल प्रति मिनट एक रुपया करने की तैयारी, 130 रुपये महंगा हो सकता है सिलेंडर!

नई दिल्‍ली। महंगाई की मार झेल रही जनता को एक बार फिर बड़ा झटका लग सकता है। इस बार न सिर्फ गैस सिलेंडर, डीजल और केरोसिन महंगा होगा बल्कि देश भर में फ्री रोमिंग लागू होने के बाद कॉल महंगी होना तय है।देश भर में कॉल दरें एक रुपया प्रति मिनट हो सकती हैं।
फोन कॉल प्रति मिनट एक रुपया करने की तैयारी, 130 रुपये महंगा हो सकता है सिलेंडर!
केंद्र सरकार मार्च तक जनता को महंगाई का कई जख्‍म दे सकती है। डीजल के दाम डेढ़ रूपए तक बढ़ाए जाए सकते हैं। हर महीने डेढ़ रूपए के हिसाब से तीन महीने में इसका दाम साढ़े चार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह सिलेंडर के दाम हर महीने पचास रूपए तीन महीने तक बढ़ाए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मनमोह‍न सिंह ने इस बात का पहले ही संकेत दे दिया था।

यदि डीजल के दाम बढ़ते हैं तो देश में महंगाई एक बार फिर उफान पर आ जाएगी। क्‍योंकि डीजल के दाम बढ़ने का असर सब्‍जी से लेकर दूध तक पर पड़ता है। डीजल का दाम बढ़ने से माला भाड़ा में भी इजाफा हो जाएगा।

रेल में सफर करना भी महंगा होने वाला है। रेलवे स्‍टेशन और रेल में मिलने वाले खाने के दाम पहले ही बढ़ा दिए गए हैं। अब किराया बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।

फ्री रोमिंग से कॉल होगी महंगी

देश भर में फ्री रोमिंग लागू होने के बाद कॉल महंगी होना तय है। लिहाजा, एक बार फिर देश भर में कॉल दरें एक रुपया प्रति मिनट हो सकती हैं। देश की कई प्रमुख मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों का कहना है कि अगर देश भर में रोमिंग खत्म होती है तो इसके चलते कॉल दरों में बढ़ोतरी होना तय है। कंपनियों का कहना है कि कॉलिंग की दरों को अगर देशव्यापी स्तर पर समान बनाने की बात आई, तो कॉल रेट एक रुपया प्रति मिनट हो सकता है। कंपनियों का कहना है कि यह न्यूनतम बढ़ोतरी होगी। कॉल रेट इससे भी ज्यादा हो सकते हैं। 2013 में देश भर में रोमिंग मुफ्त हो जाएगी। केंद्र सरकार नई टेलीकॉम नीति 2012 के तहत इसका ऐलान कर चुकी है। वहीं, टेलीकॉम नियामक ट्राई ने दिसंबर 2012 में प्री-कंसल्टेशन पेपर भी जारी कर दिया है। इसके तहत सभी कंपनियों और अन्य हिस्सेदारों से उनके सुझाव मांगे गए हैं। हालांकि, शुरुआती दौर में कंपनियां इसका विरोध कर रही हैं। लेकिन, अगर नीति लागू होती है तो कंपनियों के सामने कॉल दरों में बढ़ोतरी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।

देश की एक प्रमुख मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रोमिंग समाप्त होने का फायदा तकरीबन 5-8 फीसदी ग्राहकों को होगा। लेकिन, कंपनियों के राजस्व पर इसका नकारात्मक असर 8-10 फीसदी का होगा। अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में मोबाइल उद्योग को तकरीबन 13,500 करोड़ रुपये की आमदनी रोमिंग के जरिए होती है। ऐसे में कंपनियों को इतनी ही पूंजी कॉल रेट में बढ़ोतरी कर हासिल करनी होगी। उन्होंने बताया कि कॉलिंग की दरें देश भर में एक रुपया प्रति मिनट के स्तर पर स्थिर हो सकती हैं। वहीं, एक अन्य मोबाइल कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि मुफ्त रोमिंग लागू होने के बाद कॉल दरें एक रुपया प्रति मिनट से भी ज्यादा हो सकती हैं। लेकिन, बाद में प्रतिस्पर्धा के हिसाब से इनमें कमी भी आ सकती है।

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यू ने बताया कि फ्री रोमिंग के लिए बहुत सारे मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है। हर सर्किल में स्पेक्ट्रम की कीमत अलग है। इसके अलावा, हर सर्किल में टैरिफ भी अलग हैं। लिहाजा, फ्री रोमिंग को लागू करने से पहले इन सब मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है। अगर फ्री रोमिंग लागू होती है तो इसका सीधा बोझ ग्राहकों पर ज्यादा कॉल रेट के रूप में पड़ेगा।