रविवार, 6 जनवरी 2013

नेश में रेप-मर्डर करने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

नेश में रेप-मर्डर करने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
नेश में रेप-मर्डर करने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

नई दिल्‍ली. दिल्ली गैंगरेप और मर्डर केस के बाद बलात्‍कारियों को फांसी की सजा देने की मांग जोर पकड़ चुकी है, लेकिन हाल ही में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार और हत्या के दोषी की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्‍दील कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दोषी नशे में था और उसकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं थी।

यह मामला पुणे में एक गर्भवती महिला से बलात्कार करने और उसकी दादी सास को मारने का था। इस मामले में साईनाथ कैलाश अभंग नाम का आदमी दोषी था। उसने 10 सितंबर, 2007 को पुणे में महिला के घर में घुस कर उसकी जान ले ली थी। उसके बाद उसने महिला की बाईं कलाई और सीधे हाथ की चार अंगुलियां काट दी थीं। फिर उसने मृतक महिला की एक गर्भवती रिश्तेदार पर बार-बार हमला किया और उसके साथ बलात्‍कार किया। सर्वोच्‍च अदालत ने घायल महिला के बयान समेत सभी साक्ष्य को देखने के बाद दोषी को राहत दी। घायल महिला ने बताया था कि आरोपी नशे में था।

पीडि़त परिवार अदालत के हालिया फैसले से गुस्‍से में है। पीड़ित के परिवार ने रविवार को कहा कि दोषी को जीने का हक नहीं है। परिवार की ओर से वकील डी वाई जाधव ने कहा, 'यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। मेरी मुवक्किल इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले को मौत की सजा चाहती थीं और निराश है।' जाधव ने पुणे सेशंस कोर्ट में सरकारी वकील के तौर पर मुकदमे में पक्ष रखा था। वहां आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने भी मौत की सजा को बरकरार रखा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा को इस आधार पर उम्रकैद में तब्दील कर दिया कि आरोपी नशे में था और दिमागी रूप से ठीक स्थिति में नहीं था। उस समय उसकी उम्र 23 साल थी।

दिल्ली में 16 दिसंबर को हुई गैंगरेप की घटना से तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने विचार व्यक्त किया था कि किसी अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) में रखने से पहले आरोपी की मानसिक स्थिति की जांच करनी चाहिए। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की बेंच ने कहा था कि अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में रखने से पहले अपराध को अंजाम देने के तरीके और आरोपी की मानसिक स्थिति का अध्ययन किया जाना चाहिए। बेंच ने कहा था, 'मृत्युदंड देने के लिए सीआरपीसी की धारा 354 (3) के तहत विशेष कारणों में केवल अपराध और उसके अनेक पहलू ही नहीं बल्कि अपराधी और उसकी पृष्ठभूमि भी आधार होते हैं।

तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में पाकिस्तान को 10 रनों से पराजित कर दिया.






भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण के बूते फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में रविवार को खेले गए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में पाकिस्तान को 10 रनों से पराजित कर दिया.

भारत ने पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 168 रनों की चुनौती रखी थी जिसका पीछा करते हुए पूरी पाकिस्तानी टीम 157 रन बनाकर ढेर हो गई.

कप्तान मिस्बाह उल हक ने अपनी टीम की ओर से सर्वाधिक 39 रनों की पारी खेली जबकि नासिर जमशेद ने 34 और उमर अकमल ने 25 रनों का योगदान दिया. मोहम्मद हाफीज ने 21 रनों की पारी खेली.

भारत की ओर से ईशांत शर्मा ने तीन जबकि भुवनेश्वर कुमार और रविचंद्रन अश्विन ने दो-दो विकेट झटके। रवींद्र जडेजा व अपना पहला एकदिवसीय मैच खेलने वाले शमी अहमद ने एक विकेट हासिल किया.

इससे पहले भारतीय बल्लेबाजों का फ्लाप शो फिरोजशाह कोटला मैदान पर भी बदस्तूर जारी रहा जहां प्रतिष्ठा से जुड़े तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में पाकिस्तान के सामने पूरी टीम 43.4 ओवर में 167 रन पर ढेर हो गयी.

भारत का शीर्ष क्रम फिर से नहीं चल पाया और उसका स्कोर चार विकेट पर 63 रन हो गया. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फिर से टीम का बोझ उठाने की कोशिश लेकिन इस बार वह भी 36 रन बनाकर आउट हो गये.

उन्होंने इस बीच सुरेश रैना (31) के साथ पांचवें विकेट के लिये 48 रन की साझेदारी की. पाकिस्तान की तरफ से ऑफ स्पिनर सईद अजमल ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 24 रन देकर पांच विकेट लिये.

भारत यदि स्कोर का बचाव करने में नाकाम रहता है तो यह 29 साल बाद पहला अवसर होगा जबकि भारत ने अपनी सरजमीं पर वनडे श्रृंखला के सभी मैच गंवाये. इससे पहले 1983 में वेस्टइंडीज ने 5-0 से क्लीन स्वीप किया था.

धोनी ने शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों में से किसी एक से मध्यक्रम का साथ निभाने की उम्मीद कर रहे थे. उन्होंने बड़े स्कोर की उम्मीद में पहले बल्लेबाजी का फैसला किया लेकिन मोहम्मद इरफान और जुनैद खान की तेज और स्विंग लेती गेंदों के सामने फिर से भारत का शीर्ष क्रम नहीं चल पाया.

पाकिस्तान के दोनों तेज गेंदबाजों को शुरू में पिच से मदद मिल रही थी और इसलिए कप्तान मिसबाह उल हक ने 14 ओवर तक गेंदबाजी में कोई बदलाव नहीं किया.

वीरेंद्र सहवाग को लगातार लचर प्रदर्शन के कारण बाहर किया गया लेकिन उनकी जगह टीम में लिये गये अजिंक्य रहाणे (4) फिर से मौके का फायदा उठाने में नाकाम रहे और इरफान की गेंद पर ड्राइव करने की कोशिश में विकेटकीपर कामरान अकमल को कैच दे बैठे. अब दिल्ली के दो खिलाड़ी गौतम गंभीर और विराट कोहली क्रीज पर थे.

दर्शकों में जोश था लेकिन जल्द ही उनका उत्साह ठंडा पड़ गया. गंभीर (15) ने इरफान की उठती गेंद पर कट करने के प्रयास में प्वाइंट पर कैच थमाकर अपना विकेट इनाम में दिया जबकि कोहली (7) ने जुनैद की गेंद को शरीर का इस्तेमाल किये बिना रक्षात्मक खेलना चाहा लेकिन वह उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप में यूनिस खान के सुरक्षित हाथों में चली गयी.

दिल्ली के इन दोनों बल्लेबाजों के लिये यह श्रृंखला बहुत खराब रही. गंभीर ने तीन मैच में 34 रन बना पाये तो पिछले साल भारत की तरफ से हर प्रारूप में सर्वाधिक रन बनाने वाले कोहली के नाम पर केवल 13 रन दर्ज रहे.

यह कोहली के करियर में पहला अवसर है जबकि वह लगातार तीन पारियों में दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच पाये. युवराज ने इरफान की गेंदों पर प्वाइंट और स्क्वायर लेग पर चौके जड़कर शुरुआत की. उन्होंने पहले बदलाव के रूप में आये उमर गुल का स्वागत भी दो चौकों से किया. गुल के इस ओवर में 18 रन बने जिसमें रैना का फ्री हिट पर जमाया गया चौका भी शामिल है.

लेकिन दर्शक अभी खुशी से झूम पाते कि मोहम्मद हफीज की तेजी से टर्न लेती गेंद युवराज को अचंभित करके उनका ऑफ स्टंप हिला गयी. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 23 गेंद पर इतने ही रन बनाये.

भारतीय दर्शकों की खुशी हालांकि किसी भी समय बहुत अधिक देर तक नहीं टिकी. रैना ने हफीज की गेंद पर लॉंग आन पर छह रन के लिये भेजी और फिर धोनी ने इसी गेंदबाज पर लगातार दो छक्के लगाये लेकिन ऑफ स्पिनर अजमल ने रैना और नये बल्लेबाज आर अश्विन को लगातार गेंदों पर एलबीडब्ल्यू करके भारत को फिर भंवर में फंसा दिया.

धोनी के हफीज पर लगाये गये पहले छक्के से भारत ने 27.4 ओवर में 100 रन पूरे किये. धोनी ने लगातार दो विकेट गिरने के बावजूद हफीज के अगले ओवर में फिर से मिडविकेट पर छक्का लगाया.

भारतीय कप्तान जब 29 रन पर थे तब उन्हें जीवनदान मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये. गुल की गेंद पर हवा में कट करने के प्रयास में उन्होंने प्वाइंट पर कैच थमा दिया.

अपनी 55 गेंद की पारी में एक चौका और तीन छक्के लगाने वाले धोनी पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में ,खेले गये विश्व कप सेमीफाइनल के बाद पहली बार भारतीय सरजमीं पर वनडे में आउट हुए.

इसके बाद रवींद्र जडेजा (27) के गुल और अजमल पर जमाये गये छक्के भारतीयों में कुछ खुशी भर पाये.

मैच के लिए टीम इस प्रकार थी
भारत- महेंद्र सिंह धोनी, गौतम गंभीर, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, आर अश्विन, ईशांत शर्मा, रवींद्र जडेजा, शमी अहमद, भुवनेश्वर कुमार.

पाकिस्तान- नासिर जमशेद, मोहम्मद हफीज, यूनुस खान, मिस्बाह उल हक, शोएब मलिक, उमर अकमल, कमरान अकमल, जुनैद खान, उमर गुल, सईद अजमल, मोहम्मद इरफान.



और भी... http://aajtak.intoday.in/story/india-vs-pakistan-delhi-odi-live-score-update-1-717583.html